फैब्रिकैशन यह प्रधान व्यवसाय होने वाले ‘स्काइ इंडस्ट्रीज’ कंपनी ने, ‘विडमा’ के वी.टी.एल. का उपयोग कर के, ग्राहकों में एक भरोसेमंद तथा किफायती सप्लायर के रूप में अपनी प्रतिमा बनाई है। यह लेख इसी यात्रा की जानकारी पेश करेगा।
हमारे आसपास रहे उद्योग समूहों में दिखाई देने वाली भारी वजन की कार्यवस्तुएँ कई बार कास्टिंग या ज्यादातर फैब्रिकेशन से बनाई होती हैं। कच्ची सामग्री (रॉ मटिरिअल) से कास्टिंग बनाना या फैब्रिकेशन करना भिन्न कार्यविधियाँ हैं परंतु इनके अपने अपने गुणविशेष होते हैं। इन कार्यवस्तुओं का यंत्रण करते समय उन्हें दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है
1. जब कार्यवस्तु लगभग ब्लाक के आकार की होती हैं तो यंत्रण के लिए प्लेनर, प्लेनोमिलर, आड़े (हॉरिजाँटल) बोरिंग के साथ ही रेडियल ड्रिलिंग जैसे मशीनों का प्रयोग किया जाता है।
2. यदि कार्यवस्तु लगभग गोलाकार हो तो उसकी सतह पर गोलाकार व्यास के यंत्रण के लिए वर्टिकल टरेट समान मशीनों के साथ साथ रेडियल ड्रिलिंग जैसे मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है।
दोनों तरह का यंत्रण बड़े उद्योगों के लिए एक चुनौती साबित होती है क्योंकि इन कार्यवस्तुओं के यंत्रण के लिए आवश्यक यंत्रसामग्री, कटाई के आधुनिक औजार, कार्यवस्तुओं के साथ काम करने हेतु आवश्यक क्रेन आदि भले ही उपलब्ध हो, परंतु प्रायः उनके यंत्रण के लिए एक से ज्यादा सेटअप का प्रयोग करना पड़ता है। इसलिए महत्वपूर्ण सतहों/पृष्ठों की समकेंद्रीयता एवं लंबरूपता (स्क्वेअरनेस) जैसी गुणवत्ता के मापदंड़ प्रत्याशित मात्रा में हर समय पाना मुश्किल होता है। साथ ही, हर एक सेटअप के वक्त कार्यवस्तु उठाकर मशीन पर रखना, उसे अच्छी तरह से स्थिर कर के कसकर बाँधना इन सब कामों के लिए मानवी श्रम और बहुत समय जरूरी है। इसके पश्चात प्रत्यक्ष यंत्रण के दौरान कार्यवस्तु के जड़त्व (इनर्शिया) की वजह से गति (स्पीड), सरकन (फीड) में मर्यादाएँ आती हैं। फलस्वरुप उत्पादकता पर रुकावटें लग जाती हैं। इससे उत्पाद की कीमत पर नियंत्रण रखने में दिक्कत होती है।
छोटे या मध्यम आकार के व्यवसायों में तो यह बहुत ही पेचीदा होता है। इसकी प्रमुख वजह है, यंत्रण के लिए जरूरी उच्च गुणवत्ता के साधनों की दुर्लभता या अभाव। इस स्थिति का दृश्य परिणाम यह है कि छोटे या मध्यम आकार के व्यवसायों में कास्टिंग एवं फैब्रिकेशन बनाना और उसके बाद उसका यंत्रण करना, दोनों विधि एक ही छत के नीचे दिखाई देना दुर्लभ है।
फैब्रिकेशन को एक प्रमुख कार्यविधि के रुप में देख के औद्योगिक आवास में हमने ‘स्काइ इंडस्ट्रीज’ लघु उद्योग आरंभ किया। चीनी की फैक्टरियों को आवश्यक कार्यवस्तुओं का निर्माण करते हुए हमारी शुरुआत हुई। कुछ समय के बाद एक विख्यात पंप इंडस्ट्री के लिए आवश्यक रहे पुर्जों के निर्माण में हमने ख्याति पाई, किंतु उसकी व्याप्ति फैब्रिकेशन तक ही सीमित रही।
