वुडरफ की-वे यंत्रण

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    26-अक्तूबर-2021   
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विभिन्न आकार की कार्यवस्तुओं पर वुडरफ की-वे यंत्रण करने के लिए अलग अलग एस.पी.एम. इस्तेमाल की जाती हैं। लेकिन इसमें व्यर्थ होने वाला समय, श्रम और खर्चा ध्यान में ले कर सभी काम एक ही स्थान पर करने की सुविधा देने वाली एस.पी.एम. की जानकारी इस लेख में दी गई है।

S.P.M. Concept picture of 
  
 
 
पिछले कुछ अंकों में हमने एस.पी.एम. यंत्रण के संदर्भ में जानकारी पाई। इस लेख में हम वुडरफ आकार के चाबी-खांचे (की-वे) के यंत्रण हेतु डिजाइन कर के बनाई हुई एस.पी.एम. के बारे में जानकारी लेंगे।

देखा जाए तो वुडरफ आकार के खांचे का यंत्रण काफी सरल और आसान लगता है। आम तौर पर बेलनाकार पुर्जे के वृत्तीय व्यास पर यह यंत्रण किया जाता है। पुर्जे पर बनाए गए इस खांचे का उपयोग, एक हिस्से से अन्य हिस्से की ओर गति का स्थानांतरण (ट्रान्स्फर) करने हेतु किया जाता है। लेकिन इंजन में क्रैंकशाफ्ट और कैमशाफ्ट जैसे पुर्जों पर बनाए इस खांचे को, इस काम के अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण काम करने होते हैं। जैसे, उनकी सापेक्षता समायोजित कर के अचूकता से इनलेट तथा एक्जॉस्ट वाल्व खोलना एवं बंद करना। इसके लिए कुछ मापदंड़ों पर जरूरी अचूकता भी उसी दर्जे की अपेक्षित होती है। जैसे, खांचे (स्लॉट) का माप, खांचे का अक्ष पुर्जे के अक्ष से समकेंद्रीय होना आदि। चित्र क्र. 1 में एक प्रतिनिधिक बेलनाकार पुर्जे द्वारा इन मापदंड़ों को समझाने का प्रयास किया है। 
 
 

A representative componen 
 
चित्र क्र. 1 : एक प्रतिनिधिक पुर्जा 
 
 
पुर्जे की असेंब्ली के समय मुश्किलें आती हैं। कई बार उचित पद्धति से असेंब्ली न होने पर मशीन के कार्यप्रदर्शन (परफॉर्मन्स) में त्रुटियां हो सकती हैं। हमसे कई एस.पी.एम. बनवाने वाले एक ग्राहक ने, वुडरफ की-वे हेतु एस.पी.एम. बना कर देने की मांग की। आम तौर पर किसी भी एस.पी.एम. का उपयोग, काफी बड़ी मात्रा में बनाए एक ही प्रकार के पुर्जों का विशिष्ट यंत्रण करने हेतु किया जाता है। जब हमने इस ग्राहक की सभी जरूरतों को समझा, तब पता चला कि उसे भिन्न आकार के एवं भिन्न आयामों के बेलनाकार पुर्जों का यंत्रण इस एस.पी.एम. पर करना है। उनके पुर्जे (चित्र क्र. 2 और 3) 150 मिमी. से 1500 मिमी. लंबाई की व्याप्ति में थे। पुर्जों की बैच साइज भी, एस.पी.एम. की तुलना में बेहद कम थी। इसी लिए ग्राहक की मांग थी कि विभिन्न पुर्जों के यंत्रण हेतु अलग अलग एस.पी.एम. के बजाय एक ही एस.पी.एम. का उपयोग किया जा सके। इसमें सिर्फ वुडरफ की-वे का यंत्रण, सभी के लिए समान यंत्रण प्रकार था। ऐसी एस.पी.एम. की संकल्पना तैयार कर के विभिन्न मापदंड़ों पर ग्राहक से सहमती लेना, हमारी दृष्टि से एक चुनौती थी।
 
 
 
Drive shaft_1  
 
चित्र क्र. 2 : ड्राइव शाफ्ट 
 
 

Camshaft_1  H x 
 
चित्र क्र. 3 : कैमशाफ्ट 
 
 
उस एस.पी.एम. की संकल्पना तय करते समय, वास्तविक यंत्रण का मानकीकरण करने के साथ अन्य कई बातों पर ध्यान देने की जरूरत का पता चला। ग्राहक की दृष्टि से मशीन को यंत्रण के लिए सरल एवं आसान बनाना आवश्यक था। इसलिए हमने आगे दिए दो मुद्दों पर विचार किया।

