3D लेजर: जटिल यंत्रण के लिए वरदान!

@@NEWS_SUBHEADLINE_BLOCK@@

Dhatukarya - Udyam Prakashan    15-फ़रवरी-2021   
Total Views |

लेजर (लाइट अैम्प्लिफिकेशन बाइ स्टिम्युलेटेड एमिशन ऑफ रेडिएशन) अर्थात विकिरण के उत्तेजित उत्सर्जन द्वारा प्रकाश परिवर्धन। प्रकाश पटल में स्थित विद्युत चुंबकीय लहरों की शक्ति उत्सर्जन प्रक्रिया से बढ़ा कर, प्रकाश की सीधी रेखा का रूपांतरण किरणों (बीम) में करने की यह एक पद्धति है। संकीर्ण तरंगलंबाई (वेवलेंग्थ), विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम और एक रंग की प्रकाश किरणों के उत्सर्जित प्रकाश पुंज को लेजर बीम कहा जाता है। यह पुंज ज्यादातर एकरेखीय और संकीर्ण होता है। इसे विभिन्न लेन्स अथवा फाइबर केबल की सहायता से, अपनी जरूरत के अनुसार मनचाहे स्थान पर ले जा सकते हैं। एक ऊंचे दर्जे की तकनीक विकसित करने से, लेजर की मदद से आज आधुनिक युग में कई कार्य आसान हुए हैं।

1_1  H x W: 0 x
 

2_1  H x W: 0 x 
 
लेजर मशीन उत्पादन में अग्रणी 'ट्रम्फ' कंपनी ने त्रिआयामी (3D) यंत्रण क्षेत्र में सारे आकार के भाग, विभिन्न आकार की नलिकाएं (ट्यूब) आदि जटिल कार्यवस्तुओं का अपेक्षित यंत्रण आसानी से करने के लिए 'ट्रू लेजर सेल 5030' मशीन विकसित की है।
इसकी लेजर कटिंग प्रक्रिया से सभी धातु और अन्य पदार्थों का यंत्रण बेहद अचूकता से किया जा सकता है। लेजर किरणों को उचित तरीके से नियंत्रित किया जाता है। अति तीव्र ऊर्जा के साथ यह किरणें अत्यल्प समय में जब धातु से टकराती हैं तब धातु का उतना ही हिस्सा एक पल में पिघल जाता है। ऊर्जा की मात्रा उचित हो तो किरणें आर पार जाती हैं। इस प्रकार धातु का यंत्रण शुरू होता है। वस्तु काटने की अन्य कई प्रक्रियाएं हैं, लेकिन लेजर प्रणाली द्वारा पदार्थ से संपर्क किए बिना, आकार को बिगाड़े बिना कम समय में यंत्रण किया जाता है।
 
चूंकि यह प्रक्रिया कम समय और बेहद छोटे पृष्ठ के लिए सीमित होती है, तैयार होने वाले छोटे खांचे की चौड़ाई भी अल्प होती है और नजदीकी क्षेत्र पर उसका कोई भी असर नहीं पड़ता। इस क्रिया में अपेक्षित आकार कितना भी जटिल हो, उसका यंत्रण अचूकता से किया जाता है। यह प्रक्रिया बहुत लचीली है, इसलिए विभिन्न आकार के पुर्जे कम संख्या में बनाने या नमूना कार्यवस्तु के निर्माण के लिए लेजर तकनीक का इस्तेमाल सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

3_1  H x W: 0 x 
 
काटे जाने वाले भाग की छोर का महत्व
अल्ट्रा शॉर्ट पल्स के टकराने से यंत्रण के बाद आसपास की छोर पर, उष्मा से होने वाले दुष्परिणाम, छोर के टेढ़े मेढ़े आकार आदि दोष नहीं दिखाई देते, जो अन्य यंत्रण प्रक्रियाओं में पैदा होते हैं। चिकित्सा उपकरण, दिल के दोष दूर करने हेतु इस्तेमाल होने वाले सूक्ष्म स्टेंट आदि कार्यवस्तुओं के निर्माण में लेजर का उपयोग किया जाता है।

लेजर द्वारा यंत्रण प्रक्रिया
किसी भी धातु की अपेक्षित यंत्रण क्रिया को हम चित्र क्र. 4 से समझ लेते हैं।

