आज सी.एन.सी. यंत्रण (मशीनिंग) के दौर में कारखानों में होने वाले यंत्रण के लिए निश्चित प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है। वास्तव में मशीन के साथ आए हुए सॉफ्टवेअर में ऐसे कई प्रोग्राम पहले से ही मौजूद होते हैं, जिसके बारे में लोग नहीं जानते हैं और जिनका शायद ही कभी उपयोग किया जाता है। इस लेख द्वारा कुछ ऐसे ही प्रोग्राम के बारे में आपको जानकारी देने का हमारा प्रयास है।
कार्यवस्तु की प्रोफाइल हूबहू उसके यंत्रचित्र (ड्रॉइंग) जैसी बनाने हेतु गोलाकार (स्फेरिकल) टर्निंग प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जाता है। उसमें प्रोग्रामर सामान्यतः टी.एन.आर.सी. (टूल नोज रेडियस कॉम्पेन्सेशन) का उपयोग करता है जिससे इन्सर्ट नोज की त्रिज्या की क्षतिपूर्ती होती है।
• बाएं ओर का कॉम्पेन्सेशन : G41
• दाएं ओर का कॉम्पेन्सेशन : G42
• रद्द करने के लिए : G40
गोलाकार बॉल या सॉकेट की टर्निंग में गोलाई की इच्छित गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए मशीन सेट करने वाले को निम्नलिखित मुद्दों पर ध्यान देना आवश्यक हैं।
X ऑफसेट
इस में अचूकता होना बहुत जरूरी है।
• यह गोलाकार बॉल का इइ व्यास (चित्र क्र. 1) को नियंत्रित करने में मदद करता है।
• गोलाकार प्रोफाइल का केंद्रबिंदु स्पिंडल के अक्ष पर आना चाहिए।
• टूल जैसे ही घिसे उसका X वेअर ऑफसेट (चित्र क्र. 2) ऐडजस्ट करना आवश्यक है।
ऑफसेट निश्चित करने के लिए टूल की थ्योरेटिकल टूल टिप (TTT) की बिंदु को संदर्भ बिंदु के रूप में जाना जाता है। जब टूल को चलने का निर्देश दिया जाता है तब यह TTT बिंदु निर्देश दिए गए बिंदु की ओर जाता है। TTT बिंदु (चित्र क्र. 3) का मार्ग प्रोग्राम के कोऑर्डिनेट से मेल नहीं खाता है। यंत्रण करते समय, सटीक कन्टूर पाने के लिए, जरूरी है कि TTT बिंदु की चाल, टूल की नोज त्रिज्या कन्टूर की स्पर्श रेखा (टैन्जंट) में हो।
यंत्रचित्र के मुताबिक प्रोफाइल बनाए रखने तथा ØAA एवं ØCC, ØBB के समान रखने के लिए कुछ सावधानियाँ आगे दी गई हैं
• जरूरी नहीं है कि उपयोग किए गए इन्सर्ट की त्रिज्या उस पर लगाए हुए लेबल के अनुसार हो। इसमें निर्माता के अनुसार टॉलरन्स अलग हो सकता है। यह अंतर BB एवं CC व्यास को प्रभावित करता है। फलस्वरूप गोलाकार बॉल का निर्माण नहीं होता।
• इसे ठीक करने के लिए हमें ठ वेअर में सुधार करना आवश्यक है। इस सुधार के बाद ही सटीक गोलाकार बॉल तैयार किया जा सकता है। वेअर का मूल्य ±0.02 मिमी. से ±0.08 मिमी. तक हो सकता है।
• इन्सर्ट जैसे घिसता है वैसे नोज की त्रिज्या बढ़ने लगती है। वेअर ऑफसेट पेज पर, R वेअर के उपयोग से, उसे सुधारना पड़ता है।
• G 41 प्रोग्राम का उपयोग करते समय, सिस्टम मैन्युअल का संदर्भ लेकर, टूल पेज पर टूल के प्रकार (LH/HR टूल) का उल्लेख करना जरूरी है।
काशिनाथ पत्नासेट्टी ‘एस डिजाइनर्स लि.’, ऐप्लिकेशन सपोर्ट ग्रुप के प्रमुख है। आप के पास मशीन बिल्डिंग और ऐप्लिकेशन, उत्पादकता वृद्धि ऐसे क्षेत्रोंका 27 सालोंका तजुर्बा हैं।