भारतीय बाजार के वैशीकरण के मोड़ पर प्रतिस्पर्धियों का सामना करते हुए कई बड़े उद्योगों ने अपने सप्लायरों का पुनर्गठन (रैशनलाइजेशन) करने की नीती अपनाई। इसका मतलब कास्टिंग या फैब्रिकेशन करने वाले उन उद्योगों को पसंदी दी जाने लगी जो संपूर्ण यंत्रण कर के ‘जोड़ने के लिए तैयार’ (रेडी फॉर असेंब्ली) स्वरुप में उनका संभरण कर सकते थे।
हमने जाना कि हमने बनाए फैब्रिकेशन के पुर्जे सामान्यतः गोलाकार थे और उनपर टर्निंग, बोरिंग, ड्रिलिंग जैसी प्रक्रियाएँ करने की आवश्यकता होती थी। इन सब पुर्जों का यंत्रण कर के ग्राहक को प्रदान करना हो तो हमें बड़ी वर्टिकल टरेट लेथ (वी.टी.एल.), बड़ी रेडियल ड्रिलिंग मशीन जैसे नए मशीन लगाने की जरूरत महसूस हो रही थी। सामान्य वी.टी.एल. की संरचना में कार्यवस्तु पकड़ कर लंब अक्ष के चारों ओर गोल घूमनेवाले एक चक की सुविधा होती है। साथ ही स्थिर टूल पकड़ने हेतु 4-5 स्टेशनवाले एक टरेट की या, गहराई में बोरिंग करने के लिए, एक रैम की सुविधा इसमें होती है। परंतु इसपर कोई भी घूमता यानि चल टूल न होने से ऐसे ऑपरेशन करने हेतु कुछ अलग अतिरिक्त सेटअप आवश्यक थे। इसलिए गुणवत्ता में निरंतरता, उत्पादकता एवं उत्पाद की कीमत इन निकषों में समझौता होने की घनी संभावना महसूस होती थी। उसी दौरान ‘केनामेटल’ के ‘विडमा’ की वी.टी.एल. मशीन की हमें जानकारी मिली। हमारी आवश्यकताओं और मर्यादाओं को पहचानते हुए इस मूल मशीन में अभिनव बदलाव ला कर उन्होंने हमारी सहायता की। स्थिर टूल की जगह चल (लाइव) टूल की रचना करते हुए ‘वर्टिकल टर्न मिल सेंटर’ नाम से ये उत्पाद बाजार में लाए गए थे। VT, VM और VU नाम की तीन मालिकाओं में उन्हें वर्गीकृत किया गया था।
हमारी आवश्यकताएँ और ‘विडमा’ ने हाल ही में बाजार में लाए इस उत्पाद से मिले अवसर का सुंदर संयोग करते हुए हमने ‘विडमा’ की तच 1250+ मशीन खरीदने का निर्णय लिया। जाहिर है कि उससे पहले हमने व्यावसायिक दृष्टिकोण से सभी बातों का अच्छी तरह से परीक्षण किया और कागज पर इस मशीन की हमारी कार्यवस्तुओं के प्रति उपयोगिता (गुणवत्ता एवं निवेश प्रतिफल) की परख की।
VM 1250+ मालिका की मशीन की संरचना की विशेषताएँ (चित्र क्र. 1)अब देखते हैं। इसमें रहे चक का व्यास 1250 मिमी. है और उसपर 1600 मिमी. व्यास की कार्यवस्तु का यंत्रण आसानी से किया जा सकता है। Z लंब अक्ष को 1250 मिमी. अंतर तक, 5 स्थितियों में, ऊपर नीचे हिलाया जा सकता है। इस गुणविशेष की वजह से यदि कम ऊंचाई की कार्यवस्तु का यंत्रण करना हो तो चक से आड़े आर्म की स्थिति इतनी करीब रखी जा सकती है कि कार्यवस्तु फिट हो। इस खूबी से यंत्रण के दौरान टूल का ऊपर नीचे संचलन न्यूनतम रख के आवर्तन काल (साइकिल टाइम) कम किया जा सकता है (चित्र क्र. 2, 3)।
