कारखानों में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न टूल होल्डर की तांत्रिक जानकारी देने वाला तथा उनकी विशेषताएं बताने वाला पाठ। विविध प्रकार के उपलब्ध टूल होल्डर तथा उनके माउंटिंग और उनकी विशेष उपयुक्तता के बारे में दिया गया विवरण पाठकों के लिए उपयुक्त होगा।
अंग्रेजी भाषा में ‘मशीन टूल’ इन शब्दों से किसी भी धातु या कठोर वस्तु पर कटिंग, बोरिंग, ग्राइंडिंग, शियरिंग या शेपिंग के काम करने हेतु इस्तेमाल किया जाने वाला मशीन दर्शाया जाता है।
टूल शब्द उपरोक्त कोई भी काम करने के लिए इस्तेमाल होने वाले सर्पिल (हेलिकल) या सीधी धार वाले या नुकीले, तेज औजार के लिए इस्तेमाल होता है। यह काम करने वाले मशीनों का निर्माण इंग्लैंड, यूरप तथा अमरीका में औद्योगीकरण के आरंभ में हुआ।
टूल पकड़ने की प्रणालियों के लगभग सारे आविष्कार इन्हीं देशों में हुए। इसकी शुरुआत पैरलल शैन्क प्रकार के टूल होल्डर से हुई। इसमें ज्यादातर एकल स्क्रू के इस्तेमाल से बिल्कुल सुलभता से टूल पकड़ा जाता था। उसके बाद स्वयंधारक (सेल्फ होल्डिंग) टेपर आए, जैसे कि मोर्स टेपर (स्टीफन ए. मोर्स, यूएसए 1864)। जेकब्ज टेपर और ब्राउन ऐंड शार्प टेपर भी इसी श्रेणी में थे। इस टेपर में छोटे कोण में शंक्वाकार होती गई एक खोखली नली में लगभग उसी अंश में शंक्वाकार होने वाली मुट्ठी कस कर बिठाई जाती है। जहाँ खड़ी दिशा में बल कार्यान्वित होता है, वहाँ इसका प्रयोग हो सकता है। मशीन टूल में इसका उपयोग प्रमुख रूप से ड्रिलिंग, टैपिंग, रीमिंग कामों के लिए किया जाता है।
मशीन टूल ऑपरेटर को टूल बिट लगाने तथा हटाने में आसानी और तेजी महसूस होना जरूरी होता है। मिसाल के तौर पर लेथ के हेडस्टॉक की स्पिंडल पर स्पर ड्राइव माउंट करना या कौलेट पर कार्यवस्तु चढ़ाना या ड्रिल प्रेस में चक का इस्तेमाल करते (या ना करते) हुए एक बिट लगाना आदि। हाथ से चलाए जाने वाले सादे मशीन से नवीनतम सी.एन.सी. मशीन तक सारे मिलिंग मशीनों में शंक्वाकार पृष्ठ पर लगाए टूलिंग का प्रयोग किया जाता है।
टूल माउंट करने के लिए मशीन टेपर एक सरल, कम खर्चेवाली, अच्छी पुनरावर्तनक्षमता की बहुउद्देशीय प्रणाली है। इसके द्वारा इंडेक्सिंग की बहुत ही अच्छी सुविधा मिलती है, क्योंकि टूल कम समय में बदले जा सकते हैं और टेपर के द्वारा उनका अक्षीय (ऐक्सियल) और संकेंद्री (कॉन्सेन्ट्रिक) स्थान निर्धारण सटीकता से किया जा सकता है। मिलिंग के लिए स्पिंडल के पृष्ठ से टूल के पृष्ठ तक आवश्यक होने वाला उच्च उर्जा का हस्तांतरण भी इसके द्वारा होता है।
स्पिंडल टेपर अचूकता तथा टूल होल्डर टेपर अचूकता का महत्व
