ड्रिलिंग फिक्श्चर / जिग

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Udyam Prakashan Hindi    18-नवंबर-2020   
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अब तक हमने विविध प्रकार के ड्रिलिंग जिग और उनके काम के बारे में जानकारी ली। अक्तूबर 2020 के लेख में हमने एक अलग प्रकार के ड्रिलिंग जिग के बारे में जाना। खास कर के जहाँ छिद्र अधूरे फूटते हैं, ऐसी कार्यवस्तु के लिए जिग कैसे बनाए जाते हैं यह समझ लिया है। इस लेख में हम लीफ/लैच टाइप जिग (चित्र क्र. 1) कैसे काम करते हैं इसकी जानकारी लेंगे। इस प्रकार के जिग की जरूरत क्यों और कब पड़ती है, यह जानना जरूर दिलचस्प होगा।

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लीफ/लैच टाइप जिगसंबंधि महत्वपूर्ण मुद्दे
1. चूंकि हिंज प्लेट (लीफ) एक केंद्र पर घुमाई जाती है, कार्यवस्तु को जिग में ड़ालना और निकालना आसान 
होता है। 
2. जिग प्लेट में ड्रिल बुश और क्लैंपिंग स्क्रू बिठाए जाते हैं। 
3. जिग प्लेट को जिग बॉडी पर इस प्रकार सटाया जाता है कि वह मशीन टेबल के पृष्ठ से समानांतर स्थिति में होगी। अर्थात जिग बुश की केंद्र रेखा टेबल के पृष्ठ से लंबरूप होगी। 
4. जिग प्लेट को स्विंग बोल्ट की मदद से क्लैंप किया जाता है। 
5. कार्यवस्तु को हाथों के ही बल से, खास बनाए स्क्रू की सहायता से क्लैंप किया जाता है। 
6. जिग प्लेट तथा कार्यवस्तु का क्लैंपिंग बेहद तेजी से होता है।
 
लीफ/टच टाइप जिग के दो प्रकार
अ. कार्यवस्तु जिग बॉडी पर रख कर जिग प्लेट में से क्लैंपिंग करना।
ब. कार्यवस्तु का स्थान और क्लैंपिंग की सुविधा जिग प्लेट पर करना। 
इस लेख में हम जानते हैं कि 'अ' प्रकार का जिग (चित्र क्र. 2) किस प्रकार काम करता है। 

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मुख्य ढ़ांचा (मेन बॉडी)
यह ढ़ांचा बेस प्लेट पर बिठाया है। जिग के सारे भाग इसी ढ़ांचे पर बिठाए होते हैं। इस आरेखन में, ढ़ांचा वेल्डिंग कर के बनाया होने से, इसे तनाव रहित (स्ट्रेस रिलीव्ड) करना जरूरी है। अगर तनाव को कम नही किया तो कुछ समय के बाद जिग के महत्वपूर्ण नियंत्रित आयाम बदलते हैं और उसमें बनाई गई कार्यवस्तु अस्वीकार (रिजेक्ट) होती है। यह ढ़ांचा बेस प्लेट पर, स्क्रू और डॉवेल की मदद से बिठाया है। जब विभिन्न हिस्से इकठ्ठा बिठा कर नाप नियंत्रित किए जाते हैं तब डॉवेलिंग करना ही पड़ता है, क्योंकि अगर स्क्रू ढ़ीले कर के फिर से कसे जाए तो नियंत्रित नाप बदल सकते हैं। सबसे पहले, बेस प्लेट में लोकेटर बिठाने हेतु ØD1H7 छिद्र बनाया जाता है। जैसा कि चित्र क्र. 2 में दर्शाया है, स्विंग बोल्ट के बाजू और पैर को समानांतर होने वाले कठोर पैड क्र. 1 और 2 इस तरह ग्राइंड किए जाते हैं कि जब जिग प्लेट पर बिठाया हुआ कठोर पैड 2, ढ़ांचे पर बिठाए हुए कठोर पैड 1 पर सटता है तब जिग प्लेट भूपृष्ठ यानि A पृष्ठ से 0.02 मिमी. में समानांतर होगी। अब हम देख सकते हैं कि ढ़ांचे की बाईं ओर कठोर हिंज पिन बिठाई है। हर कार्यवस्तु का यंत्रण करते समय इस जिग प्लेट का दो बार संचलन होता है। इससे हिंज पिन, ढ़ांचे में घूमते समय ढ़ांचे में बनाया छिद्र घिस कर बड़ा न हो इसलिए Ød2 H7 छिद्र में दो कठोर बुश बिठाए हैं। ढ़ांचे में स्थित कठोर बुश क्र. 6 और जिग प्लेट पर बिठाया कठोर पैड क्र. 5, ये दोनो हिस्से ग्राइंड कर के ढ़ांचा तथा जिग प्लेट इन दोनो में होने वाला बाईं ओर का फिट H7/g6 पर नियंत्रित किया है। 
 
