एयर इलेक्टॉनिक गेजिंग और ऑनलाइन SPC

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    21-दिसंबर-2020   
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परिशुद्ध (प्रिसिजन) वस्तु निर्माण के लिए अचूक मापन तथा सूक्ष्म जांच जरूरी है। जांच कितनी भी जरूरी हो, वो असल में मूल्यवर्धन करने वाली प्रक्रिया नहीं होती। जांच के लिए निवेश किए गए समय और कीमत का मूल्यांकन, इससे प्राप्त निष्कर्ष यानि उत्पादन में कोई खराब पुर्जा या असेंब्ली सफलतापूर्वक ढूंढ़ने के संदर्भ में करना आवश्यक है।

प्रक्रिया क्षमता (Cpk) उत्पादन की अधिकतम विशेषताओं (फीचर) पर आधारित होनी चाहिए, इस तत्व का अनुकरण करना उत्पादन क्षेत्र की सर्वमान्य और प्रमाणित प्रथा है। एक बार प्रक्रिया क्षमता स्थापित होने पर हम, 100% जांच के बजाय नमूना जांचने का निर्णय ले सकते हैं और जांच की लागत कम कर सकते हैं।

लेकिन जहाँ 1.33/1.67 या इससे अधिक Cpk स्थापित करना मुश्किल हो, तब ऐसी विशेषताओं का क्या करें? या जिस प्रक्रिया में उत्पादन के हर आवर्तन में (जैसे कि ग्राइंडिंग) टूलिंग का गणनीय दर से घिसाव होता है, तब क्या करें? ऐसी प्रक्रियाओं में 100% जांच करनी ही पड़ती है। कई बार प्रिसिजन बोर के पुर्जे तथा रॉड में इसे देखा जा सकता है।

पारंपरिक पद्धति में बोर गेज, माइक्रोमीटर (2 या 3 पॉइंट के) तथा हाथ से इस्तेमाल किए जाने वाले प्रिसिजन गेजिंग के समान उपकरणों के इस्तेमाल से नमूनों को जांचा जाता है। भारत में पिछले कई वर्षों से, एयर गेजिंग भी धीर धीरे लेकिन निश्चित रुप से एक व्यावहारिक विकल्प मान कर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें मापन के आवर्तन बेहद गतिमान और मापन अत्यंत अचूक एवं पुनरावर्तनीय (रिपीटेबल) होने के कारण 100% जांच आसानी से की जा सकती है। स्टैंडर्ड एयर गेजिंग उत्पादक 10 माइक्रोन से कम स्तर की अचूकता दे सकते हैं।

अगर किसी को इससे आगे जाने की इच्छा हो तो वह लगभग 70 सालों से एयर गेजिंग में अग्रणि होने वाले, स्टोत्ज (जर्मनी) जैसे स्पेशालिटी एयर इलेक्ट्रॉनिक गेज उत्पादक के बारे में सोचें। सबसे उन्नत एयर गेजिंग तकनीक, विशेष स्थिति में 0.05µm तक प्रणाली (सिस्टम) पुनरावर्तन क्षमता दे सकती है। अधिकतम मानक कार्यक्षेत्र में, स्टोत्ज 0.2 से 1.2µm तक पुनरावर्तन क्षमता वाली प्रणाली तैयार करते हैं। चूंकि इससे कई मापन प्रायः सिर्फ कुछ सेकंड में किए जा सकते हैं, हम मान सकते हैं कि एक बेहद गतिमान और अचूक मापन प्रणाली से हम अवगत हुए हैं।

कार्यतत्व (वर्किंग प्रिन्सिपल)