मशीन टूल स्पिंडल का मेल, AT2 श्रेणी के टेपर की अचूकता से कम सटीकता से और टूल होल्डर ATR3 श्रेणी के टेपर अचूकता से होना आवश्यक होता है। दोनों के बीच की अचूकता नियंत्रित करने से ये लाभ मिलते हैं
1. उच्च संकेंद्रिता
2. टेपर की परिपूर्ण फिटमेंट में से ही ड्राइव मिलता है।
3. उच्च टॉर्क ट्रान्समिशन
4. भारयुक्त स्थिति में टूल होल्डर स्पिंडल में से फिसलता नहीं है।
5. लंबे दूरी तक यंत्रण संभव होता है।
6. उत्तम भारवहन क्षमता
मशीन टेपर के दो प्रकार होते हैं, स्वयंधारक (सेल्फ होल्डिंग) और स्वयंमोचक (सेल्फ रिलीजिंग)। स्वयंधारक टेपर में मेल एवं फीमेल टेपर के बीच पृष्ठों के दृढ़ संपर्क के कारण वे एक दूसरे को इस तरह जकड़ कर रखते हैं कि ड्रॉ बार के बिना यंत्रण के बलों का सामना किया जा सकता है और काम होने के बाद भी टूल स्पिंडल के अंदर ही रहता है। जब टूल बदलना हो तब उसे ठोक कर बाहर निकालना पड़ता है। मोर्स और जेकब्ज टेपर स्वयंधारक श्रेणी के उदाहरण हैं। मोर्स टेपर में भी टैंग का उपयोग सिर्फ टूल बाहर निकालने के लिए ही करना चाहिए, ड्राइव के लिए नहीं। वरना वे ओवरलोड हो कर टेढ़ेमेढ़े हो जाते हैं या टूट जाते हैं। स्वयंमोचक टेपर में स्पिंडल की शंक्वाकार खोखली जगह में (फीमेल) टूल की शंक्वाकार मुट्ठी (मेल) ड्रॉ बार के बिना कस कर नहीं बिठा सकते। लेकिन ड्रॉ बार का बल अच्छा हो तो वे कस कर जुड़ सकते हैं। स्वयंमोचक प्रकार के NMTB/CAT और HSK ये दो मिसाल हैं।
हल्के वजन के लिए (जैसा लेथ के टेलस्टॉक में या ड्रिलिंग मशीन में होता है) स्वयंधारक टेपर वाले टूल आसानी से स्पिंडल पर या स्पिंडल के अंदर लगा सकते हैं। स्पिंडल का कार्यवस्तु पर पड़ने वाला दबाव शंक्वाकार मुट्ठी को शंक्वाकार खोखली जगह में कस कर रखने के लिए काफी होता है। दोनों के संपर्क के अंतर्पृष्ठीय (इंटरफेस) घर्षण के कारण जरूरी मात्रा में टॉर्क का हस्तांतरण हो सकता है और उसके लिए किसी भी प्रकार की खांचपट्टी (स्प्लाइन) या चाबी की आवश्यकता नहीं होती है। स्पिंडल पर दिए हुए टेनन केवल पॉजिटिव ड्राइव के लिए और दुर्घटना, ओवरलोड आदि के समय स्पिंडल का संभाव्य नुकसान टालने के लिए हैं।
जब भार ज्यादा हो (जैसे मिलिंग मशीन स्पिंडल में होता है), तो टूल का स्पिंडल के अंदर गोल घूमना टालने के लिए सामान्यतः एक चाबी दी जाती है। इसके अलावा, ड्रॉ बार में पकड़ा हुआ, पेंच (थ्रेड) वाला एक पुर्जा दिया जाता है। यह ड्रॉ बार थ्रेड में अथवा स्क्रू द्वारा पकड़े हुए पुल स्टड के शीर्ष (हेड) में पकड़ा होता है। ड्रॉ बार को कस कर फिर टूल की मुट्ठी को स्पिंडल के अंदर खींच के कस कर जकड़ा जाता है। मिलिंग मशीन में ड्रॉ बार का अहम् स्थान है क्योंकि अगर वह नहीं होता, तो कर्तन बल की आड़ी दिशा के कारण टूल टेपर में से बाहर निकल आ सकता है।