1. प्रत्येक पुर्जे के यंत्रण हेतु आवश्यक परिवर्तन, कम से कम समय में करना (सिंगल मिनट एक्स्चेंज ऑफ डाइ, S.M.E.D.)
2. प्रत्येक सेटिंग के बाद बनने वाला पहला पुर्जा, पहले ही प्रयास में अपेक्षित गुणवत्ता का होना (राइट फर्स्ट टाइम) S.M.E.D. की संकल्पना पर सटीक अमल करने के लिए दो हिस्सों में काम करना आवश्यक था। पहला हिस्सा था सेटिंग बदलने के बाद, फिक्श्चर पर बैठने वाला पुर्जा अपेक्षित स्थान पर सटीक बैठना। दूसरा हिस्सा यानि उस पुर्जे के अनुरूप वुडरफ कटर, पुर्जे के संदर्भ में उचित जगह बिठाना। 
 
 
 
S.P.M. Concept picture of
 
चित्र क्र. 4 : एस.पी.एम. का संकल्पना चित्र 
 
 
पुर्जा अपेक्षित स्थान पर सटीक बिठाने की दृष्टि से एस.पी.एम. डिजाइन (चित्र क्र. 4) करते समय, मशीन के बेड पर एक साझा फिक्श्चर प्लेट बिठाने का तय किया गया। फिक्श्चर प्लेट पर एक 'T' खांचे का संदर्भ लेना भी निश्चित किया गया। यह एक संदर्भ (रेफरन्स) होने के कारण, उसका आकार तथा सरफेस फिनिश के माप बेहद अचूक और छूट की कड़ी सीमाओं (क्लोज टॉलरन्स) में नियंत्रित किए। अधिकतर पुर्जे बेलनाकार होने के कारण वे 'V' ब्लॉक की जोड़ी पर बिठाना काफी आसान और सुविधापूर्ण था। स्पिंडल के पास का 'V' ब्लॉक (प्राइमरी 'V' ब्लॉक), यथासंभव स्थिर रख कर, पुर्जे की लंबाई के अनुसार, जोड़ी का अन्य 'V' ब्लॉक (सेकंडरी V ब्लॉक), 'T' खांचे में आगे-पीछे सरका कर स्थिर करने हेतु समायोजन किया।

इससे, सेटअप बदलते समय पुर्जे की लंबाई के कारण किए जाने वाले बदलावों में सरलता आ कर समय भी बचा। 
 
 
Picture no. 5: 'V' block_
 
चित्र क्र. 5 : ‘V’ ब्लॉक 
 
 
'V' ब्लॉक का कोण खड़े अक्ष से सममितीय (सिमेट्रिकल) रखने से (चित्र क्र. 5), पुर्जे के व्यास का माप बढ़ने या कम होने पर भी स्पिंडल फेस के संदर्भ में पुर्जे का अक्ष बिना स्थिति बदले उसी माप में रहने लगा। इससे, व्यास की निश्चित व्याप्ति (रेंज) में होने वाले पुर्जों के लिए, उसी 'V' ब्लॉक पर वुडरफ कटर की स्थिति बिना बदले या आवश्यकता के अनुसार दूसरा उचित कटर उसी स्थिति में सेट कर के तुरंत यंत्रण शुरू करना संभव हुआ।

पुर्जे को फिक्श्चर पर बिठाने के बाद उसकी अक्षीय दिशा की स्थिति (लीनियर पोजिशन) पक्की करना जरूरी होता है। इसी दृष्टि से, एक ब्रैकेट बिठा कर उस पर एक थ्रेडिंग का स्क्रू और लॉक नट की रचना कर के, पुर्जा उस से सटा कर बिठाने की (एंड स्टॉपर) सुविधा की गई। चित्र क्र. 6 देखें। उपरोक्त सभी रचनाओं की मदद से, सेटअप बदलते समय हर बार 'T' खांचे के संदर्भ में पुर्जे की स्थिति कम से कम समय में निश्चित होने की पुष्टि हो सकी।
 
 

 स्टॉपर_1  H x  

 
चित्र क्र. 6 : एंड स्टॉपर
 
 
Woodruff Cutter_1 &n 
 

चित्र क्र. 7 : वुडरफ कटर


 
 
