खांचे का यंत्रण : 2

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Udyam Prakashan Hindi    16-सितंबर-2020   
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पिछले लेख में (धातुकार्य : अगस्त 2020) में हमने सी.एन.सी. लेथ की मदद से खांचे (स्लॉट) का यंत्रण करने की, अनेक पड़ावों से गुजरने वाली, प्रक्रिया के बारे में जाना। इस लेख में हम ग्रूविंग टूल के चयन के बारे में जानकारी लेंगे। ग्रूविंग टूल का चयन और टूल स्टेशन नंबर तय करने के बाद खांचे के यंत्रण की प्रणाली निश्चित करनी होती है। इसके लिए खांचे की चौड़ाई से कम चौड़े इन्सर्ट का चयन करना, पहला और महत्वपूर्ण काम होता है। आगे दिए मिसाल से यह स्पष्ट होगा।

चित्र क्र. 1 में 0.1584" खांच की चौड़ाई और 0.1250" चौड़े इन्सर्ट के इस्तेमाल से दो ग्रूविंग काट का प्रयोग करना होगा। इसके लिए आगे दिया सूत्र उपयोगी है।


1_1  H x W: 0 x

यंत्रण करते समय हर बाजू का एकसमान मटीरीयल निकालने से खांचे का यंत्रण बेहतर होता है। साथ ही पृष्ठीय फिनिश तथा टूल की आयु भी बेहतर मिलती है। यंत्रण के समय 2 के बजाय 3 ग्रूविंग काट लिए जाते हैं। इसके लिए सी.एन.सी. प्रोग्रैमर, आगे दिए गए दो मुद्दों का अवश्य ध्यान रखें।
⦁ खांचे के स्थान पर (पोजिशन) नियंत्रण
⦁ खांचे की चौड़ाई पर नियंत्रण

चित्र क्र. 1 में दर्शाई गई खांचे का स्थान 0.625" है। यह माप कार्यवस्तु के फेस से नापा गया है। खांचे की चौड़ाई 0.1584" है ओर चुने गए इन्सर्ट की चौड़ाई 0.1250" है। यह यंत्रण (कटिंग), तीन चरणों में समाप्त करना है।
चरण 1 : इसमें खांचे के बीचोबीच रफ प्लंज करना जरूरी है, जिससे दोनो तरफ समान मटीरीयल रहेगा। यह करते समय ध्यान रखें कि खांचे के तल में कम मटीरीयल बचे।
चरण 2 : खांचे की बाई ओर ग्रूविंग टूल के काम का प्रोग्रैम बनाएं। उसमें कोनों को मोड़ना अर्थात चैंफर प्रोग्रैम का भी समावेश करें।

2_1  H x W: 0 x
चरण 3 :
खांचे की दाईं तरफ ग्रूविंग टूल के काम का प्रोग्रैम बनाए। उसमें कोनों को मोड़ना अर्थात चैंफर प्रोग्रैम का भी समावेश करें, साथ ही खांचे का तल बाईं ओर सरकाएं।

तीसरे चरण पर, फिनिशिंग के लिए स्टॉक अलाउन्स का विचार करना जरूरी है।

फिनिशिंग अलाउन्स

3_1  H x W: 0 x
पहले चरण में खांचे के बीचोबीच पहला प्लंज लेना जरूरी है। Z अक्ष का आरंभ स्थान पाने हेतु, फिनिशिंग के लिए हर बाजू पर अपेक्षित मटीरीयल का गणन करें। इससे Z का स्थान बाई ओर से +0.0167 आएगा। अगर ये बाजू Z-0.625 है तो ग्रूविंग टूल का आरंभस्थान Z-0.6083 होगा। जब टूल पहला प्लंज पूरा करता है तब खांचे के दोनो बाजू पर फिनिशिंग के लिए समान मटीरीयल रहेगा।