सारे मशीन टेपर, छिलना, पिचकना, छपटी निकलना, कूड़ा आदि मामलों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होते हैं। मेल और फीमेल पुर्जों के पूरे शंक्वाकृती अंतर्पृष्ठों में एक दूसरे से दृढ़ संपर्क स्थापित नहीं हुआ तो ये टेपर योग्य स्थान पर सटीकता से पक्के नहीं होते हैं और उनकी स्वयंधारकता की विेशसनीयता कम हो जाती है। टेपर साफ रखने की और किसी भी कारण से छपटी न निकलने की सावधानी बरतने की प्रशिक्षा ऑपरेटर को दी जाती है। सी.एन.सी. टूल बदलने के आवर्तन में जब एक टूल होल्डर की जगह दूसरा टूल होल्डर लगाया जाता है, तब सामान्यतः उसके उपर दबावयुक्त वायु की (कंम्प्रेस्ड एअर) फुहार उड़ाई जाती है। वायु की इस फुहार की मदद से अंदर के छिलके तथा कूड़ा बाहर उड़ जाता है। अगर छपटे वहीं रहे, तो वे टूल होल्डर और स्पिंडल के बीच में अटकाव बन कर रह जाएंगे।
मिलिंग मशीन, वी.एम.सी. तथा एच.एम.सी. पर इस्तेमाल होने वाले टूल होल्डर
सामान्यतः टूल होल्डर, मशीन टूल स्पिंडल के टेपर के अनुसार वर्गीकृत किए जाते हैं। पारंपरिक मिलिंग मशीन के स्पिंडल टेपर के प्रकार नीचे दिए गए हैं। ये सारे टेपर स्वयंमोचक होते हैं।
मशीन टूल के स्पिंडल के प्रकार
1. ISO टेपर 7:24 - हाथ से टूल बदलना, क्लैम्पिंग (ISO 30, ISO 40, ISO 50 और ISO 60), ड्रॉ बार क्लैम्पिंग
2. खडज टेपर - टूल बदलना मैन्युअल तथा अन्य कई प्रकार। हैड्रोलिक या इलेक्ट्रिक पुश बटन वाली क्लैम्पिंग प्रणाली (खडज 30, खडज 40, खडज 50 और खडज 60), एकीकृत नेक (माहो टाइप) या थ्रेड वाली (डेकेल टाइप)
3. खडज टेपर - टूल का स्वचालित बदलना, थ्रेडेड पुल स्टड माउंट किए हुए संशोधित खडज टेपर माउंट का उपयोग मल्टी टूल मैगेजिन के साथ किया जाता है। इस मैगेजिन में टूल को बदलने के लिए पॉकेट संख्या का निर्देश करने वाला एक स्वचालित हाथ होता है। इससे टूल बदलने में लगने वाले समय की बचत होती है और अनुत्पादक समय काफी हद तक कम होता है।
उपरोक्त सारे टूल होल्डर का प्रयोग बड़े व्यास के (जैसे फेस मिल कटर और समरूप) सभी एच.एस.एस. टूल तथा नए प्रकार के कार्बाइड टूल के लिए किया जा सकता है।
शीघ्र गति से यंत्रण करने के प्रयासों में यह एक पड़ाव था। इसके लिए विकसित किए गए नए टूल के निर्माण में अलग मटीरीयल और उसके उपर विभिन्न परतें चढ़ाने का प्रयोग किया गया। उसके लिए मशीन टूल के उत्पादकों को रनआउट की उच्च अचूकता एवं उच्च गुणवत्ता वाले, शीघ्र गति के मशीन टूल स्पिंडल का विकसन करना आवश्यक था।
