कारखाने में हर बार बड़े सी.एन.सी. मशीन की जरूरत नहीं होती है। बाजार में भी कई बार ग्राहकों द्वारा छोटे सी.एन.सी. मशीन की मांग की जाती है। वर्तमान स्थिति में भारत में इस्तेमाल होने वाले सी.एन.सी. टर्निंग मशीन, 32 मिमी. से 200 मिमी. तक और अधिक व्यास के बार तथा कास्टिंग और फोर्जिंग के रूप में होने वाले कच्चे माल पर काम कर के तैयार होने वाली कार्यवस्तुओं के लिए उपयुक्त हैं। लेकिन कई कारखानों में इतने बड़े मशीनों की (आकार, बिजली की खपत और मूल्य की दृष्टि से) जरूरत नहीं होती है। इसलिए ऐसी ब़डी मशीनों पर 32 मिमी. अथवा उससे कम आकार की कार्यवस्तु पर काम करना महंगा साबित होता है, क्योंकि प्रकिया का खर्चा बढ़ जाता है। ग्राहक की इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए ‘अभिजात’ कंपनी ने बार से टर्निंग कर के बनने वाली छोटी कार्यवस्तुओं के लिए किफायती मशीन तैयार किया है।
सी.एन.सी. लेथ की सामान्य परिभाषा है, ‘घूमने वाली कार्यवस्तु और स्थायी टूल का चलन संगणक की सहायता से नियंत्रित कर के चलने वाला लेथ मशीन’। बाजार में मौजूद सस्ते विदेशी सी.एन.सी. लेथ के भारतीय विकल्प के रूप में हमने दीपक इं 32 यह सी.एन.सी. मशीन विकसित किया है।
इसके लिए हमने, हमारे ऑटोमैट में उपयोग की जाने वाली सुविधाओं का ही इस्तेमाल कर के सी.एन.सी. लेथ न्यूनतम खर्चे में बनाने पर विचार किया। जैसे कोलेट खोलने तथा बंद करने (ओपनिंग-क्लोजिंग) वाली जो प्रणाली ऑटोमैट में है, उसी का प्रयोग यहाँ भी करने की कोशिश की है। चक की जगह यहाँ कोलेट सिस्टम दी गई है। बाजार में आसानी से मिलने वाले कोलेट का उपयोग हमने यहाँ किया है। इसमें चकिंग के लिए हैड्रोलिक या न्यूमैटिक सिलिंडर का प्रयोग कर के हमने इसे ‘फिंगर’ पर चलाया है, साथ ही एक हैड्रोलिक पुशर दिया है।
स्पिंडल की रचना सी.एन.सी. जैसी ही है। अच्छे रनआऊट के लिए सी.एन.सी. की तरह यहाँ भी ऐंग्यूलर कँटैक्ट बेरिंग दिए गए हैं। ऑटोमैट में सेटिंग करने के लिए ज्यादा समय लगता है या कुशल ऑपरेटर की जरूरत होती है। लेकिन यहाँ स्लाइड, सी.एन.सी. से नियंत्रित हैं। ऑटोमैट में LM गाईडवे इस्तेमाल नहीं किए जा सकते, लेकिन यहाँ LM गाईडवे के इस्तेमाल से हम अच्छी रिपीटैबिलिटी और अचूकता पा सकते हैं। स्लाइड को सर्वो मोटर दिए हैं क्योंकि हमें स्लाइड में मजबूती (स्टर्डीनेस) एवं अचूकता चाहिए। स्पिंडल के लिए सर्वो की जरूरत नहीं है क्योंकि वहाँ ओरिएंटेशन की जरूरत नहीं है। मल्टी स्टार्ट थ्रेडिंग आवश्यक न होने के कारण, कीमत कम रखने के लिए, सर्वो के बजाय हमने स्पिंडल को VFD चलित मोटर दी है। टरेट के बदले रेखीय (लीनियर) टूलिंग दिया है जिससे, टरेट के मामले में, हर टरेट स्टेशन फिर से ‘होम’ स्थिती में जाने के लिए लगने वाला समय बचता है। काम की जरूरतों के अनुसार यह पूरी स्लाईड बदली जा सकती है। इस मशीन में पेंच (थ्रेड) बना सकते हैं।
