अब्रेजिव्ह फ्लो फिनिशिंग मशीन (AFFM-150D)

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Udyam Prakashan Hindi    18-नवंबर-2020   
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तकनीकी विकास, यह सेंट्रल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी सेंटर (CMTI) का सामर्थ्य है। प्रगत तकनीक अर्जित करना, उसे लागू करना, तथा भारतीय उत्पादन क्षेत्र को उसे सौंपना CMTI का मुख्य कार्य है। यह संस्थान तीन दशकों से भी अधिक समय से प्रशिक्षण क्षेत्र में भी कार्यरत है। इस संगठन द्वारा विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सहभागियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 
 
CMTI ने AFFM-150D यह मशीन अपारंपरिक सुपर फिनिशिंग तकनीक के आधार पर विकसित की है। यह मशीन जटिल तथा फिनिशिंग के लिए मुश्किल तथा पेचीदा पुर्जों का फिनिशिंग, डीबरिंग और पॉलिशिंग करने में सक्षम है। इस प्रक्रिया में अपघर्षक (अैब्रेजिव) का समावेश होने वाला अर्ध ठोस माध्यम (सेमीसॉलिड मीडिया) कार्यवस्तु में से एक मार्ग से बाहर निकाला/घुमाया जाता है। इस मशीन में कार्यवस्तु पकड़ने का फिक्श्चर, आमने सामने खड़े दो सिलिंडरों में हैड्रोलिक प्रणाली द्वारा क्लैंप किया जाता है। यह सिलिंडर, अपघर्षक माध्यम को कार्यवस्तु पर आगे पीछे घुमाते हैं। यह काम हैड्रोलिक अैक्च्युएटर द्वारा किया जाता है। माध्यम को, एक आवर्तन में नीचले सिलिंडर से उपरी सिलिंडर तक और फिर नीचे के सिलिंडर पर घुमाया जाता है। चिपचिपे तथा लचीले (विस्को इलैस्टिक) अपघर्षक पॉलिमर माध्यम के प्रवाह से, पुर्जे के पृष्ठ पर फिनिशिंग की प्रक्रिया (चित्र क्र. 1 और 2) चरणों में की जाती है। 

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सबसे पहले, फिनिशिंग किए जाने वाले पुर्जे का विश्लेषण किया जाता है। उसमें पुर्जे की ज्यामिति, कुल आयाम (डाइमेन्शन), मटीरीयल के गुणधर्म, पृष्ठ का पहले का तथा अंतिम अपेक्षित खुरदरापन (रफनेस) आदि के बारे में जाना जाता है। 
 
पुर्जे के शुरुआती अध्ययन के आधार पर उसके लिए एक फिक्श्चर विकसित किया जाता है तथा AFFM के प्रक्रिया पैरामीटर (तालिका क्र. 1) चुने जाते हैं।

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जरूरी पृष्ठीय फिनिश पाने के लिए प्रक्रिया को लगने वाला समय (AFFM आवर्तन समय), पुर्जे का शुरुआती पृष्ठीय खुरदरापन ये मुद्दे हैड्रोलिक दबाव, अपघर्षक का प्रकार, अपघर्षक के कणों (ग्रिट) का आकार तथा विस्को इलैस्टिक पॉलिमर माध्यम का चिपचिपापन जैसे बदलते प्रक्रिया पैरामीटर पर निर्भर होते हैं।
 
मिसाल
 
अैल्युमिनियम प्रोपेलर के पृष्ठीय फिनिश में सुधार के लिए अपघर्षक प्रवाह फिनिशिंग
 
उद्देश्य
• अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग मशीन (AFFM-150D) से, अैल्युमिनियम प्रोपेलर के पृष्ठ से खुरदरापन मिटाना 
• अैल्युमिनियम प्रोपेलर के लिए होल्डिंग फिक्श्चर विकसित करना
 
प्रोपेलर यह पुर्जा अैल्युमिनियम मिश्रधातु (Al6061T6) मटीरीयल से बनाया गया है। इसका व्यास 150 मिमी., ऊंचाई 75 मिमी. और पत्ती (ब्लेड) की मोटाई 3 मिमी. है। चित्र क्र. 3 में दर्शाएनुसार उसका यंत्रण 3 अक्षीय मिलिंग मशीन से किया गया है। ब्लेड के पृष्ठ का शुरुआती खुरदरापन (औसत मूल्य) Ra 0.712µm है। 

