ड्रिलिंग इन्सर्ट से लाभ

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    23-फ़रवरी-2021   
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धातुकार्य के जनवरी 2021 के अंक में प्रकाशित लेख में हमने ड्रिलिंग प्रक्रियासंबंधि कुछ मूलभूत बातों का अध्ययन किया। इसमें इंडेक्सेबल ड्रिलिंग टूल के इस्तेमाल से किए जाने वाले कुछ कामों के बारे में हम जान चुके हैं, जैसे कि स्टील तथा कास्ट आयरन के पुर्जों के अंदरी बोरिंग और बाहरी टर्निंग। आम तौर पर हम सेंटरिंग टूल, ड्रिल, बोरिंग हेतु अंतर्गत बोरिंग टूल और बाहरी टर्निंग हेतु बाह्य टूल होल्डर, ऐसे भिन्न टूल चुनते हैं। इन दो टूल के बजाय एक ही ड्रिलिंग टूल का उपयोग किया जा सकता है। इस लेख में हम, इन कामों के लिए इंडेक्सेबल ड्रिलिंग टूल का इस्तेमाल करने के बारे में जानेंगे।
 
ड्रिलिंग प्रक्रिया में टूल में केंद्रीय (सेंटर) कटिंग और परिधीय (पेरिफेरल) ऐसे दो इन्सर्ट होते हैं। सेंटर इन्सर्ट का उपयोग छिद्र के मध्य से मटीरीयल निकालने हेतु और परिधीय इन्सर्ट का उपयोग छिद्रों का अंतिम माप पाने हेतु किया जाता है। उसका विवरण चित्र क्र. 1 में दर्शाया है।

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ड्रिल बॉडी में इन्सर्ट इस तरह बिठाया जाते हैं कि ड्रिलिंग प्रक्रिया के दौरान वे एक दूसरे के क्षेत्र में काम करते हैं। इसका उपयोग चिप तोड़ने और फ्ल्यूट द्वारा उन्हें आसानी से बाहर निकालने में होता है। फ्ल्यूट पर का हेलिक्स कोन कम होने से, डीप होल ड्रिलिंग में चिप आसानी से बाहर निकाली जा सकती हैं। ड्रिलिंग में विभिन्न स्थानों के लिए एक ही इन्सर्ट का उपयोग करना, विभिन्न प्रकार के इन्सर्ट के उपयोग की तुलना में हमेशा अधिक किफायती होता है। ड्रिल बॉडी में इस्तेमाल होने वाला एक सामान्य इन्सर्ट चित्र क्र. 2 में दर्शाया है। उसे 4 छोर (एज) हैं। ड्रिल के व्यास के अनुसार इन्सर्ट के आकार बदलते हैं। बड़े व्यास के लिए (D12.5 और उससे अधिक) तथा 5D गहराई तक ड्रिलिंग करने हेतु इंडेक्सेबल ड्रिल इस्तेमाल किए जाते हैं।

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इंडेक्सेबल ड्रिल, 2 या 3 टूल की जगह ले सकते हैं। परिधीय इन्सर्ट, अंदरी बोरिंग और बाह्य टर्निंग काम में इस्तेमाल होते हैं। सिर्फ कुछ पुर्जों के लिए ही इस प्रकार के काम किए जाते हैं। ड्रिलिंग और बोरिंग के एक अैप्लिकेशन में हमने किया काम देख कर यह बात स्पष्ट होगी।
चित्र क्र. 3 में पुर्जा दर्शाया है। वर्तमान सेटअप में ड्रिल और बोरिंग टूल ऐसे दो टूल हैं।

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काम का विवरण
पुर्जा : शाफ्ट
मटीरीयल : एस.जी. आयरन
कठोरता : 220-260 BHN
काम : ड्रिलिंग और बोरिंग
मशीन : सी.एन.सी. लेथ
वर्तमान प्रक्रिया में इस्तेमाल हुए पैरामीटर और टूल, तालिका क्र. 1 में दिए हैं। बोरिंग के लिए 2 कोनों के इन्सर्ट के टूल का उपयोग किया है। इस काम में ड्रिलिंग यह रफिंग ऑपरेशन है और बाद में फिनिशिंग ऑपरेशन किया जाता है।

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सुधारित प्रक्रिया में, ड्रिलिंग में इस्तेमाल होने वाले ड्रिल का उपयोग फिनिशिंग के लिए भी किया गया। इसके कारण अपेक्षित बोरिंग गुणवत्ता और पृष्ठीय फिनिश प्राप्त हुआ। हमने ड्रिलिंग के लिए वर्तमान पैरामीटर कायम रख कर, बोरिंग में सरकन गति बढ़ाई है। दोनों कामों में मौजूदा इस्तेमाल होने वाली इन्सर्ट की श्रेणी के बजाय नए इन्सर्ट की श्रेणी अधिक सख्त (टफ) है। ड्रिल के परिधीय इन्सर्ट द्वारा फिनिश बोरिंग किया गया है।
मौजूदा 0.4 मिमी. त्रिज्या की तुलना में, नए ड्रिलिंग इन्सर्ट के कोनों की त्रिज्या 0.8 मिमी. है। त्रिज्या में हुए इस बदलाव से और सरकन गति में हुई वृद्धि से, टूल की बेहतर आयु तथा पृष्ठीय फिनिश मिलने में मदद मिली, क्योंकि 0.8 मिमी. त्रिज्या का इन्सर्ट, वाइपर इन्सर्ट का काम कर रहा था।
कार्यवस्तु के लिए कौनसी प्रक्रिया आवश्यक है, यह हमेशा जांच कर बाद में ही टूल निश्चित करना महत्वपूर्ण है। देखें कि क्या एक ही टूल के इस्तेमाल से दो/तीन काम एकसाथ किए जा सकते हैं? इससे टूलिंग का खर्चा, टूल बदलने के लिए लगने वाला समय और टूल का भंड़ारण (इन्वेंटरी) कम होगे।
टूलिंग की नई पद्धति से ग्राहक को मिले लाभ आगे दिए हैं।
अ. टूल आयु 15% बढ़ी।
ब. फिनिशिंग में यंत्रण समय 20% कम हुआ।
क. इन्वेंटरी में कटौती हुई।
ड. दोनों काम में एक ही टूल का इस्तेमाल किया गया।
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