काम करने वाले कर्मचारी को यदि सुधार करने की स्वतंत्रता एवं प्रोत्साहन मिले, तो कार्यपद्धति में आसान बदलाव ला कर वह सिर्फ कार्य का समय ही नहीं घटाता बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता भी बढ़ाता है। पुणे में स्थित हमारी ‘टेक्नो स्किल इंजीनीयरिंग वर्क्स’ कंपनी में रोलर पर पी.वी.सी. स्लीव बिठाने का कार्य किया जाता है। उस प्रक्रिया में किए गए सुधार प्रस्तुत लेख में दिए गए हैं।
पी.वी.सी. स्लीव काटने का पुराना तरीका
पी.वी.सी. पाईप पकड़ कर उसमें से वांछित लंबाई की स्लीव हैक सॉ से काटना।
रोलर पर पी.वी.सी. स्लीव का आवरण चढ़ाने से पहले, स्लीव का दबना या उसका आकार बदलना टालने हेतु उसके सिरे (मुँह) के करीब मैंड्रिल घुसाना।
पी.वी.सी. स्लीव के मुँह के करीब मैंड्रिल बिठाने पश्चात उसे लेथ मशीन पर पकड़ कर फेसिंग एवं चैंफरिंग करना।
रोलर पर स्लीव बिठाना।
इसमें आने वाली दिक्कतें
लेथ मशीन पर, टूल की मदद से फेसिंग करते समय, स्लीव का मुँह खुरदरा होने के कारण उसमें टूल फँस कर स्लीव फटती थी।
इस तरीके में कई बार पकड़ की ताकत कम या अधिक होने की वजह से भी स्लीव कई बार फटती थी और उसका आकार बदलता था।
फेसिंग एवं क्लैंपिंग अचूक ना होने के कारण 10 स्लीव में से 4 स्लीव खराब होती थी। साथ ही हैक सॉ की मदद से स्लीव काटी जाने के कारण उसमें अचूकता बिल्कुल ही नहीं पाई जा रही थी और छोर तेज नहीं बन रही थी।
फलस्वरूप पी.वी.सी. स्लीव के भीतर रोलर ठीक से ड़ाला नहीं जा सकता था।
इस पूरी विधि में समय एवं कच्ची सामग्री की बरबादी से हो रहा नुकसान टालने हेतु पी.वी.सी. स्लीव काटने की पद्धति में बदलाव लाने की जरूरत महसूस होने लगी। पी.वी.सी. स्लीव का आकार ना बदलते हुए उसे काटना और पी.वी.सी. स्लीव फट ना जाना, यह दो प्रधान उद्देश्य हासिल करने थे। इसके लिए लेथ मशीन पर ही कट ऑफ वील बिठाने का प्रयोग करने का निर्णय लिया गया।
नई पद्धति
पी.वी.सी. पाईप लेथ के चक में बिठाना।
वांछित दूरी पर, टेल पोस्ट पर, रिवॉल्विंग सेंटर कस कर बिठाना।
सेंटर एवं चक के बीच पाईप पकड़ना।
टूल पोस्ट पर बिठाए कटर की मदद से पाईप काट कर चहीते आकार का टुकड़ा बनाना।
चक की पकड़ ढ़ीली कर के पाईप को सेंटर तक आगे सरकाना।
काटी हुई धाराएँ स्वच्छ करना।
रोलर पर स्लीव चढ़ाना।
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प्रसाद परचुरेजी ‘टेक्नो स्किल इंजीनीयरिंग वर्क्स’ कंपनी के मालिक हैं। आपको जटिल पुर्जे अचूकता से बनाने का दीर्घ अनुभव है।