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प्रोपेलर पकड़ने के लिए एक अत्याधुनिक फिक्श्चर (चित्र क्र. 4) डिजाइन किया है। उसे MS मटीरीयल के इस्तेमाल से बनाया है। प्रोपेलर का उपरी एवं निचला बेस फिक्श्चर में पकड़ा जाता है। प्रोपेलर के ब्लेड का पृष्ठ अपघर्षक माध्यम के प्रवाह के लिए खुला होता है। AFFM प्रक्रिया के दौरान विस्को इलैस्टिक अपघर्षक पॉलिमर माध्यम का रिसाव रोकने हेतु फिक्श्चर के उपरी तथा नीचली प्लेट पर 15 मिमी. का टेफ्लॉन सीलिंग दिया है। 

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प्रयोग की कार्यपद्धति
यथासंभव अच्छा फिनिश पाने के लिए अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग मशीन द्वारा पृष्ठ का खुरदरापन कम करने हेतु प्रयास किए गए। पुर्जे को फिक्श्चर में बिठा कर AFFM-150D में हैड्रोलिक क्लैंप में (चित्र क्र. 5) पकड़ा जाता है।

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• पुर्जा फिक्श्चर में बिठा कर, हैड्रोलिक क्लैंप में (चित्र क्र. 5) पकड़ा जाता है।
• ब्लेड के पृष्ठ पर स्थित कोई भी 5 भिन्न बिंदु चुन कर, खुरदरेपन के औसत मूल्य दर्ज किए जाते हैं। 
• अपघर्षक माध्यम की जाली के आकार के अनुसार, पृष्ठीय खुरदरेपन में बड़ा सुधार (चित्र क्र. 6) दिखता है।

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निष्कर्ष
उपरोक्त विवरण (डेटा) से पता चलता है कि अपघर्षक माध्यम की जाली का आकार जैसे जैसे बढ़ता है, खुरदरेपन की प्रोफाइल में दिखने वाले उंच-नीच की लंबाई कम होती है। 
800 मेश आकार के इस्तेमाल से AFFM पर ब्लेड पृष्ठ के खुरदरेपन के संदर्भ में दर्ज किए (तालिका क्र. 2) अधिकतम मूल्य में, Ra : 0.35µm,
Rt : 3.11µm, Rz : 2.48µm इतना सुधार हुआ है। 
 
मशीन की विशेषताएं

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AFFM-150D (चित्र क्र. 7) यह एक एर्गोनॉमिक डिजाइन वाला, उपयोगकर्ता को अनुकूल, आसान रखरखाव होने वाला, PLC पर आधारित HMI नियंत्रित प्रणाली युक्त, माइक्रो/नैनो फिनिशिंग के लिए किफायती विकल्प है। नैनोमीटर में अचूक होने वाला पृष्ठीय खुरदरापन तथा जटिल ज्यामिति (अंदरूनी तथा बाहरी) वाले पुर्जे के फिनिशिंग हेतु यह मशीन, इसकी आधुनिक तकनीक के कारण, बेहद उपयोगी होती है। पुर्जे पर <50nm Ra श्रेणी का नैनोस्तरीय पृष्ठीय फिनिश मिलता है। यह मशीन फिनिशिंग के विविध श्रेणियों के काम में इस्तेमाल की जा सकती है और इससे एकसमान, पुनरावर्तनीय तथा विश्वसनीय नतीजे मिलते हैं। 
 
निर्माण की प्रेरणा 
आज आधुनिक उत्पादन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर स्पर्धा है तथा यह उत्पादन आज प्रगती के पथ पर है। बेहतर पृष्ठीय फिनिश की मांग हर दिन बढ़ ही रही है। कई महत्वपूर्ण अभियांत्रिकी पुर्जों की कार्यक्षमता और आयु, पृष्ठीय फिनिश के दर्जे पर निर्भर करती है। जटिल आकार, अंदरूनी तथा जटिल मार्ग वाले पुर्जों के पृष्ठीय फिनिश में सुधार करना चुनौति भरा होता है। 
 