महत्वपूर्ण निर्देश : राउंड ऑफ् फिगर का उपयोग कहीं भी ना करें, गणना से प्राप्त आंकड़ो का प्रयोग करें।
⦁ X अक्ष पहला स्थान: प्लंज का शुरुआती स्थान
⦁ X अक्ष दूसरा स्थान: प्लंजिंग कट व्यास अंतिम स्थान
अच्छी शुरुआत के लिए बेहतर स्थान (पोजिशन) है, हर बाजू पर 0.050" जितनी दूरी फिनिश व्यास पर रखें। (4.0 + 0.05 X 2 = 4.1)
0.05" से अधिक क्लियरन्स पर काट ना छोड़ें। 0.05" (1.27 मिमी.) खांचे के तल का व्यास, चित्र क्र. 1 में, 3.82" दिया गया है। इससे X 3.82 अपेक्षित व्यास मान कर प्रोग्रैम किया जा सकता है। वो हर बाजू पर 0.003", यानि व्यास पर 0.006" इतना कम बचेगा।
N43 G00 X4.1 Z-0.6033 T0303 M08
N44 G01 X3.826 F0.004
N45 G00 X4.1

बहुल खांचे (मल्टिपल ग्रूव)
एक ही भाग पर समान आकार के अनेक खांचे करने की प्रक्रिया को मल्टिपल ग्रूविंग कहते हैं। इस काम का प्रोग्रैम, 'सबप्रोग्रैम' के अंतर्गत किया जाता है। इससे प्रोग्रैमिंग में समय की काफी बचत होती है। इसमें खांचों की संख्या अधिक होने से यंत्रण के दौरान अधिक मात्रा में मटीरीयल निकलता है, जिसे समय समय पर हटाना बेहद जरूरी होता है। अन्यथा यह मटीरीयल खांचे में फंस कर फलस्वरूप खांचे के पृष्ठीय फिनिश पर बुरा असर पड़ता है और टूल भी जल्दी खराब होता है। वायु के दबाव से चिप दूर कर सकते है, लेकिन उसके लिए पहले टूल बाहर निकालना जरूरी होता है। बाद ही सारे चिप हटा सकते हैं। इसके लिए M01 ऑप्शनल स्टॉप का बेहतर इस्तेमाल होता है।

फेस पर खांचे
आड़ा (हॉरिजोंटल) खांचा बनाते समय, कटिंग इन्सर्ट के रेडियल क्लियरन्स के बारे में सोचना पड़ता है। फेस पर खांचे की प्रक्रिया आड़ी (हॉरिजोंटल) यंत्रण प्रक्रिया है। इसके लिए Z अक्ष कार्यान्वित करना होता है। इसके विपरित, खडी (वर्टिकल) ग्रूविंग में X अक्ष कार्यान्वित किया जाता है। इन दोनों यंत्रण प्रक्रियाओं में टूल का ओरिएंटेशन अहम् मुद्दा है। यंत्रण करते समय इसेही कटिंग इन्सर्ट का रेडियल क्लियरन्स कहा जाता है। खड़े ग्रूविंग पर इसका कोई असर नहीं होता। इसके विपरित आड़े ग्रूविंग में (चित्र क्र. 2) ओरिएंटेशन बेहद महत्वपूर्ण होता है।


4-5_2  H x W: 0
 
4-5_1  H x W: 0
कुल काट : तीन
1. रफ प्लंज : खांचे के बीचोबीच
2. दो फिनिशिंग कट
3. कॉर्नर ब्रेक समेत
इसके बाद रेडियल क्लियरन्स पर ध्यान देना होगा।

रेडियल क्लियरन्स
अधिकतर ग्रूविंग इन्सर्ट ऊंचे होते हैं, क्योंकि ऊंचाई से उन्हें मजबूती मिलती है। फेस ग्रूविंग के लिए ग्रूविंग इन्सर्ट कार्यवस्तु के फेस से 90° के कोण में लगाया जाता है (यानि स्पिंडल की मध्य रेखा)।
आदर्श ग्रूविंग इन्सर्ट का रेडियल क्लियरन्स शून्य होता है तथा निचले हिस्से में वो कार्यवस्तु से हस्तक्षेप करता है (चित्र क्र. 3 देखें)। स्टैंडर्ड इन्सर्ट में फेस ग्रूविंग हेतु किए बदलाव चित्र क्र. 4 में दर्शाए हैं।

