वैश्विक मंदी और कोविड 19 विषाणु के कारण हम सभी के जीवन पर छाया हुआ अंधेरा, दीपावली के त्योहार में फैलने वाली रोशनी दूर करने वाली है। हमारे सभी पाठक, विज्ञापनदाता, लेखक तथा अन्य हितैषियों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। धातुकार्य मासिक पत्रिका अब अपने तीसरे साल में कदम रख रही है और यहाँ तक का सफर आपके समर्थन से ही संभव हुआ है। हमें यकीन है कि आपने हमारे प्रति दर्शाया यह विश्वास इसी तरह बढ़ता रहेगा!
दुनिया भर में अमल किए गए लॉकडाउन के दौरान प्रत्यक्ष एवं निकट मानवीय व्यवहारों पर पाबंदी होने के कारण सभी प्रकार के संगठनों में आम तौर पर डिजिटल माध्यम तथा मंचों का उपयोग बढ़ गया है। अपने कारखाने की प्रक्रियाएं डिजिटाइज करते समय कई उद्यमियों को नई व्यावसायिक नीतियां और पद्धतियां रचानी पड़ी। इस हेतु मौजूदा एवं नए रास्तों पर चलने का अभ्यास कर के, उत्पादकता सिर्फ बनाई रखने के ही नहीं बल्कि उसे बढ़ाने के प्रयासों पर जोर देना आरंभ हुआ। वेब होस्टिंग के क्षेत्र में काम करने वाली एंड्युरन्स इंटरनैशनल ग्रुप इस आइटी सेवा कंपनी ने किए सर्वेक्षण के अनुसार, लॉकडाउन में 30% MSME ने वेबसाईट या ई-कॉमर्स को प्राथमिकता दी। 50% से अधिक MSME ने वीडियो कॉन्फरन्सिंग सुविधाएं तथा वॉट्सअैप के उपयोग से व्यवसाय चलाने पर जोर दिया । विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों के साथ चर्चा करने पर स्पष्ट हुआ कि अनलॉक के बाद उद्योगक्षेत्र निरंतर उत्पादकता के लिए, नए बदलाव अपना कर, फिर से तैयार है। अधिकांश उद्यमियों ने तकनीकी अद्यतनों (टेक्निकल अपग्रेडेशन) को, प्रधानतापूर्वक करने के कामों में शामिल किया है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि तकनीकी अद्यतन करने हेतु सही समय पर मार्गदर्शन प्राप्त होना एक अहम् बात है। भारत सरकार ने भी ideas.msme.gov.in यह MSME आयडियाज पोर्टल शुरू किया है। उद्योगों के लिए होने वाली विविध बैंक योजनाएं, संकल्पनाएं, नवप्रवर्तन एवं अनुसंधान आदि विषयों की जानकारी कोई भी व्यक्ती इस पर अपलोड कर सकता है। यह पोर्टल, व्हेंचर कैपिटल और विदेशी सहयोग के बारे में भी सहायता करता है।
MSME क्षेत्र अधिक ऊंचाई पर ले जाने में स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। तंत्रज्ञान में कुशल स्टार्टअप, बाजारों के हिसाब बदलने की क्षमता रखते हैं। स्टार्टअप और MSME के बीच के सहयोग को आज 'गेम-चेंजर' के रूप में देखा जा सकता है। लघु, मध्यम कारखानों में, हर चरण पर, नवप्रवर्तन शामिल करने की आवश्यकता आज अधोरेखांकित हो रही है।
चर्चा है कि बहुत सारी विदेशी कंपनियां भारत में अपने कारखाने स्थापन करने की सोच में हैं। इस कारण भारतीय MSME ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्पर्धात्मक उत्पाद, सर्वोत्तम पद्धतियों से बनाना आवश्यक है। कौशल विकास हासिल करने तथा स्वदेशी तकनीक विकसित करने के लिए नवप्रवर्तन को बढ़ावा मिलना चाहिए। वैश्विक स्तर पर स्पर्धात्मक बनने का इतना अच्छा मौका पहले कभी हाथ में नहीं आया था।
स्पर्धात्मक तथा जनमान्य उत्पादों के निर्माण के संदर्भ में, MSME उद्यमी को वैश्विक बाजारों से जोड़ने के लिए सभी आवश्यक ज्ञान एवं जानकारी प्रदान करने का हमारा निरंतर प्रयास रहता है। धातुकार्य के, सुपर फिनिशिंगसंबंधी इस विशेष अंक के नए उत्पाद विभाग में पृष्ठीय फिनिश सुधारने हेतु CMTI ने अभ्यासपूर्ण सोच लगा कर विकसित की तकनीक और AFFM-150D मशीन की जानकारी आप मिसाल के साथ पढ़ सकते हैं। नए तंत्र इस विभाग में, 3D उत्पादन तंत्र के उपयोग से क्लिष्ट ज्यामिति वाले कटिंग टूल बनानेसंबंधी जानकारी देने वाला लेख शामिल किया है। यंत्रण प्रक्रिया विभाग में धातु काटने जैसी मूलभूत क्रिया भी अधिक चिकने ढ़ंग से करने वाली वॉटरजेट कटिंग तकनीक की जानकारी के साथ, सुपर फिनिशिंग हेतु इस्तेमाल होने वाली प्लैटू होनिंग यंत्रण प्रक्रिया के बारे में ब्योरेवार बताया गया है। टूलिंग विभाग में पृष्ठीय फिनिशिंग की तकनीक में रोलर बर्निशिंग प्रक्रिया के लाभ गहराई से बताने वाला लेख आपको उपयोगी साबित होगा। हमने सितंबर महीने से ‘यंत्रगप्पा’ (मशीनोंसंबंधी गपशप) वेबिनार शुरू किया है। सितंबर में हुई वेबिनार का वार्तालाप बताने वाला लेख हमने यहाँ उपलब्ध किया है। इनके अलावा जिग्स और फिक्श्चर्स, सी.एन.सी. प्रोग्रैमिंग, टूलिंग में सुधार, वित्तीय नियोजन जैसी लेखमालाएं आपको आपके काम में जरूर सहायक होगी।
दीपक देवधर
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