विजन मेट्रॉलॉजी की बहुनिपुणता

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    25-दिसंबर-2020   
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1970 के उत्तरार्ध तक, कंटूर प्रोजेक्टर या ऑप्टिकल कंपैरेटर, स्वचालित द्विविमीय (2D) जांच प्रणाली का प्रमुख आधार था। तबसे कंपैरेटर तकनीक में काफी उन्नति हुई है और अब स्पर्शरहित (नॉन कॉन्टैक्ट) निरीक्षण तथा मापन काम के संदर्भ में वीडियो आधारित इलेक्ट्रॉनिक प्रतिमा विश्लेषण तकनीक अग्रस्थान पर है।

ऑप्टिक्स, कैमरे, इलेक्ट्रॉनिक्स और साफ्टवेयर इन सभी में हुई प्रगति के कारण कार्यप्रदर्शन, गति तथा बहुनिपुणता की दृष्टि से वीडियो मेट्रॉलॉजी प्रणालियां काफी आगे बढ़ चुकी हैं। सेंकडो या हजारों अचूक मापन बिंदुओं का स्वचालित रुप से संकलन और विश्लेषण करने की क्षमता इनमें होती है। इसलिए वीडियो आधारित, स्पर्शरहित मेट्रॉलॉजी प्रणाली खरीदते समय निवेश पर मिलने वाले प्रतिफल (ROI) के बारे में निर्णय लेना आसान होता है।

विजन बहुनिपुणता
आगे बताए गए तीन प्रमुख घटकों के कारण, स्वचालित वीडियो मापन प्रणाली एक उचित निवेश मानी जा सकती है।
1. मापन पूरी तरह स्वचालित होता है। ऑपरेटर बदलने पर, उसके अनुमान से पैदा होने वाले फर्क दूर होते हैं।
2. पारंपरिक, मानवीय पद्धति की तुलना में बेहद उच्च अचूकता और पुनरावर्तन क्षमता मिलती है।
3. सबसे प्रगत वीडियो मापन मशीन में (VMM) टैक्टाइल प्रोब और लेजर जैसे अतिरिक्त प्रोसेसर एकात्म (इंटिग्रेट) किए होते हैं। इसलिए जिन विशेषताओं को केवल ऑप्टिकल सेन्सर से नहीं नापा जा सकता, उनका मापन भी किया जा सकता है।
अतिरिक्त सेन्सर इस्तेमाल करने की क्षमता के कारण आज बाजार में उपलब्ध अन्य वीडियो मापन मशीन की तुलना में ऑप्टिकल गेजिंग प्रॉडक्ट (OGP) SmartScope® प्रणाली अधिक उपयुक्त होती है।

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चित्र क्र. 1 में मल्टी सेन्सर प्रणाली के कार्य की संकल्पना दर्शाई गई है। कैमेरा, उसे दिखने वाले सभी विशेषताओं का मापन कर सकता है। जैसे, व्यास B और व्यास C वह देख सकता है, इसलिए वह उन्हें गिन सकता है। उसे उपरी A पृष्ठ भी दिखता है, इसलिए उस प्रतल की सारी दूरियां जांच सकता है। लेकिन कैमेरा व्यास D और नीचे का पृष्ठ E नहीं देख सकता। इसलिए व्यास D मापने हेतु एक टच प्रोब इस्तेमाल किया जाता है। उसी प्रकार, उपरी A पृष्ठ के संदर्भ में निचले E पृष्ठ की ऊंचाई भी प्रोब की मदद से गिनी जा सकती है। साथ ही, टच प्रोब की सहायता से बाजू के खांचे (साइड ग्रूव), काट आदि घटकों का मापन किया जा सकता है।

कंटूर पृष्ठ और पृष्ठीय गहराई या Z अक्ष की चौड़ाई (जैसे किसी सिक्के की चौड़ाई) मापने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। प्रोब द्वारा मापन करना मुश्किल ऐसे अजीब आकार के पृष्ठ स्कैन करने में लेजर बेहद प्रभावी होता है। टच प्रोब स्कैनिंग की तुलना में लेजर स्कैनिंग भी काफी तेज है।

कुछ वीडियो मापन मशीन, कुछ पुर्जों की यंत्रण प्रक्रिया के दौरान जांच के लिए मुनासिब हो सकते हैं। लेकिन मल्टी सेन्सर प्रणाली, वीडियो डाटा को लेजर तथा टैक्टाइल प्रोब की जानकारी के साथ संयोजित करती है और हमें एकाधिक विभिन्न मापन मशीन की क्षमता मिलती है।
VMM का काम 