7_1  H x W: 0 x
4-5_2  H x W: 0
4-5_1  H x W: 0 

फेस ग्रूविंग प्रोग्रैम की मिसाल

आगे दिए प्रोग्रैम में सुधारित इन्सर्ट का उपयोग किया गया है, साथ ही 0.012" चैंफर हेतु एक ही ऑफसेट का इस्तेमाल किया है। इन्सर्ट का निचला हिस्सा, यानि टूल का केंद्रबिंदु सेंटर पॉइंट है।
03603 फेस ग्रूव
G20 (इंच में दिए माप प्रोग्रैम करने हेतु)
....
N21 T0400 M42
N22 G96 S450 M03
N23 G00 X2.1 Z0.05 T0404 M08
N24 G01 Z-0.123 F0.003
N25 Z0.05 F0.04
N26 X1.951
N27 X2.075 Z-0.012 F0.001
N28 I-0.123 F0.003
N29 X2.1 Z0.05 F0.04
N30 U0.149
N31 U-0.124 Z-0.012 F0.001
N32 Z-0.125 F0.003
N33 X2.0755
N34 X2.1 Z0.05 F0.04 M09
N35 X G00 X8.0 Z3.0 T0400
N36 M30
%

कॉर्नर ग्रूव या नेक ग्रूव
कॉर्नर ग्रूव प्रोग्रैम करने के लिए ग्रूविंग इन्सर्ट त्रिज्या पता होना बहुत जरूरी है, जैसे कि 0.031 (1/32) (चित्र क्र. 5)।
⦁ काट की गहराई : आरेखन में दिए विवरण से तय की जाती है।
⦁ साधारणतः कोने पर का खांचा न्यूनतम अंडरकट के रूप में निर्देशित किया जाता है। चित्र क्र. 5 में कोने पर का खांचा दर्शाया है।


8_1  H x W: 0 x

अंडरकट प्रोग्रैम की मिसाल
प्रोग्रैम
03604 कॉर्नर ग्रूव
G20
...
N217 G505 1000 T0500 M42
N218 G96 S375 M03
N219 1.08 Z-0.95 T0505 M08
N220 G01 X0.918 Z-1.031 F0.004
N221 G04 X0.1
N222 1.06 Z-0.95 F0.04
N223 G00 X6.0 Z3.0 T0500 M09
N224 M30
%
उपरोक्त प्रोग्रैम के ब्लॉक नंबर 219 द्वारा टूल सेंटर सेटअप पॉइंट, नेक ग्रूव के सेंटर पर लाया जाता है (X तथा Z के लिए क्लियरन्स 0.050)।
N220 और N222 में दो कटिंग संचलन (मोशन) होते हैं।
1. ग्रूव में N220
2. ग्रूव के बाहर N222
दोनों संचलनों में सरकने की दूरी एकसमान है। 0.1 सेकंड का ड्वेल N221 में ड़ाला है। इन्क्रिमेंटल मोड में, N220 ब्लॉक नीचे दर्शाएनुसार प्रोग्रैम कर सकते है।
N220 G01 U-0.162 W-0.081 F0.004
N221 G04 X0.1
N222 U0.162 W0.081 F0.04
इस प्रकार हमने लेथ पर किए जाने वाले ग्रूव कटिंग के बारे में जाना। ग्रूव कटिंग का समय कम करने हेतु, अधिकतर कंट्रोल में कुछ खास G फंक्शन होते हैं। उनके इस्तेमाल से खांचे का यंत्रण सुलभता से, बेहतर तरीके से एवं न्यूनतम समय में किया जाता है। इस काम के लिए फानुक कंट्रोल में, G74 तथा G75 ये दो खास फंक्शन इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्हे बहुल (मल्टिपल) पुनरावृत्ति आवर्तन कहा जाता है। पिछले कुछ लेखों में इसके बारे में हमने जानकारी ली है।
 
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