G20, G21 (यूनिट सिलेक्शन कोड)

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    29-अप्रैल-2021   
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सभी सी.एन.सी. नियंत्रकों में G20 और G21 का इस्तेमाल, यूनिट सिलेक्शन कोड के तौर पर किया जाता है। जिस इनपुट में (इंच या मिमी.) ड्रॉइंग से माप निकालने हैं, उसके अनुसार G20 या G21 का चयन किया जाता है। इनपुट इंच में करना हो तो G20 का इस्तेमाल करें। G21 का उपयोग मिमी. में इनपुट करने हेतु किया जाता है।
महत्वपूर्ण निर्देश
G20 और G21 कोड के उपयोग से इंच को मिमी. में या मिमी. को इंच में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
प्रोग्रैम में G20 या G21 होने से, आगे दिए बातों पर असर होता है।
1. X, Y, Z को दिए गए पोजिशनिंग कमांड मूल्य (वैल्यू)
2. इन्क्रिमेंटल में बदलने वाली दूरियां
3. F कोड द्वारा दी गई सरकन गति
4. ऑफसेट मूल्य
5. G21 अधिक अचूक होने से लाभदायक
G20 में कम से कम मूल्य 0.0001 इंच होता है तथा G21 कम से कम मूल्य 0.001 मिमी. होता है। इसलिए G21 से अचूकता बढ़ती है (1 इंच = 25.6 मिमी.)।
महत्वपूर्ण निर्देश
1. G20 और G21 दोनों को कोड मोडल हैं, यानि G20 को सिर्फ G21 से रद्द किया जा सकता है। उसी तरह G21 को सिर्फ G20 से रद्द किया जा सकता है।
2. प्रोग्रैम की शुरुआत में यूनिट तय करना होता है। अन्यथा नियंत्रक (कंट्रोल) इससे पहले के प्रोग्रैम का इनपुट यूनिट (इंच या मिमी.) आगे जारी रखता है।
3. प्रोग्रैम प्रोसेस करने से पहले यूनिट तय किया जाता है। प्रोग्रैम में G20 का G21 अथवा G21 का G20 कर के यूनिट नहीं बदला जा सकता।
मिसाल
G20 इंच प्रोग्रैम चयन
N2 T02M06
N3 G20
N4 G94 G54 G00 X15 Y15 Z85
G21 मैट्रिक (मिमी.) प्रोग्रैम चयन
N2 T02M06
N3 G21
N4 G94 G54 G00 X15 Y15 Z85
G21 प्रोग्रैमिंग मिसाल (चित्र क्र. 1)

1_1  H x W: 0 x
 
 
G21
प्रोग्रैम
N1 T0505
N2 G92 S1500 M03
N3 G21 G96 S150
N4 G00 X0 Z5
N5 G42 G01 Z0 G95 F0.03
N6 G01 X23.2
N7 G01 X40 Z-30
N8 G01 X58.140 Z-42
N9 G01 X70
N10 G40 G00 X100 Z100
G97 S500
G20 प्रोग्रैमिंग मिसाल (चित्र क्र. 2)

2_1  H x W: 0 x
G20
प्रोग्रैम
NT0101
N2 G97 S800 P103
N3 G96 S150 G20
N4 G00 X0 Z1
N5 G01 Z0 G95 F0.3
N6 G01 X2 R0.25
N7 G01 Z-1
N8 G02 X5 Z-2.5 I1.5 K0
N9 G01 X6
N10 G00 X10 Z10
N11 M30
G22 सेफ्टी जोन प्रोग्रैमिंग/स्टोर्ड चेक लिमिट कार्य : इस कमांड से मनचाहे माप का सॉफ्ट बॉक्स तैयार कर सकते हैं। इसलिए इस बॉक्स के भीतर टूल घुसने की संभावना दिखते ही अलार्म बज कर मशीन बंद होती है। उसके बाद मशीन फिर से शुरू करने के लिए जो अक्ष बॉक्स के भीतर गया हो उसे हाथ से घुमा कर बाहर निकालना पड़ता है।

3_1  H x W: 0 x
G22 फॉरमैट
X..Y..Z..I..J..K..