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क्या आपके लिए एयर गेजिंग एक नई संकल्पना है? इसके पीछे का सिद्धांत बहुत सरल है। इसमें पूर्वनिश्चित एवं नियंत्रित दबावयुक्त वायु की फुहार (कंप्रेस्ड एयर जेट) छोटे छिद्रों में से भेजी जाती है, जो आगे जा कर कार्यवस्तु के पृष्ठ पर टकराती है। मापन प्रणाली की रचना में, कार्यवस्तु का पृष्ठ तथा नोजल इनमें अल्प दूरी रखी जाती है। वायु की फुहार कार्यवस्तु पर टकरा कर जब वायु वापस लौटती है, तब उसका प्रवाह तथा दबाव के परिणामी गुणधर्म नापे जाते हैं। कार्यवस्तु तथा नोजल इनमें होने वाली वास्तविक दूरी और इन गुणधर्मों का एक दृढ़ सहसंबंध होता है, जिसका उपयोग कार्यवस्तु के आयाम (डाइमेन्शन) गिनने के लिए किया सकता है। इस तत्व की संकल्पना चित्र क्र. 1 में दर्शाई है।

असल में प्रणाली की प्रतिक्रिया निर्धारित करने के लिए नोजल का व्यास और प्लग/ रिंग तथा कार्यवस्तु के बीच का क्लियरन्स, दोनो महत्वपूर्ण होते हैं। प्रणाली का इनपुट (यानि छोड़ी गई वायु का दबाव, नोजल का व्यास), प्रणाली के वेरियेबल (यानि कार्यवस्तु के गिने जाने वाले आयाम) और प्रणाली का आउटपुट यानि प्रतिदबाव (बैक प्रेशर) के मूल्य इनके बीच का अभियांत्रिकी संबंध दर्शाता आलेख स्थापित करने हेतु, इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने लंबे समय तक अपने अनुभव पर आधारित अनेक निरीक्षण किए। चित्र क्र. 2 में दिया आलेख, इस निरीक्षण का प्रतिनिधिक नतीजा दर्शाता है। वास्तविक नतीजे पर कई बार निजि उत्पादकों का अधिकार होता है, क्योंकि उससे साध्य होने वाली प्रणाली की अचूकता तथा पुनरावर्तन क्षमता इन नतीजों पर निर्भर होती है।

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उपयोग
एयर गेजिंग प्रमुख रुप से ग्राइंडिंग, होनिंग या लैपिंग जैसी जटिल एवं परिशुद्ध यंत्रण तथा फिनिशिंग प्रक्रियाएं नियंत्रित करने के लिए विकसित किया गया है। इसके साथ अत्यंत उष्ण, ठंड़े, कॉस्टिक, विस्फोटक तथा आण्विक जैसी कठोर पर्यावरण स्थितियों के लिए ये उत्तम है। मापन करने हेतु जेट से वायु भेजते समय, स्टेनलेस स्टील की नलिकाओं का उपयोग किए सारे उपकरण सुरक्षित रुप से बंद जगह में रखे जा सकते हैं। प्रायः एयर गेजिंग अक्षीय दृष्टि से सममित (सिमेट्रिकल) वस्तुओं की विशेषताएं मापने में इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि सिलिंडर, बोर, शंकु।

एयर गेजिंग प्रणाली के घटक


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1. प्लग या रिंग गेज या मापन का हेड : यह घटक, वास्तव में मापन करने के लिए कार्यवस्तु में सरकाया या उस पर रखा जाता है। यह प्लग या रिंग आकार का घटक कार्यवस्तु के यंत्रचित्र के अनुरूप और आम तौर पर नोजल तथा कार्यवस्तु के आयाम के बीच 50-200µm का क्लियरन्स रख कर बनाया जाता है। दोनों का चयन डिजाइन डाटा टेबल के आधार पर किया जाता है। यह टेबल अनेक आनुभविक अध्ययनों (इंपिरिकल स्टडी) के आधार पर विकसित किए गए हैं। प्लग या रिंग की बॉडी में यंत्रण कर के वायु के मार्ग तैयार किए जाते हैं। जिस आयाम का मापन करना हो, उसके अनुसार वायु के मार्ग आसान या पेचीदा हो सकते हैं। वायु के मार्ग का डिजाइन का तकनीकी ज्ञान, उसे तैयार करने की क्षमता तथा प्लग/रिंग व्यास में अचूक टॉलरन्स रखने हेतु, सिर्फ मान्य और कुशल आपूर्तिकर्ताओं से उसका डिजाइन और उत्पादन करवाना आवश्यक है। भारत में उंगलियों पर गिनी जाने वाली कंपनियां ही, बेहतर एयर रिंग और प्लग गेज बनाने में माहिर हैं।
2. मास्टर रिंग या प्लग : ये मनचाहे सामान्य (नॉमिनल) आयामों के अनुसार हूबहू बनाए जाते हैं। ज्ञात आयाम के अनुसार प्रणाली स्थापित करने तथा फिरसे ठीक करने हेतु इन्हे इस्तेमाल किया जाता है। जो उत्पादक प्लग/रिंग बनाते हैं वो ही हमारे लिए उचित मास्टर बनाएंगे।
3. एयर लाइन और कनेक्टर : प्लग/रिंग को एयर इलेक्ट्रॉनिक युनिट से जोड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
4. एयर इलेक्ट्रॉनिक युनिट : एयर इलेक्ट्रॉनिक युनिट के 5-10 बड़े उत्पादक हैं। इनमें से कुछ उत्पादक सादे नॉन इलेक्ट्रॉनिक, अैनालॉग एयर गेज यूनिट भी बनाते हैं। स्टोत्ज जैसे स्पेशालिटी उत्पादक, 0.1µm पुनरावर्तन क्षमता वाले यूनिट बनाते हैं।

