उत्पादकता बढ़ाने वाले ‘प्रिमो प्रोब’

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Udyam Prakashan Hindi    09-मई-2020
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पुणे स्थित 'यूनिवर्सल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी' (यूनिमैक) भारी उद्योगों में काम आने वाले पुर्जे बनाती है। 1987 में अशोक मुंगले ने चीनी और सीमेंट के कारखानों में काम आने वाले पुर्जे बनाने के लिए जर्मनी से एक पुरानी मशीन खरीद कर 'यूनिमैक' कंपनी की शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने आम इंजीनीयरिंग उद्योगों में काम आने वाले पुर्जे बनाने की तरफ भी ध्यान देना शुरु किया। हाल में यह कंपनी रेल्वे इंजन, बिजली निर्माण परियोजना, सीमेंट के कारखाने और अन्य भारी उद्यमों में काम आने वाले बड़े पुर्जे बनाती है। कंपनी के पास खुद की टूल रूम, हॉरिजोंटल बोरिंग मशीन, फ्लोर बोरिंग मशीन, एच.एम.सी. और वी.एम.सी. हैं। उनमें से एक वी.एम.सी. की टेबल का आकार 4.5 मी. X 2.75 मी. है।
 
अच्छे कार्यप्रदर्शन के लिए बड़े पुर्जों में भी 15-20 माइक्रोन की अचूकता होना बेहद आवश्यक होता है। 'यूनिमैक' के सामने मुख्य चुनौती थी, उत्पादन प्रक्रिया के दौरान बड़े पुर्जों की जांच करना। साथ ही, हाथ से की हुई सेटिंग की गलतियां दूर करना, अचूकता और पुर्जोंकी अनुरूपता (कन्फर्मन्स) बढ़ाने के साथ साथ अनुत्पादक समय और पुर्जों का अस्वीकार (रिजेक्शन) घटाने जैसी बाते हासिल करना जरूरी था। इसके लिए 'यूनिमैक' ने 'प्रिमो' प्रणाली के इस्तेमाल से, जांच में जाने वाला समय 4 महीनों में 90% से कम कर दिखाया तथा उसकी निरंतरता बरकरार रखी। मशीन पर ही पुर्जे की सेटिंग स्वचालित रूप से करने, उसकी जांच और टूल सेटिंग करने हेतु यह प्रणाली डिजाइन की गई है।
 
'यूनिमैक' कंपनी के संचालक अशोक मुंगले ने बताया, "जबसे हमने काम की जरूरतोंनुसार मशीन पर 'रेनिशॉ' की 'प्रिमो' प्रणाली लगाई, हमारी परेशानी दूर हुई। मशीन पर बिठाया यह प्रोब (चित्र क्र. 1) इस्तेमाल में तो आसान है ही, साथ ही उसकी कार्यक्षमता अधिक होने के कारण मशीन के उत्पादक समय में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे आवर्तन काल कम करने में सहायता मिली है।"

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अभिनव प्रोबिंग 
'प्रिमो' प्रणाली में एक प्रिमो रेडियो पार्ट सेटर और एक प्रिमो रेडियो 3D टूल सेटर होता है। इसकी सहायता से मशीन पर ही स्वचालित रूप से पुर्जे की सेटिंग, जांच और टूल सेटिंग की जाती है। फलस्वरूप हाथ से सेटिंग करते समय होने वाली गलतियां टाली जाती हैं, अचूकता बढ़ती है और मनचाहा पुर्जा प्राप्त होता है। साथ ही अनुत्पादक समय और रिजेक्शन की मात्रा भी घटती है। अर्थात इस प्रोब के इस्तेमाल से मिलने वाली अचूकता, मशीन की अचूकता पर भी निर्भर करती है। मशीन की अचूकता आश्वस्त करने हेतु ,साल में कम से कम एक बार लेसर तकनीक से उसकी जांच करना जरूरी है। मशीन के स्पिंडल के इस्तेमाल से प्रोब जांच करने से
 
1. क्लैंपिंग कर के यंत्रण करने के बाद, क्लैंप खोल कर उसी जगह पर जांच की जा सकती है। 
2. किसी कारणवश तय किए पैरामीटर बदल कर यंत्रण किया गया हो तो उसके परिणाम तुरंत समझ आते हैं।
 