4_1  H x W: 0 x
मशीन होम स्थान पर आने के बाद G22 कमांड देनी है। मशीन सेट होने के बाद, बंद किए भाग में टूल प्रवेश नहीं कर सकता।

5_1  H x W: 0 x
 

6_1  H x W: 0 x 
 
G23 का इस्तेमाल G22 रद्द करने के लिए होता है।
S = 0 अक्षमित (डिसेबल्ड)
S = 1 प्रवेश पाबंदी हेतु सक्षमित (एनेबल्ड)
S = 2 निकास पाबंदी हेतु सक्षमित
G25 : स्पिंडल गति का फर्क जानने वाली प्रणाली बंद करना।
G25 का कार्य : स्पिंडल गति प्रोग्रैम करते समय फेरा/मिनट (आर.पी.एम.) इस यूनिट का इस्तेमाल किया जाता है। प्रोग्रैम में, मिसाल के तौर पर अगर S1000 M03 मूल्य लेते हैं, तो उसका अर्थ 1000 फेरा/मिनट होता है। अर्थात स्पिंडल एक मिनट में 1000 बार घुमता है और यह गति निरंतर होनी चाहिए। लेकिन वास्तव में मशीन पर काम करते समय यह मूल्य कायम नहीं रहता, उसमें बदलाव होते हैं। क्योंकि कार्यवस्तु से मटीरीयल निकलते समय अधिक शक्ति लगने के कारण स्पिंडल की गति में फर्क पड़ता है। एक निश्चित मूल्य तक इस बदलाव का असर नहीं होता। ये फर्क उससे अधिक हो, तो नियंत्रक में अगली दो विशेष कमांड दी होती हैं।
G26 : स्पिंडल गति का फर्क जानने वाली प्रणाली शुरू करना।

7_1  H x W: 0 x
महत्वपूर्ण निर्देश : G26 कमांड स्पिंडल गति में सुधार नहीं करती बल्कि सिर्फ फर्क पता करती है।
प्रोग्रैम फॉरमैट
G26 P...Q...R...
स्पिंडल गति में फर्क = प्रोग्रैम में दी गई गति - मशीन पर की गति

8_1  H x W: 0 x
अगर तय किए गए मूल्य से फर्क अधिक हो तब अलार्म दिया जाता है। आमतौर पर स्पिंडल का अत्यधिक गरम (ओवरहीट) होना, स्पिंडल की गति में फर्क पड़ने का मुख्य कारण होता है।
मिसाल
प्रोग्रैम में दी गई गति 1000 मान कर, G26 P2000 Q5 R10
P2000 का मतलब है 2000 मिलिसेकंड। अगर प्रोग्रैम स्पिंडल की गति, दिए हुए मूल्य पर 2 सेकंड में पहुंचती हो, तो प्रणाली जांचती है।
Q5 का मतलब है 1000 आर.पी.एम. के 5% अर्थात 1000/100 X 5 = 50 आर.पी.एम.
1000-50 = 950 फेरा/मि.
अगर प्रोग्रैम की गई गति 950 से 1000 की व्याप्ति में होती हो, तो वास्तविक स्पिंडल गति चेक (स्पिंडल गति में फर्क जानने वाली) प्रणाली शुरू होती है।
Q और R तय करने का सूत्र
Q = (1-A/S) X 100
R = (1-H/S) X 100
A = वास्तविक स्पिंडल गति
H = उच्च गति (जिस गति पर स्पिंडल अधिक गरम हो सकता है।)
S = प्रोग्रैम की गई स्पिंडल गति
मिसाल के तौर पर, A = 950, H = 900, S = 1000 होने पर
Q = (1-950/1000) X100 = 5
R = (1-900/1000) X 100 = 10
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