जिग प्लेट
जिग प्लेट माइल्ड स्टील से बनाई जाती है। इसलिए वो कठोर नहीं होती और उसे कठोर किया भी नहीं जा सकता। इसलिए जहाँ घर्षण होता है उस स्थान पर कठोर लाइनर या कठोर पैड का इस्तेमाल करना पड़ता है। जिग प्लेट की दाई ओर स्विंग बोल्ट है। दृश्य X में स्विंग बोल्ट के पास 3 और 4 क्रमांक के कठोर पैड दर्शाए हैं। ये पैड ग्राइंड कर के, ढ़ांचे और जिग प्लेट के बीच का फिट H7/g6 पर नियंत्रित किया है। H7/g6 फिट से, जिग प्लेट का संचलन आसान (गाइड फिट) एवं नियंत्रित होता है।
 
अब हम जिग प्लेट की बाईं ओर के बारे में सोचते हैं। बाईं ओर हिंज का केंद्र बिंदु है, जिस पर जिग प्लेट घुमाई जाती है। ग्रब स्क्रू की सहायता से, हिंज पिन जिग प्लेट पर कस कर बिठाई है। बुश क्र. 6 ढ़ांचे में दिया जाने के कारण हिंज पिन यथासंभव दूरी तक गाइड होती है। इससे जिग प्लेट का संचलन बेहद अचूक होता है। दाईं और बाईं तरफ का H7/g6 फिट, एक ही केंद्र रेखा पर होना जरूरी है।
 
जिग प्लेट, स्विंग बोल्ट और विंग नट की मदद से, कठोर पैड क्र. 1 पर कस कर पकड़ा जा सकता है। 
ढ़ांचे पर जिग प्लेट ठीक से बिठाई जाती है। इसके बाद ढ़ांचे को बेस प्लेट पर, स्क्रू एवं डॉवेल की सहायता से बिठाने के बाद जिग प्लेट पर जिग बुश बिठाने हेतु आवश्यक 3 छिद्र H7 नाप में किए जाते हैं। ये छिद्र बनाते समय बेस प्लेट में होने वाले ØD1 H7 का संदर्भ लिया जाता है। ØD1H7 छिद्र बनाते समय दोनों तरफ के H7/g6 का संदर्भ लेना पड़ता है। दोनों तरफ के H7/ g6 और ØD1 H7 एकरेखीय होने ही चाहिए। 
 
विशेष क्लैंपिंग स्क्रू
इस विशेष स्क्रू के नीचे फ्लोटिंग पैड बिठाया है। इसके लिए स्क्रू की आगे की बाजू पर विशेष प्रकार का यंत्रण किया है। इस प्रकार के प्रमाणित फ्लोटिंग पैड उपलब्ध रहते हैं। फ्लोटिंग पैड और स्क्रू का अगला भाग फ्लेम हार्ड किया होता है। स्क्रू टफन किया होता है। इस हेतु 41Cr4 मटीरीयल इस्तेमाल किया जाता है। संभवत: यह क्लैंपिंग हाथों से करें, स्पैनर का इस्तेमाल न करें। स्पैनर के इस्तेमाल से जिग प्लेट मुड़ सकती है। 
 