प्रणाली की विशेषताएं
इस अतिरिक्त सुविधा के कारण उत्पादित पहली वस्तु की भी पूरी जांच करने की क्षमता मिलती है। विभिन्न उपकरणों या साधनों के इस्तेमाल के कारण पुर्जे के मापन में आने वाली अनिश्चितता इसमें नहीं होती।

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चित्र क्र. 2 में दर्शाए एक खास अल्ट्रा लाइट प्रोब का इस्तेमाल किया जाता है। इसे फेदर प्रोब कहा जाता है, यह उत्पाद OGP के स्वामित्व में है। इसका व्यास बहुत छोटा, 0.125 मिमी. होता है। पारंपरिक टच प्रोब का उपयोग करने से जिस पुर्जे में विरूपण (डिस्टॉर्शन) पैदा हो सकता है, उसके मामले में इस प्रोब का छोटा आकार और उत्तम संवेदनशीलता आदर्श हैं। जिन छोटे छिद्रों को कैमरा भी नहीं देख सकता, उन्हें कैमरा के इस्तेमाल से मापना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे बेहद सूक्ष्म पुर्जे या विशेषताओं के मापन के लिए इनका उपयोग किया जाता है।

कैमरा
वीडियो मापन प्रणाली एकल हो या बहुविध सेन्सर वाली, उच्च रिजोल्युशन मेट्रॉलॉजी कैमरा उसकी जान होती है। पुर्जों की विशेषताओं की विस्तृत श्रेणी का, तेज तथा स्पर्शरहित मापन करने हेतु वीडियो का इस्तेमाल किया जाता है। इमेजिंग ऑप्टिक्स और कैमरा से देखी जा सकने वाली सभी विशेषताएं नापी जा सकती हैं। ध्यान रखें कि कैमरा उसे दर्शाई गई प्रतिमाओं का अचूक मापन करेगा। पुर्जे सही में अचूक नापे जाने के लिए, उनकी अचूकता से आवर्धित (मैग्निफाइड) एवं बिना किसी विरूपण की प्रतिमा, इमेजिंग ऑप्टिक्स ने तैयार करनी चाहिए। इस प्रकार इमेजिंग ऑप्टिक्स, प्रकाश व्यवस्था (इल्युमिनेशन) तथा कैमरा का संयोजन, इच्छित अचूकता देने वाली प्रणाली में शामिल किया होना जरूरी है।

संवेदक (सेन्सर)
किसी भी विशेषता के मापन हेतु उचित होने वाले संवेदक का चयन, उस विशेषता का स्थान और ज्यामिति पर निर्भर होता है। आम तौर पर ऑप्टिकल अक्षों के लंबकोण में होने वाली विशेषताएं, वीडियो के इस्तेमाल से देखी और नापी जा सकती हैं। वक्र पृष्ठ पर के स्वतंत्र बिंदु या पूरी विशेषताएं वीडियो संवेदक से गिनी जा सकती हैं, लेकिन लेजर जैसे स्कैनिंग प्रकार के संवेदक के उपयोग से उन्हें अधिक तेजी एवं अचूकता से नापा जा सकता है।

लेजर और प्रोब
एकात्म (इंटिग्रेटेड) लेजर प्रोब द्वारा जटिल आकार, कंटूर और प्रोफाइल के स्पष्ट चित्रण हेतु काफी मात्रा में जानकारी बिंदु (डाटा पॉइंट) इकठ्ठा किए जा सकते हैं। लेजर प्रोब (चित्र क्र.3) के उपयोग से पारदर्शी या अर्ध पारदर्शी पृष्ठ, गहरे तंग खांचे या छोटे बंद छिद्र (ब्लाइंड होल) जैसी पेचीदा ज्यामिति वाली विशेषताओं का उचित मापन कर सकते हैं।

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खड़े पृष्ठ, बंद छिद्र और खोखलेपन जैसी अन्य विशेषताओं तक ऑप्टिक्स या लेजर के इस्तेमाल से आसानी से नहीं पहुंचा जा सकता। ऐसे समय एक टच प्रोब या स्कैनिंग जांच से कंटूर, खड़े पृष्ठ, बोर, खोखली जगह और अंडरहैंग का मापन किया जा सकता है। ये मापन और वीडियो/लेजर मापन के परिणाम एक स्वचालित पद्धति से इकठ्ठा किए जा सकते हैं।