ग्राहक की मांग में दूसरी चुनौती थी राइट फर्स्ट टाइम यानि हर सेटिंग के बाद बनाया गया पहला पुर्जा, पहले ही प्रयास में अपेक्षित गुणवत्ता स्तर पर लाया जाना। जैसे पुर्जे की रचना के अनुसार व्यास और लंबाई में बदलाव होते हैं, वैसे ही खांचे के अपेक्षित माप के अनुसार वुडरफ कटर (चित्र क्र. 7) की चौड़ाई और व्यास में भी बदलाव अपेक्षित होता है। वुडरफ कटर, स्प्रिंग कॉलेट वाले ऑटोलॉक चक की मदद से स्पिंडल पर पकड़े जाते हैं। कटर का सेटिंग करते समय उसे कितना अंदर या बाहर रखना जरूरी है, यह मुद्दा सेटिंग में महत्वपूर्ण होता है उचित कटर चुनने के बाद, चक में उसकी स्थिति तय करने के लिए हमने एक ब्रैकेट (चित्र क्र. 8) डिजाइन किया। 
 
 

Fig. 8_1  H x W

 
चित्र क्र. 8
 
 
इसमें स्पिंडल के फेस का संदर्भ ले कर ब्रैकेट का एक फेस उस पर सटाया। ब्रैकेट के दूसरी ओर एक प्लंजर टाइप डायल बिठाने की सुविधा की। पहला कटर स्पिंडल से निकालने से पहले उसके फेस पर डायल का जीरो सेट किया। फिर दूसरा कटर स्पिंडल पर बिठाते समय, उसकी चौड़ाई में पाए गए फर्क के अनुसार उचित रीडिंग देख कर कटर की स्थिति स्पिंडल पर निश्चित की। इस रचना से, की-वे की जगह अचूक मिली। की-वे की गहराई तय करते समय पहले पुर्जे पर, घूमता कटर एक ही बार सटा कर, गहराई का माप प्रोग्रैम में फीड करने की सुविधा बनाई। इस रचना के कारण कटर का सेटिंग अचूक हुआ।

ग्राहक को कुछ पुर्जों पर, वुडरफ की-वे की अक्षीय दिशा की स्थिति कुछ माइक्रोन की अचूकता में अपेक्षित थी। 'V' ब्लॉक को हाथों से हिला कर स्थिर करते समय अचूकता की पुष्टि न होने के कारण, हमने प्राइमरी 'V' ब्लॉक को एक स्क्रू-जैक जोड़ने की संकल्पना (चित्र क्र. 9) का सुझाव दिया। इसमें 'V' ब्लॉक के एक हिस्से में थ्रेडिंग किया और उसमें बिठाए स्क्रू को मशीन बेड की प्लेट में अटकाया। 
 
 
Fig. 9_1  H x W 
 
चित्र क्र. 9 
 
 
की-वे की अपेक्षित स्थिति में होने वाले फर्क का पता चलने पर, 'T' नट थोड़ा ढ़ीला कर के, जैक के स्क्रू के इस्तेमाल से उसे सही स्थान पर लाने की सुविधा दी। इस रचना के कारण भी हम अपेक्षित गुणवत्ता की पुष्टि कर पाएं।  
 
 

Fig. 10_1  H x  

 
चित्र क्र. 10
 
 
इस प्रकार, छोटी पहेलियों के उचित विकल्प दे कर हमने हमारे ग्राहक की सभी आशंकाओं का समाधान किया और इस डिजाइन पर सहमती प्राप्त की। हमने बनाई एस.पी.एम. (चित्र क्र. 10) पर, हमारे कारखाने में ग्राहक के सामने कई पुर्जों पर जरूरी परीक्षण किए और वह मशीन उन्हें पसंद आई। हमने बनाई एस.पी.एम. का कार्य पाठकों तक पहुंचाने हेतु हमने एक पुर्जे पर किए वुडरफ की-वे यंत्रण की एक आवर्तन (साइकल) का विडिओ बनाया है। यह QR कोड अपने मोबाइल फोन पर स्कैन कर के आप उसे देख सकते हैं। 
 
 
 
 
 
हमने यह मशीन हमारे ग्राहक के कारखाने में बिठाई है और वह उमदा काम कर रही है।
 
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विवेक पिटके ने मेटलर्जी में डिप्लोमा तथा अभियांत्रिकी की शिक्षा पूरी करने के बाद 1990 में 'स्पेपरमैक' कंपनी शुरू की। आपने कैम मिलिंग, डोम ग्राइंडिंग जैसे कई जटिल यंत्रण हेतु एस.पी.एम. के निर्माण को प्राथमिकता दी है। 
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