थ्रेड वाला बुश
जिग प्लेट और विशेष स्क्रू में घर्षण होने के कारण, जिग प्लेट में थ्रेड वाले विशेष बुश का इस्तेमाल किया है। इसके दो कारण हैं।
1. स्क्रू का मटीरीयल 41Cr4 है और जिग प्लेट का मटीरीयल माइल्ड स्टील है। इससे माइल्ड स्टील की जिग प्लेट खराब हो सकती है। जिग प्लेट फिर से बनाने में खर्चे के साथ समय भी अधिक लगता है। लेकिन इसकी तुलना में बुश बदलना आसान है। 
2. थ्रेड वाले बुश का मटीरीयल भी 41Cr4 होने से वह अधिक समय तक चलता है। थ्रेड वाला बुश उल्टा बिठाने का कारण यह है कि जब हम विशेष स्क्रू से कार्यवस्तु पकड़ते हैं तब कार्यवस्तु की प्रतिक्रिया उपर की दिशा में काम करती है। थ्रेड वाले बुश की कॉलर अगर जिग प्लेट के उपर होगी तो वह जिग प्लेट से बाहर निकल आएगा, जैसे किसी के पुलर समान काम करेगा। इसलिए थ्रेड वाला बुश, जिग प्लेट के नीचे से बिठाया गया है। बुश न घूमे इसलिए छोटा डॉवेल बिठाया है। 
 
लोकेटर 
कार्यवस्तु के लोकेशन का व्यास H7 पर नियंत्रित किया है। इसलिए लोकेटर का व्यास g6 पर नियंत्रित किया है। पूरा लोकेटर कठोर कर ग्राइंड किया है। लोकेटर का ØD1 g6 और कार्यवस्तु लोकेटर के जिस व्यास पर बैठती है वह व्यास, संकेंद्रित होना जरूरी है। 
 
विशेष पिन
कई बार ऐसी पिन का उपयोग किया जाता है। कार्यवस्तु पर पहला छिद्र करने के बाद उस छिद्र में पिन डाल कर बचे हुए छिद्र बनाए जाते हैं। यह पिन छिद्र में ड़ालने से, अन्य छिद्रों का ड्रिलिंग करते समय कार्यवस्तु हिलती नहीं है। इससे छिद्रों का सहसंबंध अचूक मिलता है। यह पिन जिग बुश में गाइड होती है तथा कार्यवस्तु छिद्र में लोकेट होती है। 
 
फूलप्रूफिंग पिन 
इस जिग में फूलप्रूफिंग पिन दी है। अलग अलग प्रकार से फूलप्रूफिंग किया जाता हैं। अगर इसका उचित इस्तेमाल करें तो कार्यवस्तु गलत तरीके से (चित्र क्र. 3) जिग में बिठाई नहीं जा सकती। संक्षेप में कहे तो जिसे जिग के बारे में कोई जानकारी नहीं वह व्यक्ति भी जिग में कार्यवस्तु उचित तरीके से बिठा सकता है। हमारे जिग में कार्यवस्तु उल्टी बैठ ही नहीं सकती। 

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चूंकि इस जिग में जिग प्लेट स्टॉपर पर सटाई होती है, जिग में कार्यवस्तु आसानी से तथा उचित रूप से रखी जाती है। बाद में जिग प्लेट घुमा कर रेस्ट पैड 1 पर सटाई जाती है। अब स्विंग बोल्ट को जिग प्लेट पर ला कर, विंग नट की मदद से जिग प्लेट क्लैंप की जाती है। उसके बाद, विशेष क्लैंपिंग स्क्रू की सहायता से कार्यवस्तु क्लैंप की जाती है। बाद में कार्यवस्तु पर पहला छिद्र किया जाता है। इसमें विशेष पिन ड़ाल कर बचे हुए छिद्र बनाए जाते हैं। अब पिन बाहर निकाली जाती है और विशेष क्लैंपिंग स्क्रू ढ़ीला किया जाता है। इससे विंग नट ढ़ीला करना आसान होता है। जिग प्लेट घुमा कर स्टॉपर पर सटाई जाती है। अब कार्यवस्तु आसानी से बाहर निकाल सकते हैं। इस जिग में क्लैंपिंग करने हेतु स्पैनर की जरूरत नहीं पड़ती। कार्यवस्तु बाहर निकालने के बाद जिग में गिरी चिप ब्रश से हटाएं। इस जिग में कार्यवस्तु का लोकेशन जिग बॉडी पर रखा है और क्लैंपिंग, जिग प्लेट में से किया गया है। अगले लेख में हम अन्य प्रकार के जिग का काम देखेंगे, जिसमें कार्यवस्तु का लोकेशन तथा क्लैंपिंग की सुविधा जिग प्लेट पर ही दी होती है। 
 
 
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