4_1  H x W: 0 x
उचित प्रकार से केंद्रित की हुई लेजर किरणें कार्यवस्तु के पृष्ठ पर जहाँ टकराती हैं, उतना ही नियंत्रित पृष्ठ अधिक उष्मा के कारण पिघल कर कर्तन होता है। इसमें आगे दिए घटकों का योगदान होता है।
1. फोकसिंग ऑप्टिक्स : विशेष लेन्स की मदद से लेजर किरणों को अपेक्षित स्थान पर केंद्रित किया जाता है।
2. लेजर बीम कार्यवस्तु के पृष्ठ से टकराती है और उस भाग का तापमान इतना बढ़ाती है कि वह भाग नियंत्रित तरीके में पिघलता है।
3. कटिंग गैस से ऊपरलिखित क्रिया होने के बाद, पिघले हुए कण बाहर निकाले जाते हैं। चित्र क्र. 4 में दर्शाएनुसार, इस गैस को लेजर बीम के साथ ही छोड़ा जाता है।
4. ड्रैग लाइन : कार्यवस्तु के पृष्ठ पर, कर्तन किए जाने वाले स्थान पर किरणों को इस तरह से घुमाया जाता है कि यंत्रण किए हुए भाग पर, लेजर किरणों के संचलन से समानांतर ड्रैग लाइन तैयार होती है।
5. मेल्ट : कार्यवस्तु का नियंत्रित पिघला हुआ भाग।
6. कर्तन बिंदु (कटिंग पॉइंट) (Kerf width) : कार्यवस्तु के पृष्ठ पर तैयार हुए खांचे का आकार, लेजर बीम की चौड़ाई से थोड़ा सा बड़ा होता है।
7. नोजल : लेजर बीम और कटिंग गैस को नियंत्रित स्थान पर एकसाथ छोड़ने का काम नोजल करता है।
8. यंत्रण की दिशा : नोजल हेड या कार्यवस्तु के नियंत्रित संचलन से, यंत्रण की दिशा में खांचे तैयार होते हैं।