प्लग तथा रिंग
प्लग और रिंग, एयर गेज प्रणाली में देखी जाने वाली मापन की अनिश्चितता के प्राथमिक स्त्रोत हैं। इसी लिए इनके डिजाइन तथा निर्माण के समय सावधानी बरतना जरूरी है। बेहतर डिजाइनर, निहायत पेचीदा ज्यामितीय विशेषताओं को फौरन मापने के लिए इसका निर्माण कर सकते हैं। विशेष ज्यामिति नापने के लिए निर्माण किए एयर जेट के नमूनों के डिजाइन, चित्र क्र. 3 में दर्शाए हैं।

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दर्जेदार उत्पादकों के पास बेहद उलझी ज्यामिति पर भी बेहतर पुनरावर्तन क्षमता तथा अचूकता मिल सकती है। चित्र क्र. 4, 5. 6 और 7 में दर्शाई गई प्रतिमाओं से हम इन उत्पादों में शामिल तकनीक तथा विशेष जानकारी की कल्पना कर सकते हैं। जैसे, 0.05µm से कम पुनरावर्तन क्षमता देने वाले गेज या 0.1 मिमी. से कम बोर के लिए निर्माण किए गए प्लग गेज।

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एयर इलेक्ट्रॉनिक यूनिट
उचित इलेक्ट्रॉनिक यूनिट का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। बाजार में कम कीमत के अैनालॉग या स्टैंडर्ड कॉलम यूनिट उपलब्ध हैं। फिर भी इंडस्ट्री 4.0 अपनाने के इस युग में, ऐसे अचूक उपकरणों में निवेश करते समय आगे बताए मुद्दों पर विचार करना लाभदायक होगा।

· जब आयाम, नियंत्रण मर्यादा या टॉलरन्स मर्यादा के नजदीक आते हैं तब क्या हमारी प्रणाली हमें सिर्फ मौजूदा आयाम दर्शाती है या उसमें धोखे की सूचना तथा चेतावनी भेजने की क्षमता है?
· पुर्जा अस्वीकृत होने पर क्या हमारी प्रणाली में मशीन या सेल को फिर से आउटपुट भेजने की क्षमता है?
· क्या हमारी प्रणाली ऑनलाइन सांख्यिकी प्रक्रिया नियंत्रण (SPC) करने की क्षमता रखती है? पुर्जे का मापन करते समय क्या प्रक्रिया क्षमता सारांश के साथ हमें लाइव नियंत्रण तालिकाएं दिखती हैं?
· क्या हमारी प्रणाली हमें मापन की सारी जानकारी में (डाटा) अगले विश्लेषण हेतु प्रवेश (अैक्सेस) दे सकती है? क्या हमारे पास यह जानकारी हमारे नेटवर्क पर फिर से जतन करने के लिए भेजने की क्षमता है?
· शॉप फ्लोर पर काम करने वाले ऑपरेटर के लिए हमारी प्रणाली में शामिल HMI, कौनसी सुविधाएं देता है?
· क्या हमारी प्रणाली में लाइव, ऑनलाइन दोष सुधारने हेतु मशीन तक मापन मूल्य पुनः प्रसारित (रीले) किए जा सकते हैं?

