इससे पहले के लेख में हमने तत्काल सहायता, मशीन शुरु ना होना, स्नेहन तेल का स्तर उचित ना होना, साथ ही स्नेहन तेल का दबाव कम होने के असर इन समस्याओं के बारे में जानकारी पाई है। अब इस अंक में हम जानेंगे कि चक के संबंध में कौन सी समस्याएँ निकलती हैं।
सी.एन.सी. लेथ मशीन पर रहा चक हैड्रोलिक दबाव पर काम करता है और इसके लिए पाँव से इस्तेमाल की जाने वाली कुंजी (फूट ऑपरेटेड स्विच) का प्रयोग होता है, क्योंकि कार्यवस्तु पकड़ने के लिए कर्मचारी के दोनों हाथ रिक्त होना अच्छा होता है। इससे दुर्घटना की संभावना घटती है। चक हमेशा खुली स्थिति में होता है। जब पाँव से कुंजी दबाई जाती है तब कार्यवस्तु चक में कस कर पकड़ी जाती है और वही कुंजी फिर से दबाने से कार्यवस्तु पर लगाया हुआ दबाव हट कर कार्यवस्तु चक में से बाहर निकाली जा सकती है। परंतु जब यह कुंजी बार बार दबाने से भी चक कार्यवस्तु पकड़ता या छोड़ता नहीं है, याने कि क्रियाशील नहीं है, तब हम जानते हैं कि चक बिगड़ा हुआ है। पाँव से दबाई जाने वाली कुंजी दो तत्वों के आधार पर चलती है। कुंजी यांत्रिकी तरह से (मेकैनिकल) दबाई जाती है और इशारा (सिग्नल) बिजली से दिया जाता है। यदि यांत्रिकी भाग में बिगाड़ हो तो कुंजी सही तरीके से काम नहीं करती, क्योंकि बिजली से इशारा नहीं मिलता। परिणामस्वरूप चक निष्क्रिय होता है और अलार्म बज कर हमें चेतावनी मिलती है। पाँव से दबाई जाने वाली यह कुंजी भी बिजली पर चलने के कारण यदि बिजली की सप्लाइ 24 Volt कम दबाव पर हो रही हो तो भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
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अब हम इस समस्या के यांत्रिकी भाग पर ध्यान देते हैं। इस चक में प्रधान रूप से इन हिस्सों में घर्षण होता है
1. चक एवं उस पर रहे जॉ में।
2. ड्रॉ बार और वह जिस हिस्से में बिठाया होता है उन दो हिस्सों में।
यदि ड्रॉ बार आगे पीछे ना हिल रहा हो तो चक के जॉ की चहीती हलचल नहीं होगी। इसलिए यह देखना आवश्यक है कि ड्रॉ बार का मुक्त संचलन हो रहा है या नहीं। यह संचलन सही हो और फिर भी चक काम ना करता हो तो जाँचना होगा कि क्या जॉ चक में फँसे हुए हैं? इसकी वजहें निम्न हो सकती हैं
1. चिप फँसने से
2. चिप बड़ी मात्रा में पैदा होने से
3. तन्य (डक्टाईल) धातु का यंत्रण
4. भंगुर धातु के यंत्रण (जैसे कि कास्ट आयर्न) में छोटे आकार की चिप निर्माण होती हैं और वे चक का स्लाईडर जॉ तथा जॉ ओपनिंग के बीच की दरार में इकट्ठा होने से यह समस्या निर्माण होती है। साथ ही निर्माण होने वाली धूल भी इसका कारण बनती है।
ऊपरी बातों के संदर्भ में निवारक उपाय है कम से कम महीने में एक बार चक साफ करना। अर्थात बनाई जाने वाली कार्यवस्तु के किस्म पर भी यह निर्भर होता है।
हररोज ग्रीसिंग करना जरूरी है। परंतु कई बार सर्विसिंग तब तक नहीं किया जाता जब तक कोई समस्या नहीं उभर आती। आयोजन की इस कमी से उत्पादन में रुकावट आती है और देखभाल के खर्चे में काफी बढ़ाव होता है। इसीलिए अंग्रेजी में एक कहावत है, ‘A stitch in time saves nine.'
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नारायण मूर्तीजी ‘माइक्रोमैटिक मशिन टूल्स प्रा. लि.’ में कस्टमर सपोर्ट विभाग के प्रमुख हैं। आप मशीन मेंटेनन्स में दीर्घ अनुभव रखते हैं।