अभियांत्रिकी ड्रॉइंगसंबंधि तरकीबें – 4

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    24-नवंबर-2021   
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पिछले लेख में हमने टेंप्लेट करना, टेंप्लेट में कौनसी जानकारी शामिल करना जरूरी है, इसके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ, आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी पाई है। साथ ही, ड्रॉइंग करते समय 'ब्लॉक' जैसे सादे कमांड का कल्पक उपयोग करने से हमें कितना बड़ा फायदा होता है, इसे मिसाल के साथ स्पष्ट किया गया। ब्लॉक लाइब्रेरी के उपयोग से हम, हमेशा इस्तेमाल होने वाले काम संग्रहित भी कर सकते हैं।
 
Engineering Drawing
 
 
इस लेख में हम कुछ नए और अति आधुनिक कमांड का उचित उपयोग तथा उसकी उपयुक्तता पर विस्तार से विश्लेषण देखते हैं। इसमें हम कम से कम समय में अधिकतम काम करने के साथ, कमांड देखते हुए उनका एक साथ इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी लेंगे। कोई भी काम करते समय कम से कम चीजों का संचलन करना, चतुराई का लक्षण है। संचलन जितना कम हो, उतनी उससे पैदा होने वाली गलतियों की गुंजाइश कम होती है। इस सूत्र को ध्यान में रखते हुए हमने हमारे ड्रॉइंग के रोजमर्रा कामों में कुछ कमांड इस्तेमाल करने चाहिए।
 
संरेखण (अलाइन) कमांड
 
पिछले लेख में हमने देखा है कि हमेशा इस्तेमाल होने वाले आकार, ब्लॉक लाइब्रेरी में किस प्रकार संग्रहित किए जाते हैं। अब हम जानते हैं कि उनमें से कुछ आकारों का इस्तेमाल, ड्रॉइंग में कैसे किया जाता है। खास कर के, 'फ्रेम' या 'केसिंग' का आरेखन करते समय कुछ चुनिंदा आकार विशेष अंशों (कोण) में बिठाने की आवश्यकता होती है। ऐसे समय पर हम लाइब्रेरी में तैयार रखे हुए आकार (चित्र क्र. 1) ड्रॉइंग में ला कर, उन्हें उचित जगह पर और मनचाहे कोण में बिठाने हेतु 'अलाइन' कमांड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कमांड को इस्तेमाल करने की जानकारी आगे दी गई है।
 
• सर्वप्रथम, ड्रॉइंग में अपेक्षित आकार पहले से ही तैयार लाइब्रेरी से चुनें और उसे ड्रॉइंग में लाएं।
• उस विशेष आकार को चुन कर, 'मॉडिफाइ' इस प्रमुख विकल्प से 'अलाइन' यह उप विकल्प चुनें।
• आकार को जिस अपेक्षित कोण में जोड़ना हो, उस कोण को चुनें।
• जिनसे वह आकार जोड़ना है, उन बिंदुओं को चुनें।
• इससे पहला आकार दूसरे आकार से अंशात्मक दृष्टि से जुड़ेगा।
• ऐसे समय हम उसे उसके माप से एकरुप होने के निर्देश भी दे सकते हैं।
1 sample size
 
चित्र क्र. 1 नमूना आकार
alignment drawing 
 
चित्र क्र. 2 : संरेखण दर्शाने वाला आरेखन
 
चित्र क्र. 2 में सूचित की गई फ्रेम की आकृति में 'A' जैसे आकार की जरूरत होती है। हमने यह आकार पहले ही अपनी लाइब्रेरी में शामिल किया है। इसलिए हम इस आकार का तुरंत यहाँ उपयोग कर रहे हैं।
 
इस कमांड के प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष लाभ
 
• रोटेट, मूव कमांड का उपयोग टाला जा सकता है और एक ही कमांड में इसे किया जा सकता है।
• नए आकार के आरेखन की आवश्यकता न होने से समय में बचत होगी।
• एक आकार का, अन्य आकार से अचूक मेल किया जा सकता है।
• कमांड के कम से कम इस्तेमाल के कारण गलतियों की गुंजाईश कम होगी।
 
अब तक हमने आधुनिक कमांड के सटीक उपयोग का विश्लेषण किया है। हमेशा इस्तेमाल होने वाले तथा बेहद महत्वपूर्ण रिव्यू अर्थात ड्रॉइंग के पुनरावलोकन के आसान तरीके के साथ समय की बचत और गलतियां न्यूनतम हो ऐसी मार्गदर्शक पद्धति अब हम देखते हैं।
 