इस नई जरूरत को पूरी करने के लिए नए डिजाइन के स्पिंडल बाजार में आए, जैसे कि HSK, कैप्टो, केएम, एरिक्सन आदि। मशीन टूल निर्माताओं ने स्पिंडल टेपर में कालसंगत बदलाव लाए। हाल में कई जापानी मशीनों में बिग प्लस स्पिंडल (BBT स्पिंडल) प्रणाली उपलब्ध हो रही है। इसमें कोण का स्थान और टेपर स्पिंडल के फेस का तथा टूल होल्डर के फ्लैंज के फेस का प्रयोग करने वाले ISO टेपर का उपयोग किया जा सकता है।
सी.एन.सी. टूल होल्डर एवं माउंटिंग के प्रकार
1. DIN 2080 / ISO / SK टेपर
दो ड्राइविंग स्लॉट के साथ पतली कॉलर, टेपर माउंट और पुलिंग थ्रेड के साथ। सामान्यतः उपलब्ध आकार (ISO 30, ISO 40, ISO 50 तथा ISO 60)।
टूल होल्डर माउंटिंग
ISO 2080 /ISO 40 7:24 ऑटो ग्रूव के साथ टेपर (नेक पर पुलिंग ग्रूव होने वाला डिजाइन) माहो मिलिंग मशीन के लिए ऑट जेकब जर्मनी ने संरचित पहला मैन्युअल ऑटो टूल चेंज डिजाइन।
2. SK टेपर
बडे V ग्रूव के साथ मोटे फ्लैंज, टेपर माउंट और पुलिंग थ्रेड वाले, लोकेटिंग बोर होने वाले। सामान्यतः उपलब्ध आकार (ISO 30, ISO 40, ISO 50)।
टूल होल्डर माउंटिंग (जापान स्टैंडर्ड)
पुल स्टड माउंटिंग थ्रेड के साथ BT स्टैंडर्ड माउंटिंग (JIS), स्वचालित टूल चेंजर के लिए फेस क्लैम्पिंग, ISO टेपर 7:24 वाला, इसमें संपूर्ण स्वचालित पद्धति से टूल बदलना संभव है। ऐसे टूल होल्डर को, वॉशर और OTT ग्रूव वाले पुल स्टड जैसे अतिरिक्त पुर्जों का उपयोग कर के, DIN 2080 / ISO / SK में बदल सकते हैं।
3. SK / DIN 69871
टेपर माउंट, ‘V’ ग्रूव वाले महीन फ्लैंज, सारे आकारों के लिए एक ही प्रकार की ‘V’ ग्रूव प्रोफाइल, फ्लैंज पर दिशानिर्देशक खांच, टेनन के लिए अलग अलग गहराई वाले ड्राइव स्लॉट, पाइलट बोर के साथ मेट्रिक पुल थ्रेड। इससे यह लाभ है कि टूल की कर्तन की धार का स्थान कभी भी 180° में बदलता नहीं है। इसी कारण बोरिंग टूल का उपयोग करते समय आकार में फर्क नहीं आता है। सामान्यतः उपलब्ध आकार ISO 30, ISO 40, ISO 50&
टूल होल्डर माउंटिंग (जर्मन स्टैंडर्ड)
SK टेपर स्टैंडर्ड माउंटिंग (DIN 69871) पुल स्टड माउंटिंग थ्रेड के साथ, स्वचालित टूल चेंजर के लिए फेस क्लैम्पिंग, ISO टेपर 7:24, फ्लैंज पर दिशानिर्देशक खांचा। टूल की कर्तन छोर का ओरिएंटेशन एक ही स्थान पर। संपूर्ण स्वचालित पद्धति से टूल बदलना संभव। ऐसे टूल होल्डर को, वॉशर एवं OTT ग्रूव वाले पुल स्टड जैसे अतिरिक्त पुर्जों का उपयोग कर के, DIN 2080 / ISO / SK में बदल सकते हैं।
4. अमेरिकन स्टैंडर्ड टूल होल्डर
ये SK / DIN 69871 जैसे ही होते हैं, लेकिन इनमें फ्लैंज पर ‘V’ आकार का खांचा नहीं होता। छोटे ड्राइव स्लॉट के अंदर एक छिद्र होता है और पाइलट बोर के साथ इंचों में पुल थ्रेड रहते हैं। उपरोक्त सभी टूल होल्डरों के केंद्रों अथवा फ्लैंज में से शीतक का प्रवाह रचाना संभव है।