स्पर्शरहित (वीडियो एवं लेजर) और स्पर्शसमेत (टच प्रोब) तकनीक के उपयोग से, एक ही मापन मशीन पर कई पुर्जे और विशेषताएं मापी जा सकती हैं। अनेक अलग अलग मशीनों की तुलना में एक मल्टी सेन्सर मेट्रॉलॉजी मशीन की लागत कम होती है और साथ में उसे जगह भी कम लगती है। इसके अलावा कर्मचारी प्रशिक्षण का खर्चा भी कम होता है क्योंकि ऑपरेटर को कई मशीन के बजाय एक ही मापन व्यवस्था पर प्रभुत्व पाना जरूरी होगा। जो प्रणाली और साफ्टवेयर, शुरूआत से ही एकाधिक संवेदकों का इस्तेमाल करने हेतु विचारपूर्वक डिजाइन किए गए होंगे, वें आवश्यकतानुसार एक एक संवेदक बढ़ाते हुए बनाई प्रणाली से निश्चित तौर पर अधिक कार्यक्षम होगे।

अधिक बड़ा क्षेत्र देखने वाली प्रणाली

सूक्ष्मदर्शी से मापन करते समय हमेशा छोटे क्षेत्र का दृष्य (व्यू) और एकदम ओछा फोकस मिलता है। नए श्रेणी की बेंचटॉप वीडियो मेट्रॉलॉजी मशीन में बड़ा दृष्य क्षेत्र (लार्ज फील्ड ऑफ व्यू LFOV) मिलता है। 100 मिमी. तक के क्षेत्र में दृष्य मिलने से, यह मशीन छोटे पुर्जों के द्विमितीय मापन हेतु आदर्श मानी जाती है। बड़ा क्षेत्र दिखाई देने के कारण एक ही वीडियो स्नैपशॉट में पूरा पुर्जा देख और माप सकते हैं। विभिन्न कोण से, एकाधिक, एक के बाद एक स्नैपशॉट लेने के बजाय यह सरल होता है।

अन्य मापन पद्धतियों की तुलना में (जैसे कि, टच प्रोब) LFOV प्रणाली मिनटों में नहीं बल्कि सेकंड में मापन पूरा कर सकती है, साथ में इसके इस्तेमाल से एक ही समय पर कई छोटे पुर्जों का मापन किया जा सकता है।

कभी कभी कोई पुर्जा, साफ्टवेयर द्वारा स्वचालित संरेखित किया जाता है, जिससे महंगे फिक्श्चर की लागत बचती है और उत्पाद की जांच करते समय शीघ्र, अचूक मापन से अधिकतम काम होता है।

साफ्टवेयर
उच्चतम कार्यक्षमता वीडियो मापन प्रणाली, 3 D CAD मॉडेल से संगत साफ्टवेयर द्वारा संचलित की जाती है तथा नवीनतम ऑप्टिक्स से पुर्जों की छोटी, जटिल विशेषताओं के लिए उच्च अचूकता के मापन और आयामों का विश्लेषण देती हैं। ये प्रगत मेट्रॉलॉजी साधन विजन आधारित प्रणाली की उत्पादकता के सारे लाभ, उच्च मूल्य के सूक्ष्म पुर्जों तक पहुंचाते हैं।

स्वचालित वीडियो मापन प्रणालियां पुर्जे की छवि ऑप्टिकली बड़ी बनाती हैं, उच्च रिजोल्युशन वीडियो कैमरे के उपयोग से प्रतिमाओं को अभिग्रहित (कैप्चर) करती हैं और छोर एवं विशेष लोकेशन मापने हेतु प्रगत एज डिटेक्शन साफ्टवेयर अल्गोरिदम का इस्तेमाल करती हैं।

साफ्टवेयर चलित इस प्रक्रिया की गति और अचूकता से वीडियो मापन, उत्पादन के परिवेश से सानुकूल बनता है।

चित्र क्र. 4 दर्शाता है कि नवीनतम प्रभावी एज डिटेक्शन टूल से साफ्टवेयर कम समय में किस प्रकार छोर ढूंढ़ता है। साथ ही, मापन की सारी विशेषताएं भी फौरन खोजता है। जैसे कि, मापने के सारे छिद्र तुरंत दिखाए जाते हैं। मापन के बाद, जैसा चित्र में दिखाया है, मापन मूल्य फौरन स्क्रीन पर प्रदर्शित होते हैं।


