चालित टूल होल्डर

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    29-अप्रैल-2021   
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लेथ पर चालित (ड्रिवन) टूल होल्डर का उपयोग कर के ड्रिलिंग, मिलिंग जैसी प्रक्रियाएं की जाती हैं। सेटअप की कम संख्या के कारण अधिक अचूकता मिलती है। चालित टूल होल्डर के मुख्य प्रकार, कार्यतत्व तथा उनका उपयोग करने की पद्धतियों के बारे में आप इस लेख से जानेंगे।
पहले सी.एन.सी. लेथ मशीन पर केवल टर्निंग प्रक्रिया की जाती थी और ड्रिलिंग तथा मिलिंग हेतु मशीनिंग सेंटर इस्तेमाल किए जाते थे। आगे चल कर इनमें सुधार हुए और टर्नमिल सेंटर के रूप में अगला संस्करण तैयार हुआ। लेथ पर चालित (ड्रिवन) टूल होल्डर के इस्तेमाल से ड्रिलिंग, मिलिंग आदि प्रक्रियाएं की जाती हैं। इसमें रफिंग से फिनिशिंग तक के सारे काम एक ही सेटअप में होते हैं और इस कारण अधिक अचूकता मिलती है। उसके बाद इसमें ट्विन स्पिंडल या सबस्पिंडल, टर्नमिल स्पिंडल समेत सबस्पिंडल (चित्र क्र. 1) आदि सुधारित संस्करण भी तैयार हुए। अब तक की मशीनों में X और Z ये दो ही अक्ष थे। लेकिन अब नए संस्करण में Y अक्ष का भी समावेश हुआ है। जिस मशीन में टरेट उपर नीचे की दिशा में हिल सकता है उसे Y अक्ष समेत टर्नमिल सेंटर (चित्र क्र. 2) कहा जाता है।

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चालित टूल होल्डर का कार्यतत्व

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सी.एन.सी. टर्निंग सेंटर पर चालित टूल के कारण टर्निंग सह मिलिंग, ड्रिलिंग और टैपिंग के काम करना मुमकिन है। टूल ड्राइव हेतु विविध मानक हैं, जिनमें DIN 1809 एक है। चालित टूल में, टूल के लिए टरेट में से ड्राइव आता है। उसके सिरे पर टेनन जैसा भाग होता है। ड्राइव के खांचे (स्लॉट) में टेनन जाता है। वहाँ टरेट से ड्राइव (चित्र क्र. 3) दिया जाता है। इन टूल होल्डर का इस्तेमाल टरेट के साथ ही किया जाता है। टूल यंत्रण स्थिति में होते समय ही, टूल ड्राइव उसे जोड़ा जाता है। चालित टूल होल्डर के लिए टरेट में अलग ड्राइव होता है। टरेट इंडेक्सिंग के लिए, लेथ की प्रणाली के अनुसार उसे मोटर दी जाती है। जैसे, लेथ पर अगर फानुक प्रणाली है तो उसे फानुक की मोटर दी जाती है। इस मोटर को लाइव टरेट पर रखा
जाता है।
 
चालित टूल होल्डर के प्रकार
Verein Deutscher Ingenieure (VDI) यह जर्मनी के अभियंताओ का संगठन है, जिसने यंत्रण अभियांत्रिकी के संदर्भ में मानक स्थापित किए हैं। इनके अनुसार ही उन उपसाधनों की संरचना होती है। उदाहरण के लिए, पहले VDI अक्षीय (अैक्शियल) टूल डिस्क का उपयोग किया जाता था। बाद में अरीय (रेडियल) टूल डिस्क संस्करण आया। पुर्जे का यंत्रण दोनो बाजू से करने हेतु अरीय टूल डिस्क का उपयोग किया जाता है। VDI में होल्डिंग शैंक पर सरेशन होता है और उस पर एक क्लैंप होता है। उस क्लैंप से पच्चर (वेज) पद्धति का उपयोग कर के टूल होल्डर पकड़ा जाता है। उसके बाद बेस माउंटिंग टाइप (BMT) वर्जन आया जिसे टूलिंग के प्रगत संस्करण के रूप में जाना जाता है। VDI धारक में पच्चर पद्धति द्वारा क्लैंपिंग किया जाता है, तो BMT में तीन या चार लोकेशन चाबियां (कीज्) होती हैं और 4 बोल्ट के इस्तेमाल से क्लैंपिंग (चित्र क्र. 4) किया होता है।