लेजर कर्तन प्रक्रिया पर अपेक्षित परिणाम करने वाले घटक
• फोकल लेंग्थ और फोकल डाइमीटर : कार्यवस्तु के विशिष्ट हिस्से से लेजर किरणों की फोकल लेंग्थ तथा फोकल डाइमीटर पर, यंत्रण की गहराई और काट की चौड़ाई निर्भर होती हैं।
• लेजर उर्जा : कार्यवस्तु अपेक्षित आकार में काटी जाने के लिए, निश्चित मात्रा में ऊर्जा का निर्माण अपेक्षित है, इसमें लेजर किरणों की शक्ति और किरणों से ढ़के हुए भाग का अनुपात महत्वपूर्ण है।
• नोजल का व्यास : लेजर की किरणें और कटिंग गैस, नोजल में से एकसाथ बाहर निकलते हैं। इसलिए योग्य गुणवत्ता हेतु नोजल का आकार उचित रखना जरूरी है।
• कार्यपद्धति : लेजर की निरंतर धारा या निश्चित समयावधि के लिए टकराने वाली किरणों का नियोजन, कार्यपद्धति के अनुसार किया जाता है।
• कटिंग गैस और कटिंग प्रेशर : अरगॉन तथा नाइट्रोजन जैसे उदासीन (न्यूट्रल) कटिंग गैस के इस्तेमाल से, कार्यवस्तु के पिघले हुए कणों के साथ उनकी रासायनिक क्रिया नहीं होती। कर्तन प्रक्रिया अपेक्षित पद्धति से होने में गैस का नियंत्रित प्रेशर सहायक होता है, साथ ही वह पिघले हुए कणों को बाहरी वातावरण के संपर्क से बचाता है।
• यंत्रण गति : जैसे धातु की मोटाई बढ़ती है वैसे यंत्रण गति कम होती है। यंत्रण गति का उचित अनुपात न रखने पर पृष्ठ खुरदरा होना, बर बची रहना, अपेक्षित पृष्ठीय फिनिश न मिलना आदि बातें उभर सकती हैं।
ट्रू लेजर सेल 5030
हमने देखा है कि जटिल पुर्जे तैयार करते समय, उन पर पहले की गई प्रक्रिया से पैदा हुए खुरदरे बाहरी आकार को साफ करना कई बार बहुत मुश्किल होता है। विशेष रूप से, वाहन उद्योग में ऐसे पुर्जे बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होते हैं। 3D लेजर यंत्रण करने वाली 'ट्रू लेजर सेल 5030' इस मशीन के इस्तेमाल से यह काम आसान हो सकता है। इसमें सॉलिड स्टेट लेजर का उपयोग किया है।
3D लेजर यंत्रण करते समय पुर्जा टेबल पर स्थिर रखा जाता है। उस पर जो काम करना है, उसका प्रोग्रैम मशीन में लोड किया जाता है। उसका इस्तेमाल कर के अपेक्षित स्थान से मटीरीयल हटाने का काम करते समय नोजल, टॉर्च के साथ X, Y और Z अक्षों के अलावा C अक्ष में 3600 और B अक्ष में ± 1350 घूमती है। इससे विविध आकार की ट्यूब, सीट के अनेक भाग आदि पुर्जों का यंत्रण आसानी से किया जाता है। इस नई सीरीज में 'X ब्लास्ट' तकनीक का उपयोग किया है। इसमें पुर्जा और नोजल में अधिक दूरी रखी होने के कारण, नोजल टकराने जैसी दुर्घटना से बचा जा सकता है और गुणवत्ता में सुधार होता है। 3000 (X) x 1500 (Y) x 700 (Z) मिमी. रेंज और 2000-3000W शक्ति की यह मशीन भारत में उपलब्ध है।
सामान्य पद्धति से कई मशीनों का इस्तेमाल कर के यंत्रण करने के बजाय ट्रू लेजर सेल 5030 मशीन के इस्तेमाल से कुल लागत में लगभग 20% बचत हो सकती है। एक ही मशीन सारे कामों में उपयोग की जाने के कारण मशीन शॉप की जगह में भी बचत होती है। पहले किसी नए पुर्जे का (जैसे, एक्जॉस्ट पाइप) ट्रिमिंग करना हो तो सिर्फ उसके सेटिंग में 4-5 घंटे लगते थे। अब ग्राहक से पुर्जा और उसकी प्रोग्रैम फाइल पाने के बाद, एक घंटे में उस प्रोग्रैम के इस्तेमाल से तुरंत ट्रिमिंग किया जाता है। इसके कारण कई नए पुर्जों का विकास कम समय में करना मुमकिन हुआ है।
ट्रू लेजर सेल द्वारा, विभिन्न आकार के 12 मिमी. मोटे इस्पात के भागों पर और 120 मिमी. तक विभिन्न व्यास की ट्यूब जैसे गोलाकार भागों पर उचित आकार का यंत्रण आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी विभिन्न आकार के फिक्श्चर मांग के अनुरूप मिल सकते हैं।