इनमें से कुछ सवालों के जवाब ढूंढ़ने से तथा अपनी विशेष आवश्यकताओं को बेहतर समझने के बाद हम एक उचित एयर इलेक्ट्रॉनिक यूनिट चुन सकते हैं।

एयर इलेक्ट्रॉनिक यूनिट की सबसे उच्च (फिर भी किफायती) श्रेणी में हम, कुछ उत्पादकों के ऐसे उपकरण देख सकते हैं जिनकी प्रणाली में ये सारी विशेषताएं शामिल होती हैं। इन उपकरणों के इस्तेमाल से हम, पोकायोके करने की क्षमता के साथ जलद मापन कर पाएंगे। साथ ही हमारी सी.एन.सी. मशीन में जानकारी फीड कर पाएंगे तथा हमारी प्रक्रियाक्षमता में सुधार कर सकेंगे। अपने ऑपरेटर तथा क्वालिटी कंट्रोल टीम के लिए ऑनलाइन SPC और बेहतर डाटा प्रोसेसिंग एवं संवाद क्षमता मिलेगी। साथ ही, चित्र क्र. 8 में दर्शाएनुसार ग्राहक के लिए आसानी से अनुकूलित किए जा सकने वाले यूजर इंटरफेस स्क्रीन भी उपलब्ध होंगे।

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मिसाल
सुमैक्स एंटरप्राइजेस यह पुणे के हडपसर उपनगर में स्थित एक अग्रणी और उच्च उत्पादनक्षमता वाली कंपनी है। हार्ड टर्निंग तथा ग्राइंडिंग जैसी कुछ विशेष प्रक्रियाओं के लिए, सुमैक्स को 5 माइक्रोन के भीतर अचूकता से मापन की क्षमता वाले हाइ प्रिसिजन उपकरणों में निवेश करना जरूरी था। इसके साथ ही, उन्हें मापन का शीघ्र आवर्तन समय भी जरूरी था ताकि मशीन टूल चलाने वाले ऑपरेटर से 100% ऑनलाइन मापन हो जाए। सुमैक्स ने 2016 से स्टोत्ज GmbH के साथ साझेदारी की है और अपनी शॉप फ्लोर पर कई एयर गेजिंग यूनिट बिठाए हैं। मिसाल के तौर पर सुमैक्स ने स्टोत्ज निर्मित एंट्री लेवल एयर गेजिंग यूनिट का रिपीटैबिलिटी टेस्ट डाटा, जिसे MSM कहा जाता है, तालिका क्र. 1 में दिया है। यह जांच 3 मास्टर के इस्तेमाल से की गई थी।
· मास्टर निर्देशित नॉमिनल मूल्य पर है।
· मास्टर नॉमिनल मूल्य से 50µm कम है।
· मास्टर नॉमिनल मूल्य से 50µm अधिक है।

इस जांच के लिए तीन भिन्न MSM यूनिट इस्तेमाल किए गए। उसमें से दो यूनिट में प्रत्येक के लिए 4 न्यूमैटिक पोर्ट थे और एक में 2 न्यूमैटिक पोर्ट थे। ये कुल 10 इन्स्ट्रुमेंट पोर्ट कॉंबिनेशन थे। हर मास्टर का हर पोर्ट पर 3 बार मापन किया गया, मतलब इस टेस्ट में कुल 90 मापन लिए गए। सांख्यिकी दृष्टि से यह आंकडा महत्वपूर्ण है।

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तालिका क्र. 1 में हर इन्स्ट्रुमेंट पोर्ट के संयुजन के लिए औसत विचलन तथा पुनरावर्तन जानकारी दर्शाई है।

ज्ञात मास्टर मूल्य की (यह मूल्य उपकरण की अचूकता का दर्शक होता है) तुलना में गिना गया औसत विचलन, 1.5µm से कम दर्शाया है और उसकी पुनरावर्तन क्षमता 1.1µm है।