साफ्टवेयर के उपयोग से, ड्रॉइंग शीट की तुलना करने की आसान पद्धति
 
हम अभियांत्रिकी प्रारूप के बारे में गौर करें, तो उसे तैयार करते समय हमें विभिन्न वस्तुओं के ड्रॉइंग तैयार करने होते हैं। जिससे वस्तु के प्रत्यक्ष उत्पादन के लिए जरूरी सारी जानकारी, बारीकियों समेत एक साथ उपलब्ध हो सकती है। अब हम ड्रॉइंग तैयार करते समय जो मूलभूत पड़ाव होते हैं उन्हे जानते हैं।
 
• पहले हम उस वस्तु का हाथों से, नमूने के तौर पर संकल्पना चित्र बनाते हैं।
• उसके बाद उसे मापन के परिमाणों में बिठाते हैं।
• उसके बाद उसका वैज्ञानिक पद्धति से आरेखन करते हैं जिसमें उसके एकक, पद्धति तथा अन्य संबंधित तकनीकी जानकारी आदि का उल्लेख करते हैं।
 
इस प्रकार हमारा, वस्तु के उत्पाद हेतु आवश्यक आरेखन तैयार होता है। उसमें आवश्यकता के अनुसार या किसी विशेष कारण से बदलाव होते रहते हैं। जैसे लंबाई, चौड़ाई या ऊंचाई में बदलाव, किसी विशेषता (फीचर) का होना या न होना, उसके आकार में बदलाव आदि। ऐसे कारणों से हम सुधारित ड्रॉइंग तैयार करते हैं। लेकिन यह ड्रॉइंग पूरा होने के बाद उसे फिर से जांच कर ही हम काम के लिए आगे भेजते हैं। इसमें किए गए परिवर्तनों के कारण इसे रिविजन संस्करण कहते हैं। हमने इसकी संक्षिप्त जानकारी टेंप्लेट तैयार करनेसंबंधि के लेख में पाई है।
 
परंतु इसके लिए हमें ड्रॉइंग में सारे आयाम फिर से जांचने होते हैं। क्योंकि किसी आयाम में किया बदलाव, ड्रॉइंग के अन्य घटकों के साथ उनके आयामों को भी बाधित कर सकता है। इसलिए हम बदलाव 'हाइलाइट' कर के सारी जांच करते हैं। इसमें काफी समय खर्च होता है। इस हेतु साफ्टवेयर का उचित उपयोग कर के हम इस जटिल क्रिया को आसान बना सकते हैं। इसके लिए 'DWG कंपेयर' कमांड का इस्तेमाल करने से, हम पहले और बदलाव किए सुधारित ड्रॉइंग में तुलना कर सकते हैं। इस कमांड के इस्तेमाल हेतु आगे दिए चरणों का उपयोग करें।
 
• सबसे पहले 'कोलैबरेट' विकल्प को चुनें।
• उसके बाद उपविकल्प 'DWG कंपेयर' को चुनें।
• इसमें दो विकल्प दिखाई देंगे। पहला विकल्प, जिस ड्रॉइंग से तुलना करनी है वह पहला ड्रॉइंग और दूसरा विकल्प सुधारित ड्रॉइंग का होता है।
• इस प्रकार दोनों ड्रॉइंग में होने वाले फर्क, स्पष्टता से जांचे जा सकते हैं।

Engineering Drawing
 
चित्र क्र. 3
 
चित्र क्र. 3 में दर्शाएनुसार, दोनो ड्रॉइंग में होने वाले फर्क को तुरंत पहचाना जा सकता है। 'लेयर' के अधिकतर विकल्प इसमें उपलब्ध हैं। जैसे, दो भिन्न ड्रॉइंग तुरंत पहचानने हेतु हम उनके रंग संकेतन (कलर कोडिंग) तय कर सकते हैं। साथ ही, किए गए सुधार 'हाइलाइट' होते हैं। इन सभी के, एकत्रित परिणाम के रूप में होने वाले, लाभ आगे दिए हैं।
 
• ड्रॉइंग जांचने का समय काफी कम होता है।
• बदलाव का अन्य घटकों पर जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष परिणाम हो सकता है वह तुरंत दिखता है।
• छोटी गलतियों से बचा जा सकता है।
• महत्वपूर्ण बात यह है कि हर समय ड्रॉइंग जांचने हेतु छपी प्रतिलिपि (प्रिंटेड कॉपी) की जरूरत नहीं होती। इससे कागज की बचत होती है जो पर्यावरणपूरक है।
 
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अमित घोले यांत्रिकी अभियंता हैं। अैटलास कॉप्को, थिसेन क्रुप जैसी मल्टिनैशनल कंपनियों के डिजाइन विभाग में कई साल काम करने के बाद, आपने इंजीनीयरिंग डिजाइन सोल्यूशन और कॉर्पोरेट प्रशिक्षण देने वाली 'इमैजिका टेक्नोसाफ्ट' इस कन्सल्टन्सी की स्थापना की है।
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