संपादकीय

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    16-जून-2021   
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भारत सरकार की भाषासंबंधि नई नीति के अनुसार, सभी तकनीकी विषयों का ज्ञान देशी भाषाओं में भी उपलब्ध कराने को प्राथमिकता दी जा रही है। इस मार्ग पर उद्यम प्रकाशन ने अपनी यात्रा 5 वर्ष पहले ही शुरू की है। आरंभ में कई लोगों ने राय दी थी, कि पूर्णतः तकनीकी विषयों को समर्पित पत्रिका शुरू करना ही एक दुःसाहस है। परंतु, शॉप फ्लोर पर काम करने वाले व्यक्ति को, अभियांत्रिकी ज्ञान एवं जानकारी उसकी ही भाषा में प्रदान करने के उद्देश्य से प्रेरित ‘उद्यम’ के कार्यसमूह ने, अपनी इस यात्रा में काफी समर्थन पाया। आज महाराष्ट्र के अधिकांश औद्योगिक क्षेत्रों में ‘धातुकाम’ यह मराठी मासिक पत्रिका पहुँची है। इस यात्रा में हमने कई कठिनाइयों तथा उतार-चढ़ावों का अनुभव किया। लेकिन हमारे पाठकों से बार बार मिली शाबासी हमें इन मुश्किलों का सामना करने में प्रेरित करती रही। मराठी से आरंभ किया यह सफर आज हिंदी, कन्नड, गुजराती भाषाओं में भी दमदार तरीके में शुरू है। इस पत्रिका का तमिळ संस्करण भी जल्द ही प्रकाशित करने के हमारे प्रयास जारी हैं।
 
इस यात्रा के दौरान कई उद्यमियों तथा शॉप फ्लोर पर काम करने वाले तकनीशियनों से विचार विमर्श करने के मौके हमें मिलते गए। हमने देखा कि उद्यमी, खास कर के लघु, मध्यम कारखानेदार तथा उनसे संबंधित सभी लोग अनंत मुश्किलों का सामना कर के उन पर मात करते हुए, आगे बढ़ने की सकारात्मक दृष्टि रख कर काम कर रहे हैं। पिछले साल आरंभ हुई कोरोना महामारी के कारण व्यर्थ हुए 3-4 महीनों का, पूर्ण आर्थिक वर्ष पर होने वाला असर न्यूनतम रखने पर सभी ने जोर दिया और बड़े OEM से ले कर छोटा जॉब शॉप चलाने वाले उद्यमी तक सभी ने अखंड़ प्रयास कर के, तय किए लक्ष्य हासिल किए। इतना ही नहीं, कई उद्योजकों ने अपना पूर्वनिश्चित लक्ष्य पार कर के कारोबार बढ़ाया भी है।
 
इस संदर्भ में नया वर्ष अच्छा होने की आशा रख कर सभी ने काम शुरू तो किए, लेकिन दुर्भाग्य से कोरोना ने फिर से झटका मारा है। मशीनिंग क्षेत्र की तरक्की में अहम् हिस्सा होने वाले वाहन उद्योग की अप्रैल 2021 की कुल बिक्री, मार्च 2021 की तुलना में काफी कम रही है। चीन से स्पर्धा कर के वैश्विक बाजारों में एक प्रमुख उत्पादक देश के रूप में भारत का स्थान पक्का करने की उम्मीद रखने वाले भारतीय उद्यमियों की क्षमताओं को, सरकारी नीतियों का पूरक समर्थन पाना आवश्यक हुआ है। केवल ऋण वितरणसंबंधि नीतियां घोषित करना इस माहोल में पर्याप्त नहीं है। उद्योग बढ़ाने के लिए अनिवार्य मूलभूत संसाधन जैसे कि बिजली, जमीन और पानी उपलब्ध कराने का बड़ा काम शीघ्र किया जाना जरूरी है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पूरक नीतियां प्रस्तुत की जा रही हैं किंतु साथ ही ऊर्जा निर्माण के वैकल्पिक स्रोत मजबूत करना और उन्हें पूरक आपूर्ति शृंखला (सप्लाइ चेन) स्थानिक स्तर पर स्थापित करना भी उतना ही आवश्यक है। भारतीय उद्योजक अपनी हुनर एवं बुद्धिमत्ता के जरिए, फिलहाल अनुभव होने वाली विपत्तियों पर निश्चित मात करेंगे। इसी प्रयासों को पूरक होने वाली जानकारी हम हमेशा ही प्रस्तुत करते आए हैं। धातुकार्य के इस अंक में इलेक्ट्रिक वाहन और उनके कारण उद्योग क्षेत्र में आने वाले परिवर्तनों के बारे में संक्षेप में बताया गया है। छोटे पुर्जे और चिकित्सा क्षेत्र में प्रयुक्त इम्प्लांट का निर्माण अधिक अचूक बनाने वाली तकनीक से संबंधित लेख आपको उपयुक्त रहेंगे। ड्रिलिंग और बोरिंग प्रक्रियाएं सी.एन.सी. टर्निंग सेंटर पर करते समय ध्यान में रखने की बारीकियां समझाने वाला लेख प्रत्यक्ष काम के दौरान आपकी यकीनन सहायता करेगा। हमें विश्वास है कि इंडस्ट्री 4.0 एवं IoT, आर्थिक नियोजन, सी.एन.सी. प्रोग्रैमिंग आदि लेखमालाएं भी आपका ज्ञान संवृद्ध करेगी।
हमारी सदिच्छा यही है कि आने वाली चुनौतियों का सामना करते समय आप खुद का एवं अपने परिवार का खयाल रखें!
 
 
दीपक देवधर
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