यंत्रण के अनेक कार्यों में इंडेक्सिंग टेबल का इस्तेमाल किया जाता है। इस लेख में पाठक को इंडेक्सिंग टेबल का पुरे विस्तार से परिचय करवाने का प्रयास किया है।
मशीन टूल के बहुत से कामों में इंडेक्सिंग टेबल का प्रयोग किया जाता है। इस लेख में इंडेक्सिंग टेबल से परिचय कराया गया है। इसके कारगर उपयोग से उत्पादकता और गुणवत्ता में कैसे सुधार लाया जा सकता है, इसका विवरण आगे दिया गया है। काम के प्रकार और उसकी आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल करने योग्य विभिन्न इंडेक्सिंग टेबल उपलब्ध हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।
1. हैड्रोलिक इंडेक्सिंग और क्लैंपिंग फेस गियर/हर्थ कपलिंग के साथ/उसके बिना
2. न्यूमैटिक इंडेक्सिंग और क्लैंपिंग
3. कैम चालित इंडेक्सिंग और क्लैंपिंग
4. इलेक्ट्रोमेकैनिकल फेस गियर/हर्थ कपलिंग के साथ
5. सर्वो मोटर चालित रोटरी टेबल
इस लेख में हम मुख्य रूप से हर्थ कपलिंग के साथ इलेक्ट्रोमेकैनिकल इंडेक्सिंग टेबल पर ज्यादा ध्यान देंगे। इनका उपयोग कर के यंत्रण (मशीनिंग) में सटीकता, सरलता और मजबूती का सर्वश्रेष्ठ संयोजन करना संभव है। यह इंडेक्सिंग टेबल केवल इंडक्शन मोटर और गिअर श्रंखला का उपयोग कर के चलाया जाता है। इसके लिए सी.एन.सी. इंटरफेसिंग या सर्वो मोटर की आवश्यकता नहीं होती। इलेक्ट्रोमेकैनिकल इंडेक्सिंग टेबल की प्रारूपिक संरचना चित्र क्र. 1 के अनुसार होती है। इसमें दो महत्वपूर्ण यंत्र रचनाएँ हैं
1. टेबल को इंडेक्स करने वाली समानांतर कैम यंत्र रचना
2. तीन भागों के हर्थ कपलिंग को क्लैम्पिंग और डीक्लैम्पिंग करनेवाली ड्रम कैम यंत्र रचना
इंडेक्सिंग टेबल कैसे चलता है?
इंडेक्सिंग के लिए तीन अलग अलग भाग वाली फेस गियर कपलिंग मुख्य रूप से काम करती है। कपलिंग के विशेष प्रारूप के कारण टेबल अपनी जगह से हिले बिना इंडेक्स हो जाता है। इससे उसे आवश्यक दृढ़ता और रिपीटैबिलिटी (दोहराए जाने की सटीकता) मिलती है। वर्म और वर्म वील की सहायता से 3 फेज की इलेक्ट्रिक मोटर कैमशाफ्ट को घुमाती है। कैमशाफ्ट फॉलोअर शाफ्ट को ‘जिनिवा मेकैनिजम’ की तरह असमान तरीके से घुमाता है। कपलिंग की जकड़ (क्लैंपिंग) और रिहाई (रीलीज) नियंत्रित करनेवाले ड्रम कैम भी कैमशाफ्ट गियर से जुड़े होते है। (चित्र क्र.1)
शुरु में 900 में होनेवाला कैमशाफ्ट का घुमाव फॉलोअर शाफ्ट को घुमाता नहीं, लेकिन ड्रम कैम 300 में घूमता है और इससे मिलनेवाले जकड़ बल के कारण स्लाइडिंग कपलिंग स्वतंत्र होता है। फिर 1800 में होनेवाला कैमशाफ्ट का घुमाव फॉलोअर शाफ्ट को 900 में इंडेक्स करता है। आगे का गिअर 300 या 450 के गुणन में घूमता है। इस घुमाव के समय ड्रम कैम की बाहरी रूपरेखा (प्रोफाईल) के कारण स्लाइडिंग कपलिंग मुक्त रहता है। कैमशाफ्ट के आखिरी 900 में होनेवाले घुमाव के समय स्लाइडिंग कपलिंग मुक्त रहता है तथा फॉलोअर शाफ्ट स्थिर रहता है। ड्रम कैम स्लाइडिंग कपलिंग को घसीटता है और डिस्क स्प्रिंग की सहायता से जकड़ बल प्रदान करता है।