इसके स्पिंडल में BT 50 का कोणीय पृष्ठ (टेपर) है जिसमें स्थिर टूल होने वाले होल्डर को या लंब अक्ष के चारों ओर घूमने वाले टूल को बिठा सकते हैं। जब स्थिर टूल (चित्र क्र. 4) का प्रयोग किया हो तब चक पर रखी कार्यवस्तु घूमती है और घूमते टूल के मामले में कार्यवस्तु स्थिर रहती है अथवा एक निश्चित कमान (आर्क) में आवश्यकतानुसार आगे पीछे हिलती है।
घूमने वाले टूल की रचना से अनेक कर्तनबिंदु होने वाले (मल्टी पॉइंट) टूल का इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे अधिक गति, सरकन का प्रयोग संभव होता है। यंत्रण के समय में महत्वपूर्ण बचत हो सकती है (चित्र क्र. 5)।
इस मशीन में स्थिर एवं चल दोनों मिलाकर 12 या 24 टूल, मैगजीन में बिठाई जा सकती हैं। यह संख्या अर्थात कार्यवस्तु की जटिलता एवं उत्पाद की कीमत का मेल जोड़ कर निश्चित की जा सकती है (चित्र क्र. 6)।
इसपर बिठाई रैम की मदद से किसी शुंडाकार या पतली कार्यवस्तु पर गहराई में किया जानेवाला यंत्रण बहुत ही अचूक और प्रभावशाली
तरीके से हो सकता है।
‘विडमा’ की इस मालिका के मशीन के कुछ प्रधान गुणविशेष इस प्रकार हैं
1. कास्टिंग का बहुत पक्का एवं मजबूत बेस और स्तंभ (कॉलम)
2. हार्डनिंग एवं ग्राइंडिंग किए हुए उच्च परिशुद्धता के गाईडवे जो बिल्कुल सीधी रेखा में होते हैं।
3. तेज प्रतिक्रिया (फास्ट रिस्पॉन्स) के लिए उच्च गुणवत्ता के बॉल स्क्रू
4. उत्कृष्ट भार वहन (लोड कैरिंग) के लिए बेअरिंग
5. पर्यावरण अनुकूल और शीतक (कूलंट) में मिश्रित न होनेवाले ग्रीस का स्नेहन प्रबंध (लुब्रिकेशन)
6. कम गति पर भी स्पिंडल को अधिक टार्क प्रदान करने वाला गिअर बाक्स
7. आवश्यकतानुसार ड्रम टाइप, चेन टाइप अथवा अंब्रेला टाइप स्वचालित टूल चेंजर
8. हाथ से पक्के किए जानेवाले या हैड्रोलिक चक की सुविधा
9. सी.एन.सी. दिशानिर्देशों पर चलने वाली सर्वो मोटर एवं ड्राइव हमारी CM 1250+ मशीन के और उसपर बनाई जानेवाली विभिन्न कार्यवस्तुओं के कुछ चित्र पढ़नेवालों की जानकारी के लिए चित्र क्र. 7 में दिखाए गए हैं।
‘विडमा’ की VM 1250+ मालिका की यह मशीन हमारी कारखाने में संस्थापित करने तथा शुरु करने में कुछ आरंभिक समस्याएँ आईं। परंतु ‘विडमा’ की बिक्री पश्चात शीघ्र सेवा के कारण हमें उससे ज्यादा तकलीफ नहीं पहुँची। पैदा हुई समस्याओं पर उन्हों ने स्थायी उपाय कर दिए। 4 साल बाद भी मशीन की उत्कृष्ट गुणवत्ता जारी है। इस मशीन की संरचना के गुणविशेष एवं शीघ्र सेवा के कारण हम अपने ग्राहकों की नजर में एक भरोसेमंद तथा किफायती सप्लायर के रुप में बस गए। साथ ही इस मशीन के कारण हमें अलग अलग प्रकार के काम मिलने लगे। विभिन्न आवश्यकताएँ होने वाले व्यावसायिक हमारे ग्राहक बने और वर्ग 1 सप्लायरों की श्रेणी में हमारी गिनती होने लगी।
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अभियांत्रिकी की शिक्षा पूरी करने पर रविंद्र नाकीलजी ने बजाज ऑटो कंपनी से अपने करिअर की शुरुआत की। 2006-07 में आपने खुद का कारोबार, ‘स्काइ इंडस्ट्रीज’ नाम से, आरंभ किया।