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BMT में सिर्फ अरीय डिस्क होती है। मुख्य स्पिंडल और सबस्पिंडल को दोनों तरफ, ऑपरेशन हेतु टूल होल्डर बिठाए होते हैं। उनमें अरीय तथा अक्षीय दोनों प्रकार के लाइव टूल होल्डर अथवा डबल साइडेड टूल होल्डर भी हो सकते हैं। डबल साइडेड टूल होल्डर पर दोनो ओर टूलिंग होता है। सामने का (फ्रंट) टूल मुख्य स्पिंडल के लिए काम करता है तथा पिछला टूल सबस्पिंडल के लिए काम करता है। BMT संस्करण VDI से अधिक मजबूत होता है। उसकी पुनरावर्तनीयता बेहतर होती है जो 10 माइक्रोन की बारंबारिता में होती है। अगले संस्करण का नाम अैंग्युलर हेड हैं। अैंग्युलर हेड में टूल होल्डर 0° से 90° के कोण में सेट किया जा सकता है। इसकी मर्यादा कम से कम 1º होती है। दोनों तरफ +90º से -90º की रेंज में किसी भी कोणीय दिशा में टूल को घुमा सकते हैं।

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चालित टूल होल्डर इस्तेमाल करने की पद्धतियां
 
1. OD माउंटिंग : अक्षीय यंत्रण हेतु अरीय चालित टूल (90º टूल)

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2. OD माउंटिंग : अरीय यंत्रण के लिए अक्षीय चालित टूल (0º टूल)

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3. फेस माउंटिंग : अक्षीय यंत्रण के लिए अक्षीय चालित टूल (0º टूल)

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4. फेस माउंटिंग : अरीय यंत्रण के लिए अरीय चालित टूल (90º टूल)

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अक्षीय यंत्रण के लिए अरीय चालित टूल का OD माउंटिंग
 
A. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में दाहिनी तरफ तथा उपरी स्थान पर बनी टरेट डिस्क के बाहरी व्यास (OD) पर बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)
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B. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में बाईं तरफ और उपरी स्थान पर बनी टरेट डिस्क के बाहरी व्यास पर बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)

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C. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में दाहिनी तरफ और निचले स्थान पर होने वाली टरेट डिस्क के बाहरी व्यास पर बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)

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D. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में बाईं तरफ और निचले स्थान पर होने वाली टरेट डिस्क के बाहरी व्यास पर बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)

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अरीय यंत्रण के लिए अरीय चालित टूल का फेस माउंटिंग
A. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में दाहिनी तरफ तथा उपरी स्थान पर बनी टरेट डिस्क के आगे के पृष्ठ पर बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)

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B. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में बाईं तरफ और उपरी स्थान पर बनी टरेट डिस्क के आगे के पृष्ठ पर बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)

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C. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में दाहिनी तरफ और निचले स्थान पर बनी टरेट डिस्क के आगे के पृष्ठ पर बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)

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D. मशीन स्पिंडल के संदर्भ में बाईं तरफ और निचले स्थान पर टरेट डिस्क के सामने बैठने वाले अरीय चालित टूल (90º टूल)

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चालित टूल होल्डर का डिजाइन करते समय, उसका इस्तेमाल किसी भी स्टैंडर्ड मशीन पर होने के बारे में सोचा जाता है। चूंकि BMT में माउंटिंग की जगह निश्चित होती है, किसी भी मशीन पर इसका उपयोग किया जा सकता है। विभिन्न मशीन पर चालित टूल इस्तेमाल करते समय मिलने वाली गति और शक्ति सभी मशीन में समान नहीं होती। उपयोग किए गए टूल होल्डर के प्रकार पर यह बात निर्भर होती है। उसके अनुसार मोटर का उपयोग किया जाता है। इस्तेमाल की गई मोटर की क्षमता के अनुसार टॉर्क मिलता है।
कुछ मटीरीयल या अैप्लिकेशन के मामले में, जब उस टूल हेतु अधिक टॉर्क की जरूरत होती है तब टूल होल्डर में टॉर्क बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं किया जा सकता। टूल होल्डर को मशीन से ही सीधा ड्राइव मिलता है। जब गति कम होती है तब अधिक टॉर्क मिलता है। जब गति अधिक होती है तब टॉर्क कम मिलता है। मोटर को दिए जाने वाले ड्राइव जितनी ही गति टूल को दी जाती है। अधिक गति के साथ कम टॉर्क अपेक्षित हो, तब हम 1:2 की मात्रा में गियर इस्तेमाल करते हैं। जैसे, मशीन को 100 आर.पी.एम. की गति देने से टूल पर 200 आर.पी.एम. गति मिलती है। अैल्युमिनियम जैसे मटीरीयल को अधिक गति की जरूरत होती है। इसके लिए ड्राइव मोटर की पॉवर नहीं बढ़ाई जा सकती। ऐसे समय फीड अनुपात (रेशो) 1:2 दिया जाता है। अैल्युमिनियम को अधिक टॉर्क जरूरी नहीं होता। ड्रिल छोटा हो तो वह टूल अैल्युमिनियम पर अधिक गति से चलता है। उसे 1:2 का गियर अनुपात दिया जा सकता है।
चालित टूल होल्डर की और जानकारी www.sphoorti.com वेबसाइट पर मिल सकती है।
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