मराठी में एक कहावत है, ऋषि का कुल यानि वंश एवं नदी का मूल खोजने का प्रयास ना करें। लेकिन कारखाने में जांच हेतु इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के बारे में सिर्फ उनके कुल एवं मूल जानना काफी नहीं होता, बल्कि वे उपकरण उसके अनुसार काम करते हो, तो ही वे मान्य किए जाते हैं। औद्योगिक उत्पादों की गुणवत्ता में मापन की अचूकता महत्वपूर्ण होती है। उत्पादों की गुणवत्ता के लिए, कैलिब्रेट ( calibration ) किए गए अचूक मापन उपकरणों का उपयोग जरूरी होता है।
अभियांत्रिकी वस्तुएं बनाने वाले कारखाने में मापन हेतु गेज और उपकरणों (इंस्ट्रुमेंट्स) का इस्तेमाल किया जाता है। मापन अचूक होने के साथ ही वे राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होना भी आवश्यक होता है। इसलिए ISO 9000 व्यवस्थापन प्रणाली में, उपकरणों के कैलिब्रेशन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
90 के दशक में भारतीय कारखानों में ISO 9000 व्यवस्थापन प्रणाली लागू होने की प्रक्रिया शुरू हुई। साथ में, गेज तथा उपकरणों के कैलिब्रेशन की जरूरत बड़ी मात्रा में बढ़ती गई। कैलिब्रेशन करते समय मापन की राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मापन ट्रेसेबिलिटी जरूरी होती है। इन मापनों की अंतर्राष्ट्रीय ट्रेसेबिलिटी के लिए इंटरनैशनल सिस्टम ऑफ यूनिट (SI यूनिट) इस आधुनिक मेट्रिक प्रणाली का उपयोग किया जाता है। इसके लिए हम पहले SI यूनिट तथा अंतर्राष्ट्रीय मापन ट्रेसेबिलिटी के बारे में अधिक जानकारी लेते हैं।
इंटरनैशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स
SI यूनिट अब प्रमाणित अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रणाली के रूप में जानी जाती है। मापन के परिमाणों के संदर्भ में, SI यूनिट, विश्व के लगभग सभी देशों में अधिकृत एकमात्र मापन प्रणाली है। SI बेस यूनिट, आधुनिक मेट्रोलॉजी का मूलभूत भाग हैं।
SI यूनिट में परिभाषित किए मापन मानक यूनिट में कुल सात इकाइयों को मूलभूत SI इकाई (यूनिट) तय किया गया है। इससे अन्य सारे SI यूनिट हासिल किए गए हैं। मूलभूत SI यूनिट में सेकंड (s) यह भौतिक इकाई समय/अवधि हेतु है। लंबाई गिनने हेतु मीटर (m), वस्तुमान गिनने हेतु किलोग्रैम (kg), विद्युत प्रवाह के लिए अैंपियर (A), थर्मोडाइनैमिक तापमान हेतु केल्विन (ºK), पदार्थ के प्रमाण के लिए मोल और प्रकाश की तीव्रता हेतु कैडेला ये इकाइयां हैं। यह सारे बेसिक SI यूनिट वास्तव में साकार कर के, उनके प्रतिरूप विभिन्न देशों में उपलब्ध करवाने का कार्य पैरिस की संस्था अंतर्राष्ट्रीय वजन तथा मापन ब्यूरो (BIPM) करती है।
मापन की राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय ट्रेसेबिलिटी
BIPM द्वारा, सदस्य राष्ट्र मापन विज्ञान (मेट्रोलॉजी) तथा मापन मानक (स्टैंडर्ड) से संबंधित विषयों पर एक साथ काम करते हैं। भारत भी इस संस्था का सदस्य है।
अपने देशों के मापन बाहरी देशों में ट्रेसेबल होने के लिए हर देश में राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संस्था (NMI) कार्यरत होती है। ऐसी संस्था अपने राष्ट्रीय मापन, अंतर्राष्ट्रीय संस्था के साथ कैलिब्रेशन कर के उनकी ट्रेसेबिलिटी अपने देश में उपलब्ध कराती है। भारत में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) यह काम करती है। यह राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला हमारे देश के राष्ट्रीय मापन की ट्रेसेबिलिटी BIPM फ्रांस से रखती है और ऐसे ट्रेसेबल माप, भारत में औद्योगिक मापन हेतु उपलब्ध कराती है।