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टेलीसेन्ट्रिक लेन्स

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कुछ वीडियो मेट्रॉलॉजी प्रणालियों में प्रगत टेलीसेन्ट्रिक ऑप्टिक्स दिए जाते हैं। टेलीसेन्ट्रिसिटी (चित्र क्र.5) एक ऑप्टिकल गुणविशेष है जिससे, ऑप्टिकल प्रणाली के क्षेत्र में कितनी भी गहराई पर उस वस्तु की प्रतिमा का आकार स्थिर रहता है। संपूर्ण टेलीसेन्ट्रिक ऑप्टिकल प्रणाली में प्रतिमा छोटी या बड़ी करने पर उसका आकार संगत रहता है। बिना टेलीसेन्ट्रिक के ऑप्टिक्स के इस्तेमाल से जिनकी प्रतिमा आसानी से विरूपित हो जाती है, ऐसे त्रिमितीय आकार के (शेप) प्रिज्मैटिक भागों के लिए टेलीसेन्ट्रिक ऑप्टिक्स आदर्श है।
टेलिसेन्ट्रिक लेन्स का काम 

 
उच्च कार्यक्षमता वाली ऑप्टिकल प्रणाली इस्तेमाल करें तो पूरे दृश्य क्षेत्र में (फील्ड ऑफ व्यू), कोई वक्रता या विरुपण ना होने वाली एक समतल प्रतिमा मिलती है। इसलिए पुर्जे को दृश्य क्षेत्र में कहीं भी रखा जा सकता है और उसका मापन अचूकता से किया जा सकता है। विरुपण से मुक्त ऑप्टिक्स, विशेष रूप से LFOV प्रणाली के लिए (चित्र क्र. 6) महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें केवल केंद्र में नहीं बल्कि संपूर्ण दृश्य क्षेत्र में रखे आकार को मापने का उद्देश्य होता है।

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अन्य प्रकार की वीडियो मेट्रॉलॉजी प्रणालियों में स्थायी (फिक्स्ड) लेन्स ऑप्टिक्स, अंतर्गत कैलिब्रेशन समेत जूम ऑप्टिक्स या ड्युल मैग्निफिकैशन फिक्स्ड लेन्स का इस्तेमाल किया जाता है। प्रणाली में होने वाले ऑप्टिक्स को चुनते समय, पुर्जे की विशेषताओं के आकार तथा थ्रूपुट की जरूरतों का ताल मेल, ऑप्टिकल गुणविशेषताओं के साथ बिठाने का विचार कर के सर्वोत्तम कार्यक्षमता को प्राप्त किया जाता है।

व्यवहार्यता
विजन मेट्रॉलॉजी क्षेत्र में फिलहाल कई उत्पादक और मॉडल उपलब्ध हैं। उनके काम और कीमत में काफी अंतर होता है। इनमें से उचित चयन करना हो तो, देखें कि मापन मशीन की क्षमता उसके अपेक्षित उद्देश्य से मेल खाती है या नहीं। अगर छोटे पुर्जों के लिए उच्च थ्रूपुट वाला मापन करना हो तो, प्रक्रिया के दौरान उत्पाद जांच मशीन के रुप में LFOV वीडियो मापन मशीन (चित्र क्र. 7) उपयुक्त है। जिन पुर्जों में छोटी विशेषताएं हैं, उनके लिए प्रगत ऑप्टिक समेत वीडियो मेट्रॉलॉजी प्रणाली का चयन सर्वोत्तम होगा। विभिन्न प्रकार तथा आकार की विशेषता वाले पेचीदा भागों के लिए वीडियो, टच प्रोब, लेजर एवं माइक्रो प्रोब आदि बहुविध संवेदकों सहित संपूर्ण स्वचालित जांच आदर्श होगी।

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इसके अलावा, अधिकतम वीडियो मेट्रॉलॉजी मशीन सांख्यिकी प्रक्रिया नियंत्रण (SPC), रिपोर्ट देना या विश्लेषण करना ऐसी एकात्म कार्यक्षमता प्रदान करती हैं। इससे अतिरिक्त लाभदायक काम किए जा सकते हैं और निवेश की यथार्थता बढ़ती है।

उत्पादन क्षेत्र में, गति और अचूकता ये उच्चतम प्राथमिकताएं हैं। वीडियो तकनीक ये दोनों प्रदान करती है। गुणवत्ता तथा/या उत्पादन लागत इन दोनों मामलों में जल्द प्रतिफल देने वाला यह एक बहुपयोगी मेट्रॉलॉजी उपाय हो सकता है।
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