पृष्ठीय खुरदरापन घटाने की प्रक्रिया में शामिल स्वचालन से, प्रभावशाली फिनिशिंग पद्धतियों का मानकीकरण किया जाता है। अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग उनमें से ही एक तकनीक है। देश के सामरिक तथा गैर सामरिक क्षेत्र में, महंगे मशीन के लिए स्वदेशी विकल्प विकसित करने हेतु AFFM-150D के कल्पक विकास से मदद मिली है। एरोस्पेस, अणु ऊर्जा, रक्षा, एक्स्ट्रूजन डाइ उद्योग, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में एक्स्ट्रूजन डाइ, मोल्ड और चिकित्सा इंप्लैंट जैसे भागों के निर्माण में सुपर फिनिशिंग की काफी मांग है। भारत में अन्य कोई भी मशीन टूल बिल्डर ऐसी मशीन नहीं बनाते। व्यावसायिक स्तर पर विशाल श्रेणी के सुपर फिनिशिंग काम के लिए AFFM-150D उपलब्ध है। 
 
AFFM-150D के कुशल विकास के बारे में अधिक जानकारी
AFFM-150D के इस्तेमाल में थर्मल कंट्रोलिंग यूनिट और माध्यम स्ट्रोक लंबाई का समायोजन, ये लाभदायक विशेषताएं हैं। AFFM-150D मशीन की कीमत वैश्विक स्तर पर व्यावसायिक दृष्टि से उपलब्ध मशीन की तुलना में 50% से कम है। 
 
AFFM-150D मशीन की प्रमुख विशेषताएं और तकनीक
1. जटिल ज्यामिति के लिए सूक्ष्म तथा नैनो फिनिशिंग : पृष्ठीय फिनिश में सुधार पाने हेतु अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग करते समय, फिनिशिंग किए जाने वाले पुर्जे की ज्यामिति तथा पृष्ठ की शुरुआती स्थिति समझना जरूरी होता है। पुर्जे के लिए एक फिक्श्चर विकसित किया जाता है और उसके अनुसार मशीन पैरामीटर चुने जाते हैं। आवश्यक पृष्ठीय खुरदरापन (चित्र क्र. 8) मिलने तक AFFM आवर्तन किए जाते हैं। 

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2. पुर्जों के अंदरूनी व्यास (ID) तथा बाहरी व्यास (OD) का डीबरिंग (चित्र क्र. 9) 

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3. नुकीली छोर (एज) की गोलाई (रेडियसिंग) करना (चित्र क्र. 10)

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4. जटिल भाग तथा पेचीदा अंदरूनी मार्ग (चित्र क्र. 11) फिनिश किए जाते हैं। 

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5. अपघर्षक पॉलिमर माध्यम का तापमान नियंत्रण : अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग प्रक्रिया के दौरान विस्को-इलैस्टिक अपघर्षक पॉलिमर माध्यम का प्रवाह पुर्जे की दिशा में दबाव देते हुए आगे बढ़ता है। विस्को-इलैस्टिक अपघर्षक पॉलिमर पुर्जे पर घिसे जाने के कारण, पॉलिमर माध्यमों का तापमान बढ़ता है और उससे फिनिशिंग अकार्यक्षम होता है। माध्यम सिलिंंडर के चारों ओर दिए थर्मल जैकेट से, फिनिशिंग प्रक्रिया के दौरान पॉलिमर माध्यम का तापमान 22° सें. से कम रखा जाता है। 
6. एक से अधिक पुर्जों की एक समय पर प्रक्रिया करना : शुरुआती पड़ाव पर फिक्श्चर के उचित डिजाइन द्वारा, एक से अधिक पुर्जों पर (चित्र क्र. 12) एक ही समय प्रक्रिया करना मुमकिन है। 

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वर्तमान में उपलब्ध समरूप मशीनों की तुलना में अतिरिक्त लाभ
 