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मशीन का बार फीडर ऑटोमैटिक कैम चालित लेथ जैसा ही है। ऑटोमैटिक कैम चालित लेथ में पाइप टाइप और साइलेंट टाइप यह दो प्रकार के बार फीडर होते हैं। साइलेंट बार फीडर में दो डंड़े (रॉड) होते हैं। इन दो डंड़ों के बीच में से बेरिंग हाउसिंग लगा कर, बार पाइप में से न जाते हुए बेरिंग हाउसिंग में से गूँथा जाता है और वह हाउसिंग में से ही आगे खुला छोड़ा जाता है। किनारे में दो बार का आधार होने के कारण इसकी आवाज बहुत कम होती है। इसमें गुरुत्वाकर्षण बल की सहायता से बार आगे जाता है, इसलिए इसमें खर्चा कम हो जाता है।
हेडस्टॉक ऑटोमैटिक कैम चालित लेथ जैसा ही है। इसके लिए बहुत ही कम जगह की जरूरत होती है। ऑटोमैटिक कैम चालित लेथ जैसा यहाँ भी कूलंट टैंक नीचे लिया है। चिप ट्रे उसके नीचे है। मुंबई, पुणे जैसे बड़े शहरों में, जहाँ जगह बहुत महँगी होती है, वहाँ बहुत कम जगह में यह मशीन रखा जा सकता है। आज बाजार में 4-5 लाख रुपयों में मिलने वाली चाईनीज मशीनों की अचूकता 6-8 महीनों में खत्म होती है और कार्यक्षमता भी कम होती है। मशीन के बेस की संरचना करते समय सभी संभव दबावों का विस्तारपूर्वक विचार नहीं किया जाता है, सारा ध्यान सिर्फ कीमत कम रखने पर देने से ऐसा होता है।
इस मशीन की विशेषताएं
• इसका बेड समतल (फ्लैट) है।
• मुख्य स्पिंडल को 3000 आर.पी.एम. तक घुमाया जा सकता है।
• इसकी लीनियर स्लाइड X और Z अक्षों में घूमती है।
• इसमें टूल प्लेट पर लीनियर टूल लगाने की सुविधा है जिससे टरेट इंडेक्सिंग का समय बचता है।
• आम टरेट टाइप मशीन के मुकाबले हर टूल को कार्यवस्तु के पास पहुंचने में 30% कम समय लगता है।
• पूरी टूल प्लेट बाहर निकाल कर उस जगह अन्य टूल प्लेट लगाने की सुविधा दी गई है। इससे हर वक्त नई कार्यवस्तु बिठाते समय सेटिंग टाईम में 50% बचत होती है।
हमारी मशीन पर 32 मिमी. आकार का पुर्जा बार फीडिंग पद्धति से बनाया जा सकता है। कटपीस यानि टुकड़ों में से 42 मिमी. तक के आकार का बार बन सकता है। सामान्य थ्रेडिंग, टर्निंग के साथ ही बोरिंग, टेपर टर्निंग, रेडियस आदि विधि भी किए जा सकते हैं। इसे X तथा Z दोनों स्लाइड हैं।
इन सभी घटकों का विचार करते हुए, 10-15 ऑपरेशन होने वाले ‘सुपर क्रिटिकल’ पुर्जे न बनाने हो, तो अन्य सी.एन.सी. लेथ की तुलना में, प्रति पुर्जा कीमत किफायती रखने के लिए यह मशीन एक आदर्श विकल्प साबित हो सकता है।
0 9561116444
सचिन दोशीजी ‘अभिजात इक्विपमेंटस् प्रा. लि.’ के कार्यकारी संचालक हैं। आपको सी.एन.सी. एवं ऑटोमैटिक लेथ के निर्माण में 30 साल का अनुभव है।