औद्योगिक कारखानों में इस्तेमाल होने वाले गेज और उपकरण, इन राष्ट्रीय मापनों के साथ कैलिब्रेट करना आवश्यक होता है। लेकिन किसी भी देश के सभी औद्योगिक संगठन, अपने उपकरण अगर राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संस्था इस एक ही प्रयोगशाला से कैलिब्रेट करें तो ऐसी प्रयोगशाला में संसाधनों की कमी हो सकती है। इसलिए हर देश की दूसरे स्तर पर कार्यरत कई कैलिब्रेशन प्रयोगशालाएं, देश भर की औद्योगिक संस्थाओं को कैलिब्रेशन सेवाएं प्रदान करती हैं। ये सभी कैलिब्रेशन सेवा प्रदान करने वाली प्रयोगशालाएं, उस देश की राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संस्था से अपने उपकरण कैलिब्रेट कर के राष्ट्रीय मापन ट्रेसेबिलिटी प्राप्त करती हैं और आगे चल कर औद्योगिक संस्थाओं को हस्तांतरित करती हैं। इस प्रकार सारे देश में कैलिब्रेशन सेवा प्रदान करने वाली कैलिब्रेशन प्रयोगशालाएं, ISO/IEC17025 इस अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्थापन प्रणाली के अनुसार काम करती हैं। उसका प्रमाणपत्र संबंधि देश की मान्य राष्ट्रीय संस्था से लिया जाता है। हमारे देश में यह काम, दिल्ली में स्थित नैशनल अैक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर कैलिब्रेशन अैंड टेस्टिंग लैबोरेटरीज (NABL) द्वारा किया जाता है। हमारे देश में आज तक कुल 1025 कैलिब्रेशन प्रयोगशालाओं को NABL ने मान्यता दी है। इन सभी प्रयोगशालाओं का दो साल में एक बार NABL द्वारा मूल्यांकन (ऑडिट) किया जाता है।
इस प्रकार देश भर की औद्योगिक संस्थाओं में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मापन ट्रेसेबिलिटी (चित्र क्र. 1) उपलब्ध होती है।
मापन तकनीक और मेट्रोलॉजी कैलिब्रेशन प्रक्रिया
कैलिब्रेशन प्रक्रिया में मापन उपकरणों की तुलना, ज्ञात अचूकता के किसी अन्य मानक (स्टैंडर्ड) से की जाती है और उस मापन उपकरण की अचूकता तय की जाती है। उपरोक्त निर्देशों के अनुसार कैलिब्रेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले मानक, राष्ट्रीय मानकों के साथ ट्रेसेबल होते हैं। यह तुलना नियंत्रित तापमान और नमी होने वाले कमरे में, कुशल तकनीशीयन से की जाती है। इस प्रकार बड़ी सावधानी बरत कर, कैलिब्रेशन प्रक्रिया में मापन अनिश्चितता (मेजरमेंट अन्सर्टिनिटी) न्यूनतम रखी जाती है।
मानक उपकरण कैलिब्रेशन अवधि तय करने के मार्गदर्शक मुद्दे
• उपकरणों का प्रकार
• उत्पादक की सिफारिश
• पिछले कैलिब्रेशन रेकॉर्ड से प्राप्त की गई झुकावसंबंधि जानकारी
(ट्रेंड डाटा)
• देखभाल और सर्विसिंग रेकॉर्ड इतिहास
• इस्तेमाल की व्याप्ति और तीव्रता
• घिसाव तथा बदलाव का झुकाव
• अन्य मापन उपकरणों, खास कर के मापन के संदर्भ मानकों के साथ दोतरफा पड़ताल की बारंबारिता
• कारखाने में जांच की बारंबारिता और औपचारिकताएं
• परिवेश की स्थिति (तापमान, नमी, कंपन आदि)
• मापनों की अचूकता की आवश्यकता
• मापन करने वाले उपकरण दोषपूर्ण होने से गलत मापन से होने वाले नुकसान का दंडात्मक मूल्य
लंबाई मापने के लिए कारखाने में इस्तेमाल होने वाले आम उपकरणों की कैलिब्रेशन कृति और उस हेतु प्रयोगशाला में इस्तेमाल होने वाले स्टैंडर्ड उपकरणों का परिचय तालिका क्र. 1 में दिया है।
कैलिब्रेशन हमेशा विशेष नियंत्रित परिवेश में ही किया जाता है। इस नियंत्रित वातावरण से कैलिब्रेशन में जरूरी अचूकता मिलती है। इसमें तापमान, नमी आदि नियंत्रित किए होते हैं।
लंबाई मापन की कैलिब्रेशन लैबोरेटरी हेतु तय की गई वातावरण नियंत्रण शर्तें
• औसत तापमान : 20º±1º सें., पहला स्तर
• 20º±2º सें., दूसरा स्तर
• 20º±3º सें., तीसरा स्तर
तापमान में बदलाव का दर, प्रति घंटा 1º सें. से कम होना चाहिए।
• वायु का दबाव : घन (+ve)
• नमी : RH 50±10%
• आवाज का स्तर : अधिकतम 60dB
• प्रकाश की तीव्रता : 450-700 Lux
• कंपन : नहीं
• स्वच्छता : क्लास 1 lac