प्रकार A : शीतक के बिना
प्रकार AD : केंद्र में से शीतक
प्रकार AD + B : फ्लैंज में से तथा केंद्र में से शीतक
सामान्यतः उपलब्ध आकार ISO 40, ISO 50I उपरोक्त सारे टूल होल्डर, कन्वर्जन किट के उपयोग से, DIN 2080 टूल होल्डर में रूपांतरित करना संभव है और सामान्य मिलिंग मशीन पर भी उनका उपयोग किया जा सकता है।
टूल होल्डर माउंटिंग (अमरीकी स्टैंडर्ड)
इस टूल होल्डर के फ्लैंज पर ‘V’ खांचा नहीं होता, लेकिन छोटे ड्राइव खांचे के निचले समतल पृष्ठ पर होने वाला छिद्र ही अछडख टूल होल्डर की पहचान है।
5. HSK टेपर
नए प्रकार के टूल होल्डर, खोखला शाफ्ट टेपर, टेपर और फेस का 100% संपर्क, HSK 32 से ले कर HSK 160 तक विभिन्न आकारों में उपलब्ध। A, B, C, D, E और F फॉर्म स्टैंडर्ड में आते हैं। HSK फॉर्म A और फॉर्म C का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है। फॉर्म C में V ग्रूव नहीं होती है और फॉर्म A का फ्लैंज, HSK C से महीन होता है। फ्लैंज का व्यास (h) HSK टूल होल्डर प्रणाली के फॉर्म C के आकार का होता है। टूल होल्डर का टेपर 1:9.98 और स्पिंडल का टेपर 1:10 होता है। टेपर का शंकु खोखला होने के कारण उसका विस्तार हो सकता है और होल्डर का पुलिंग एक फिंगर सेट द्वारा किया जाता है। जिन कटिंग टूल में आरपार शीतक मार्ग (चैनल) होते हैं, उनके स्पिंडल में से शीतक की आपूर्ती की जा सकती है।
टूल होल्डर माउंटिंग
टेपर के खोखले शैंक के विस्तारण से 100% पृष्ठीय संपर्क मिलता है और खींचने वाले फिंगर के कारण टेपर कोण के फेस का अच्छा संपर्क स्पिंडल फेस के साथ होता है। टूल की कर्तन छोर का ओरिएंटेशन एक ही स्थान पर रहता है। टूल की संकेंद्रितता उच्च श्रेणी की होती है। उच्च गुणवत्ता का प्रदर्शन करने वाले लेपित कटिंग टूल के लिए तेज गति से काम कर सकते हैं।
क्लैम्पिंग सिस्टम
बिग प्लस इइढ टेपर टूल होल्डर माउंटिंग (जापान स्टैंडर्ड)
यह BT और HSK टूल होल्डर के बीच का विकल्प है। इसमें 85% से 95% टेपर संपर्क और 100% पृष्ठीय संपर्क मिलता है।
तेज गति के कामों के लिए यह एक अच्छा और किफायती विकल्प है। ऐसे टूल होल्डर स्टैंडर्ड स्पिंडल में भी उपयोग किए जा सकते हैं।
(इस लेख के सभी छायाचित्रों के लिए सहकार्य - राहुल धाड, शिवाजी टेक्नॉलॉजीज, पुणे)
0 9552528341
प्रदीप खरेजी ‘फाइ फाऊंडेशन’ पुरस्कार से सम्मानित हैं। आपको मशीनिंग क्षेत्र का करीबन 50 सालों का तजुर्बा है। अनुभव, ज्ञान, कौशल एवं कड़ी मेहनत से आपने इस क्षेत्र में अपना प्रभाव सिद्ध किया है।