कैमशाफ्ट के एक आवर्तन में ‘रिहाई-इंडेक्सिंग-जकड़’ का चक्र पूरा होता है। ऐब्सोल्यूट एन्कोडर इंडेक्सिंग टेबल के स्थान की जानकारी देता है। प्रॉक्जिमिटी स्विच इंडेक्सिंग टेबल के जकड़ स्थान की जाँच करता है।
इंडेक्सिंग कैम की समानांतर यंत्र रचना के कारण भारी उपकरण भी तेजी एवं आसानी से घूमते हैं। संगणक की सहायता से बनाए गए कैम की बाहरी रूपरेखा के कारण बिना कोई झटका लगे इंडेक्सिंग संभव होता है।
स्थान की अचूकता और रिपीटैबिलिटी को नियंत्रित करनेवाला हर्थ कपलिंग एक महत्वपूर्ण घटक है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी उपरोक्त चौखट में दी गई है।
इंडेक्सिंग टेबल के महत्वपूर्ण फायदे
1. अगर मशीनिंग सेंटर पर इंडेक्सिंग टेबल का इस्तेमाल किया जाए तो सी.एन.सी. कंट्रोल के लिए चौथे अक्ष की जरुरत नहीं पड़ती, क्योंकि इंडेक्सिंग मोटर को चलानेवाली मोटर एक साधारण इंडक्शन मोटर होती है। जिस कार्यशाला में 3 अक्षीय मशीनिंग सेंटर कार्यरत है, उनके लिए यह उपसाधन (ऐक्सेसरी) स्थापित करना और उसका इंटरफेस करना आसान होता है।
2. इसका काम पूर्ण रूप में बिजली से चलने के कारण परिपूर्ण है क्योंकि वायुचालित (न्युमैटिक) या द्रवचालित (हैड्रोलिक) जैसे कोई भी अन्य ऊर्जास्त्रोत की इस काम में आवश्यकता नहीं होती। जहाँ पर संपीड़क (कम्प्रेसर) नहीं होता ऐसे छोटे कारखानों में, अथवा हैड्रोलिक पॉवर पैक से ना चलाए जानेवाले मशीनों के लिए यह उपसाधन उपयुक्त है। अगर इंडेक्सिंग टेबल पर द्रवचालित/वायुचालित उपकरण लगाए हुए हैं, वहाँ ऑपरेटर को आवश्यक प्रावधान करने की आवश्यकता होती है।
3. इस प्रकार का इंडेक्सिंग टेबल सामान्यतः 12 x 300 या 8 x 450 के रूप में होता है। इसलिए यह टेबल 300 या 450 के अनुपात में घुमाया जा सकता है या इंडेक्स किया जा सकता है।
4. हर्थ कपलिंग द्वारा इंडेक्स करते समय अचूकता और दोहराए जाने की सटीकता मिलती है। इंडेक्सिंग की अचूकता +/- 6 आर्क सेकंड तथा दोहराए जाने की सटीकता +/- 2 आर्क सेकंड तक मिल सकती है। माइक्रॉन में बताया जाए तो, इंडेक्सिंग टेबल के केंद्र से 125 मिमि. दायरे पर 4.8 माइक्रॉन में अचूकता और 1.2 माइक्रॉन में दोहराए जाने की सटीकता मिलती है। वास्तव में हर्थ कपलिंग जितना ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है उतनी उसकी दोहराए जाने की सटीकता बढ़ती है। क्योंकि कपलिंग के ’v’ आकार के दाँत बार बार एक दूसरे के संपर्क में आने से उसकी ऊपरी सतह ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे के लिए पूरक बनती है तथा उनका संपर्क क्षेत्र बढ़ता जाता है।
5. तीन भागों के कपलिंग का उपयोग करने के कारण इंडेक्सिंग करते समय टेबल के मुख्य फ्लैंज को उठाया नहीं जाता।
6. इंडेक्सिंग टेबल के किस्म के अनुसार डिस्क स्प्रिंग 6 टन तक का जोरदार बल प्रदान करती है।
7. द्रवचालित और वायुचालित ऊर्जास्त्रोत पर चलने वाले इंडेक्सिंग टेबल की तुलना में इस इंडेक्सिंग टेबल की मरम्मत करना आसान होता है और इसमें बैकलॅश नहीं होता।