सुमैक्स ने MSM यूनिट की ऑनलाइन SPC क्षमताओं का अधिकतम उपयोग कर के, उसे पूरी क्षमता के साथ ऑनलाइन कार्यान्वित किया है। चित्र क्र. 9 में दिखाए आलेख में, प्रक्रिया की दीर्घावधि क्षमता दर्शाने हेतु विशिष्ट समयावधि में गिनी गई जानकारी की प्रतिनिधिक तालिका दी है। एयर गेजिंग यूनिट से मिलने वाली ऑनलाइन जानकारी, अपनी सी.एन.सी. मशीन तक हर पुर्जे के दोष सुधारने के लिए फिर से भेजने की प्रक्रिया, भारत में सुमैक्स ने सबसे पहले शुरू की है। उनकी वेबसाइट पर डेमो आयोजित किए जाते हैं, जिनमें यह सेटअप और उसका अमल जिस मशीन पर किया गया हो वहाँ की प्रक्रिया की क्षमता देख सकते हैं।

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निष्कर्ष
एयर इलेक्ट्रॉनिक गेजिंग, आपकी उत्पादन प्रक्रिया में संपूर्ण परिवर्तन ला सकता है।
· जहाँ हाथ से उपयोग किए जाने वाले, कम अचूक उपकरण के इस्तेमाल से नमूने जांचने पड़ते थे वहाँ, कुछ सेकंड की ही जांच आवर्तन अवधि के कारण, अब 100% जांच की जा सकेगी।
· हाथों से इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की तुलना में बेहतर अचूकता और पुनरावर्तन क्षमता मिलेगी।
· हम अपने उत्पादन सेल में एयर गेजिंग उपकरण इंटिग्रेट कर सकते हैं। ऐसा करने से, अस्वीकृति के मामले में हम पोकायोके कर सकते हैं।
· दोष को ऑनलाइन सुधारने हेतु हम इस प्रणाली को अपनी मशीन के साथ एकात्म (इंटिग्रेट) कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, सी.एन.सी. ग्राइंडिंग सेल में जैसे ग्राइंडिंग वील घिसता है, वैसे धीरे धीरे उसे कार्यवस्तु के अधिक समीप ले जा सकते हैं। क्योंकि वील के घिसाव से पुर्जों के आयाम में होने वाले बदलाव प्रणाली जान जाती है। जब वील का फिर से ड्रेसिंग किया जाएगा, तब हम वैज्ञानिक पद्धति से टॉलरन्स सेट कर पाएंगे।
· इंटिग्रेटेड एयर गेजिंग यूनिट होने पर हम अपनी प्रक्रियाक्षमता दोगुना या इससे अधिक बढ़ा पाएंगे।
· यह सब हासिल करने के लिए, एयर गेजिंग यूनिट में किए निवेश के अलावा कारखाने की मूलभूत सुविधाओं में किसी भी बदलाव की जरूरत नहीं है। एयर गेज द्वारा कारखाने की प्रमाणित वायु आपूर्ति का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें आपूर्ति स्थान पर हमेंशा की तरह फिल्टर रेग्युलेटर यूनिट लगाए होते हैं।

स्टोत्ज, यह एयर इलेक्ट्रॉनिक गेजिंग का अग्रणि जर्मन ब्रैंड है। इस क्षेत्र के 1952 से होने वाले अनुभव के जरिए, यह कंपनी इस उद्योग क्षेत्र का आधार मानी जाती है। भारत में पहले स्टोत्ज का अस्तित्व कम मात्रा में था। हीरो मोटर्स तथा VE कमर्शियल वाहन जैसे बड़े कारखानों में उनके उत्पादन इस्तेमाल होते थे। मेट्रॉलॉजी उपकरणों की बिक्री और सर्विसिंग के क्षेत्र में अनुभव रखने वाली ट्राइमास्टर मेट्रोलॉजी यह पुणे स्थित कंपनी भारत में स्टोत्ज का प्रतिनिधित्व करती है।
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