• इस मशीन के स्पेसिफिकेशन तथा कार्य प्रदर्शन, विश्वस्तरीय मशीन के बराबरी के तथा वैश्विक मानकों की कसौटी पर टिके रहने वाले हैं। पुर्जों पर मिलने वाला पृष्ठीय खुरदरापन <50nm Ra की श्रेणी में है।
• अधिकतम फिनिशिंग काम में मानवीय हस्तक्षेप होता ही है। इससे अनियमित पृष्ठीय फिनिश (एक क्षेत्र तथा अन्य क्षेत्र के पृष्ठीय फिनिश में फर्क होना) मिलता है और फिनिशिंग के लिए समय भी अधिक लगता है। AFFM-150D जैसी स्वचालित प्रक्रियाएं, असरदार और किफायती तरीके में एक जैसा पृष्ठीय फिनिश तथा उत्तम पुनरावर्तन की क्षमता प्रदान करती हैं। 
• अत्यंत आधुनिक फिक्श्चर डिजाइन से, एकाधिक पुर्जों का फिनिशिंग एक ही समय किया जा सकता है, जिससे फिनिशिंग में जाने वाले समय में कटौती होती है। 
 
तकनीकी सफलता
• विकसित AFFM-150D मशीन, 200 मिमी. व्यास और 300 मिमी. ऊंचाई वाले पुर्जों पर काम कर सकती है। 15 से 100 बार की श्रेणी में बदलनेयोग्य (वेरियेबल) हैड्रोलिक दबाव 
• पिस्टन का संचलन कार्यान्वित करने के लिए सीलिंग की व्यवस्था तथा 250 मिमी. लंबे स्ट्रोक का हैड्रोलिक पॉवर पैक विकसित किया है।
• विस्को-इलैस्टिक अपघर्षक पॉलिमर माध्यम का कार्य, तापमान पर निर्भर होने के कारण अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग प्रक्रिया के दौरान पॉलिमर के इष्टतम रियोलॉजिकल (प्रवाह विषयक) गुण पाने हेतु उसका तापमान 22° सें. रखना पड़ता है, जिसके लिए एक तापमान नियंत्रण यूनिट विकसित किया है। 
• पॉलिमर और अपघर्षक कणों का एकसमान वितरण करने के लिए विकसित किए गए, दो रोल वाले मिक्सर मशीन के इस्तेमाल से स्वचालित रूप में विस्को-इलैस्टिक अपघर्षक पॉलिमर माध्यम का मिश्रण किया जाता है। यह प्रक्रिया देखने के लिए यहाँ दिया QR कोड मोबाइल फोन पर स्कैन करें। 

 

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अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग मशीन में इस्तेमाल होने वाले विस्को-इलैस्टिक मटीरीयल का व्यावसायिक नाम सिली पुट्टी है तथा रासायनिक नाम पॉलीडाइमिथाइलसाइलोक्जोन है। यह सिली पुट्टी मटीरीयल (चित्र क्र. 13), अपघर्षक के महीन कणों के साथ (जैसे, अैल्युमिना या सिलिकॉन कार्बाइड) मिलाया जाता है। यह मिश्रण सारे पृष्ठ तथा छोर से और पुर्जे की जटिल खोखली जगहों में घुमाया जाता है। सिली पुट्टी मटीरीयल विस्को-इलैस्टिक होने के कारण उसमें तेज अपघर्षक कण प्रवाह के साथ आसानी से रह सकते हैं। 

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पॉलिमर तथा अपघर्षक का अनुपात
AFFM-150D के लिए विस्को-इलैस्टिक पॉलिमर (सिली पुट्टी) और सिलिकॉन कार्बाइड अपघर्षक वजन की 1:1 अनुपात में (मिसाल के तौर पर, 7 किलो सिली पुट्टी + 7 किलो अपघर्षक) मिलाया जाता है। इसके लिए चित्र क्र. 15 में दर्शाई मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशीन में होने वाली रोलर की रचना चित्र क्र. 14 में दर्शाई है। दो रोलर की दरार में सिली पुट्टी और अपघर्षक कण उचित अनुपात में मिलाए जाते हैं। AFFM-150D के लिए सिलिकॉन कार्बाइड अपघर्षक का उपयोग किया जाता है। 
 