बदलाव पाने की क्षमता 
'यूनिमैक' अपने ग्राहकों के लिए, रेल्वे इंजन में इस्तेमाल किए जाने वाले टर्बोचार्जर और विशेष कामों के लिए आवश्यक होने वाले पुर्जे बनाती है। पहले एक टर्बोचार्जर हाउसिंग बनाने के लिए 46 घंटे लगते थे।
 
पुराना तरीका

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इस प्रक्रिया के दौरान सेमीफिनिश्ड स्थिति में इस पुर्जे (चित्र क्र. 2) को जांच कक्ष में ले जा कर उसकी समतलता, चौकोरता, समानांतरता और स्थानसंबंधि अचूकता आदि की जांच करनी पड़ती थी। बाद में उसे फिर से मशीन पर चढ़ा कर एकरेखित (अलाइन) करना पड़ता था। उसके बाद ही अगला यंत्रण किया जा सकता था। इस प्रक्रिया को 3 घंटे लगते थे और इसे 2 बार करना होता था। इस प्रकार मशीन पर उत्पादन के हर आवर्तन काल में 6 घंटे बर्बाद होते थे। सेटिंग की यह प्रक्रिया हाथ से की जाने से उसमें भी 30 मिनट जाते थे। इसके अलावा बड़े पुर्जे मशीन पर ही खोल कर किए गए काम की अचूकता जांची जाती थी। इसके लिए मशीन पर डायल लगा कर सभी जगह घुमा कर देखने में भी समय बर्बाद होता था।

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नया तरीका 
'प्रिमो' प्रणाली द्वारा मशीन पर ही जांच होने से पुर्जा मशीन से बार बार निकालना, दूसरी जगह ले जाना और फिर से बिठा कर सेट करना आदि कामों से छुट्टी मिलती है। 'यूनिमैक' में अब इस नई प्रक्रिया के लिए केवल 30 मिनट लगते हैं। इस प्रकार जांच के समय में 90% की बचत हुई है। कुल आवर्तन काल में 12% की कमी आई है। इस हेतु किए निवेश का प्रतिफल केवल 4 महीनों में मिला है।
 
'प्रिमो' प्रणाली का इस्तेमाल बहुत आसान है। 'यूनिमैक' में उसे स्थापित एवं मूल्यांकित करने में केवल एक दिन लगा, यही इस बात का वास्तविक प्रमाण है। उसका गो-प्रोब प्रशिक्षा किट और छोटी पॉकेट मार्गदर्शिका के कारण प्रणाली सीखने और अमल करने में ज्यादा समय नहीं लगता। इसके लिए G कोड का विस्तृत ज्ञान आवश्यक नहीं होता, यह एक बड़ा लाभ है। छोटे तथा बहुत ही आसान निर्देशों के उपयोग से यह प्रणाली चलाई जा सकती है, इस हेतु लंबे कोड सीखने के लिए विशेष प्रशिक्षा लेने की आवश्यकता नहीं होती है। यहाँ एक महत्वपूर्ण मुद्दा ध्यान में रखें कि पुर्जे की अचूकता मशीन की अचूकता पर निर्भर करती है।

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इस प्रोब का प्रत्यक्ष काम देखने के लिए यहाँ दिया विडीओ देखिये |
 
यह प्रणाली लागू करने के बाद श्रमशक्ति, मटीरीयल हैंडलिंग और बिजली पर होने वाले खर्चे में बचत हुई। उसके लिए अतिरिक्त निवेश भी नहीं करना पड़ा। इस काम में प्रोबिंग के इस्तेमाल से हुए लाभ तालिका क्र. 1 में दर्शाए गए हैं।

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श्रीपाद शौचे
व्यवसाय विकास प्रबंधक, रेनिशॉ
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यांत्रिकी अभियंता श्रीपाद शौचे रेनिशॉ कंपनी में व्यवसाय विकास प्रबंधक हैं| इससे पहले आपने रेनिशॉ में विभिन्न पदों पर काम किया है| आपको इंजीनीयरिंग क्षेत्र में काम का दीर्घ अनुभव है|
 
 
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