8. अपनी असाधारण रूपरेखा के कारण यह टेबल खड़ा या आड़ा रखकर उपयोग में लाया जा सकता है।
9. वी.एम.सी. या मिलिंग मशीन के साथ, रोटरी ट्रान्स्फर मशीन पर और वस्तु विक्रय/वितरण (वेंडिंग/डिस्पेन्सिंग) की एस.पी.एम. तथा स्वचालन के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
10. द्रवचालित उर्जा पर चलने वाले फिक्श्चरों के लिए द्रवचालित नलिका का प्रावधान केंद्रस्थान से रोटरी युनियन के साथ किया जा सकता है।
इंडेक्सिंग टेबल की परिसीमा
जहाँ इंडेक्सिंग 300 या 450 की गुणन में नहीं होता वहाँ इंडेक्सिंग टेबल का उपयोग सीमित है। जहाँ किसी विशेष डिग्री में इंडेक्सिंग की जरुरत होती है वहाँ सर्वो चालित रोटरी टेबल का उपयोग किया जाता है लेकिन इसके लिए चौथे अक्ष की क्षमता की जरूरत होती है।
इंडेक्सिंग टेबल के विभिन्न उपयोग
उपरोक्त विशेषता के कारण इंडेक्सिंग टेबल का उपयोग सामान्य 3 अक्षीय वी.एम.सी. पर नए तरीके से किया जाता है। उदाहरण के लिए
1. एक ही समय एक से ज्यादा कार्यवस्तुओं के यंत्रण के लिए इंडेक्सिंग टेबल पर आड़ी रोक लगाई जा सकती है, चाहे उसे केंद्रीय आधार हो या न हो। चित्र क्र. 2 में दिखाए गए जकड़ के अनुसार छोटे आकार की कार्यवस्तुओं का तीन तरफ से यंत्रण किया जा सकता है। इसके द्वारा सर्वोत्तम ज्यामितीय (जॉमेट्रिक) और त्रिमितीय (3 डाइमेन्शनल) अचूकता प्राप्त होती है। फिक्श्चर ब्लॉक के सभी यानि चारों ओर पर कार्यवस्तुओं को चढ़ाया जा सकता है। इसलिए यंत्रण का यह तरीका सबसे किफायती होता है।
2. केंद्रीय आधार होनेवाले पालने (क्रेडल) जैसे फिक्श्चरे: बड़े आकार की कार्यवस्तुओं का तीन ओर से यंत्रण करना संभव होता है। इस प्रकार की व्यवस्था के कारण चौथी छोर का भी यंत्रण किया जा सकता है (चित्र क्र. 3)।
3. चित्र क्र. 4 में दिखाई गई व्यवस्था में इंडेक्सिंग टेबल की सतह पर 3 जॉ या कॉलेट चक बिठाया जाता है। यह हाथ से या द्रवचालित पद्धति से चलता है।
4. फिक्श्चर सीधे इंडेक्सिंग टेबल की सतह पर स्थापित किया जाता है। (चित्र क्र. 5)
5. अगर शाफ्ट फेसिंग सेंटरिंग के लिए एस.पी.एम. मौजूद ना हो या कार्यवस्तुओं की मात्रा कम हो, तो इंडेक्सिंग टेबल और फिक्श्चर का इस्तेमाल कर के काम किया जाता है। चित्र क्र. 6 में एक ही समय काम होनेवाले दो शाफ्ट दिखाई दे रहे हैं।
उपरोक्त फायदों को ध्यान में रखते हुए, इंडेक्सिंग टेबल का उपयोग कर के साधारण 3 अक्षीय वी.एम.सी. पर छोटे से मध्यम आकार की कार्यवस्तुओं का यंत्रण किया जाता है। अगर ऐसा न हो, तो महँगे एच.एम.सी. का उपयोग करना पड़ता है। कार्यशाला के अभियंता इंडेक्सिंग टेबल का उपयोग अलग अलग और अभिनव तरीके से कर सकते है। इन बहुमूल्य उपसाधनों के कारण प्रणाली की नई संभावनाएँ हमारे सामने आती है और उत्पादकता तथा गुणवत्ता में तेजी से सुधार होता है।
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अतुल भिरंगीजी यांत्रिकी अभियंता है। आप ने प्रगति ऑटोमेशन प्रा. लि. में डिजाइन डेवलपमेंट विभाग में 1989 साल से शुरुवात की थी। 2001 साल से आप इस कंपनी के प्रबंधक संचालक हैं।