अलग अलग प्रकार की कार्यवस्तुओं के लिए पॉलिमर माध्यम (सिली पुट्टी) के विभिन्न यानि कम, मध्यम तथा उच्च विस्कॉसिटी वाले सेट जरूरी होते हैं। जैसे, कम (5000 Pa-s से कम), मध्यम (5000-30,000 Pa-s), तथा उच्च विस्कॉसिटी (30000 Pa-s से अधिक)।

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मिसाल
 
1. कम व्यास के (5 मिमी. से कम) खोखले मार्ग के पुर्जे का फिनिशिंग या डीबरिंग करने या कोनों को गोलाई देने के लिए, कम विस्कॉसिटी वाले माध्यम का इस्तेमाल किया जाता है। 
2. अैल्युमिनियम प्रोपेलर का (संदर्भ : मिसाल 1) फिनिशिंग या डीबरिंग करने या कोनों को गोलाई देने के लिए मध्यम विस्कॉसिटी वाले माध्यम का इस्तेमाल किया जाता है। 
3. जिस मटीरीयल की कठोरता 45 HRC से अधिक हो उस मटीरीयल का फिनिशिंग या डीबरिंग करने या कोनों को गोलाई देने के लिए उच्च विस्कॉसिटी वाले माध्यम का इस्तेमाल किया जाता है। 
 
विस्को-इलैस्टिक अपघर्षक पॉलिमर का फिर से उपयोग नहीं किया जाता। विस्को-इलैस्टिक अपघर्षक पॉलिमर का उपयोग विशिष्ट समयावधि तक होता है, बाद में अपघर्षक कण भोंथरे हो जाते हैं तथा सिली पुट्टी मटीरीयल भी अपने विस्को-इलैस्टिक गुण खो देता है। 
 
अन्य लाभ 
• कम आवर्तन समय में जरूरी पृष्ठीय फिनिश पाने के लिए प्रक्रिया के पैरामीटर का इष्टतमीकरण
• AFFM-150D के इस्तेमाल से 55 HRC तक कठोरता वाले विभिन्न प्रकार के मटीरीयल से बने पुर्जों का नैनोमेट्रिक फिनिशिंग
• 1 मिमी. मोटे तथा जटिल मार्ग/क्षेत्र में भी डीबरिंग संभव
• तेज छोर को अधिकतम 0.65 मिमी. तक गोलाई देना संभव
• स्टेनलेस स्टील मटीरीयल के लिए मिला सर्वोत्तम पृष्ठीय खुरदरापन <50 µm Ra
• उत्पादन क्षेत्र में महत्वपूर्ण कामों के लिए इस्तेमाल होने वाले कई चुनौति भरे पुर्जों का फिनिशिंग, अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग मशीन पर कर दिखाया है। 
 
 
 
डीबरिंग और रेडियसिंग प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए यहाँ दिए हुए QR कोड मोबाइल फोन पर स्कैन करें।
 
AFFM-150D के इस्तेमाल से 150 से अधिक पुर्जों का फिनिशिंग सफलतापूर्वक किया गया है। पहले दिनों में, कई महत्वपूर्ण पुर्जों के फिनिशिंग हेतु अधिकतर ग्राहक मैन्युअल पॉलिशिंग या पारंपरिक फिनिशिंग प्रक्रिया का उपयोग करते थे। अैब्रेजिव फ्लो फिनिशिंग मशीन, मैन्युअल फिनिशिंग का एक बेहतर विकल्प है। महत्वपूर्ण पुर्जों का नैनोमेट्रिक पृष्ठीय फिनिश करते समय, इस स्वचालित फिनिशिंग तकनीक के इस्तेमाल से अधिक कार्यक्षमता तथा उत्पादकता मिलती है। 
 
(इस लेख में SMPM, CMTI के शास्त्रज्ञ मंजुनाथ एम. ए. इनका अनमोल योगदान है।)
 
प्रकाश विनोद यांत्रिकी अभियंता हैं। आप 1990 से नैनो फिनिशिंग, नैनो मेट्रोलॉजी तथा कैरैक्टराइजेशन, माइक्रो मशीनिंग एवं फैब्रिकेशन के लिए मशीन, मेकैनिजम अन्वेषण, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग आदि विविध अनुसंधान तथा विकसन में कार्यरत हैं।
 
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