मिसाल
पुणे के पास भोसरी स्थित 'मेट्रिक्स सोल्यूशन' कंपनी में हमारी ट्रू लेजर सेल 5030 मशीन कार्यरत है। इस उद्यम के प्रबंधक निदेशक संजय पनवार तथा लेजर विभाग के मुख्य प्रकाश गारळे इन्हों ने इस मशीन के बारे में कहा, "पिछले कुछ वर्षों से वाहन उद्योग के विभिन्न विभागों में पर्यावरण संबंधि अनुसंधान और विकास तेजी से हो रहे हैं। वाहन के भागों का वजन घटाना और पर्यावरण से अनुकूल वाहन निर्माण करना, उद्योग के प्रगती के लिए बेहद आवश्यक हो रहा है। खास कर के BS-VI नीति लागू होने के बाद, वाहन के बाहरी भाग और एक्जॉस्ट सिस्टम में अनेक नए पुर्जों का समावेश हुआ है। विभिन्न प्रकार की धातु, कांच, प्लास्टिक तथा अन्य मिश्रित पदार्थों से बने पुर्जे विकसित हो रहे हैं और इस विकसन प्रक्रिया के दौरान इनमें निरंतर बदलाव हो रहे हैं। पतले लेकिन उतने ही मजबूत पुर्जे बनाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ भाग भंगुर (ब्रिटल) होने के कारण, गलत तरीके से यंत्रण करने पर वे आसानी से टूट सकते हैं।"
5_1  H x W: 0 x
"हर भाग की प्रक्रिया में बाहरी ढांचा (ब्लैंक) तैयार करना, छोर का सावधानी से कर्तन करना, 3D आकार में छोर का कर्तन ध्यान से करना आदि बातों के लिए विभिन्न आकार के डाइ और फिक्श्चर बनाने पड़ते हैं। इसलिए इस प्रकार का विकसन बेहद महंगा होता है।"
"ट्रू लेजर सेल 5030 का इस्तेमाल शुरू करने के बाद, मेट्रिक्स सोल्यूशन में इन कार्यों में तेजी आई। इससे हमने जाना कि नमूना पुर्जा (प्रोटोटाइप) नमूने के अनुसार तेज गति से तैयार करने वाली कंपनी अधिक प्रगती कर सकती है। विभिन्न नमूना पुर्जों में बदलाव मामूली भी हो सकते हैं, लेकिन उसके लिए हर बार अलग डाइ बनाना मुमकिन नहीं होता। शुरुआत में विभिन्न जांच के लिए आवश्यक होने वाले भागों की संख्या लगभग 50-100 ही होती है। उन्हें डाइ की सहायता से बनाना मुश्किल और महंगा साबित होता है। ट्रू लेजर सेल 5030 पर ऐसे भाग बनाना आसान है। इस मशीन पर 5 अक्षीय कर्तन करना संभव है। प्रेस पार्ट, डाइ पार्ट, आदि कोई भी आकार का भाग हम बना सकते हैं। 10 मिमी. मोटे स्टील, 6 मिमी. मोटे स्टेनलेस स्टील, 3 मिमी. मोटे अैल्युमिनियम के पुर्जे, कोई भी आकार की शील्ड आदि वस्तुएं हम ग्राहक की मांग के अनुसार और जल्द से जल्द तैयार कर सकते हैं।"

6_1  H x W: 0 x 
 
"हमारे कारखाने में हमने दो मशीन बिठाई हैं। शुरुआत में खर्चा अधिक था, लेकिन टूल रूम और साथ में दो ट्रू लेजर मशीन सेल होने के कारण ऑर्डर जल्द पूरा करने की हमारी क्षमता बढ़ी। नए पुर्जों के लिए सिर्फ डाइ बनाने में हमारे लगभग पांच दिन जाते थे। अब यह काम प्रोग्रैम फाइल लोड कर के एक घंटे में होता है। इस कारण हमारे अनुक्रिया समय (रिस्पॉन्स टाइम) में सुधार हुआ और काम की गुणवत्ता में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। हम बेहतर फिनिश का ट्रिमिंग, कम से कम समय में कर सकते हैं। इस मशीन के लिए सिर्फ गैस और बिजली आवश्यक हैं, अन्य टूल की लागत नहीं होती। कुल लागत में हम अंदाजन 40% की बचत कर पाए। यह सब एक साथ होने से हम ग्राहक को आकर्षित करने में सफल हुए।"

7_1  H x W: 0 x
"विभिन्न वाहनों में इस्तेमाल होने वाले B पिलर, X मेंबर जैसे नए नमूना पुर्जे तैयार करना हमारी विशेषता है। हमारे पास ट्रू लेजर होने के कारण न्यूनतम टूलिंग के इस्तेमाल से पुर्जे तैयार किए जा सकते हैं। हम विशेष रूप से ब्लैंकिंग और ट्रिमिंग जैसे पेचीदा काम के लिए लेजर मशीन का उपयोग करते हैं। इससे हमारी कुल लागत में बचत हुई है। इस मशीन को जगह कम लगती है। किसी भी जटिल आकार के भाग के निर्माण के लिए अब हम तैयार हैं।"
"नई मशीन लगाते समय ट्र्म्फ कंपनी ने हमारे स्टाफ को सभी प्रकार की प्रशिक्षा देने का प्रबंध किया। मैं यह भी जरूर कहना चाहूंगा कि बिक्री के बाद ट्रम्फ की ओर से बेहतर तकनीकी सहायता हमें प्राप्त हुई।"
@@AUTHORINFO_V1@@