संपादकीय

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    13-जुलाई-2021   
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उद्यम प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की जाने वाली ‘धातुकाम’ मराठी मासिक पत्रिका का 50 वा अंक हमने जुलाई 2021 में प्रकाशित किया। मराठी पत्रिका से अपनी यात्रा शुरू कर के, अगले दो वर्षों में हमने इसके तीन अन्य संस्करण प्रस्तुत किए ; धातुकार्य (हिंदी), लोहकार्य (कन्नड) और धातुकाम (गुजराती)। लघु मध्यम उद्योगों में शॉप फ्लोर पर काम करने वाला व्यक्ति नजर के सामने रख कर, हर एक अंक की रचना के बारे में नीतियां तय कर के पत्रिका का आरंभ किया गया। उन दिनों का औद्योगिक माहोल, कुल प्रगति पथ पर चलता राष्ट्रीय GDP और उसके पूरक होने वाले सभी क्षेत्रों की अपेक्षित बढ़त का चित्र पिछले डेढ़ वर्ष में काफी बदल गया है।
कारोबार बढ़ाना हो, तो बाजार की मांग को पूरक होने वाले संसाधन अपने कारखाने में होना जरूरी है। इन संसाधनों का उपयोग करने के लिए आवश्यक ज्ञान एवं जानकारी इस पत्रिका द्वारा उद्यमी तक पहुंचाने के उद्देश्य से, हम हमेशा ही उचित पाठ इसमें प्रकाशित करते आए हैं। गए डेढ़ साल की कोविड महामारी की चपेट के दौरान, लघु एवं मध्यम उद्यमियों से की बातचीत में समझी गई वर्तमान स्थिति का विचार करने पर एक मराठी कहावत याद आती है, जिसका मतलब है ‘महाप्रलय में बड़े पेड़ गिर जाते हैं लेकिन घास बच कर निकलती है’। आज बिल्कुल यही स्थिति कई स्थानों पर देखी जा सकती है। वर्षानुवर्ष बाजार की मांग पूरी करने वाले उद्योग, उसी बाजार के हालात पलटने पर कमजोर साबित हो रहे हैं। बदली हुई इस परिस्थिति का सामना करते समय जिन कारखानेदारों ने शीघ्र एवं बदले हुए बाजारों से अनुरूप परिवर्तन किए, वे केवल बच कर ही नहीं निकले किंतु उनकी तरक्की हो गई। कुछ उद्यमियों ने पारंपरिक ग्राहकों से घटी हुई मांग को एक समस्या नहीं बल्कि नए ग्राहक ढूंढ़ने के मौके के रूप में देख कर अपना कारोबार बनाया रखा। अन्य कुछ उद्यमियों ने, खुद को निर्यातक्षम बनाने हेतु आवश्यक पूर्वतैयारी करने पर जोर दे कर, लॉकडाउन से उपलब्ध हुए अतिरिक्त समय का अच्छा उपयोग किया।
इन दिनों में उद्यमियों से बातचीत करते वक्त एक और मुद्दा ध्यान में आया कि जिन्होंने खुद को घास की तरह लचीला रखा, उनके पास बहुत काम है। यह भी देखा गया कि अधिकांश उद्योगों ने, चाहे वो छोटे हो या बड़े, विकट हालातों में भी अपने सभी कर्मचारियों की अधिकतम सहायता करने का दृष्टिकोण रखा। अर्थात कंपनियों की यह भी सोच थी कि आने वाले दिनों की उत्पादन एवं दर्जासंबंधि मांगे पूरी करने हेतु प्रशिक्षित कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी। फिर भी इसके पीछे की मानवीय सहृदयता निश्चित ही सराहनायोग्य है। आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी नीति रचाने में, तकनीकी जानकारी एवं कुशलता का ऊंचा स्थान है। इन्हें उन्नत बनाने के लिए इस पत्रिका में प्रकाशित ब्योरेवार लेख आपको यकीनन काम आएंगे।
धातुकार्य के इस अंक में, चूड़ी यानि थ्रेड बनाने की प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी देने वाला लेख समाविष्ट है। शॉप में हमेशा की जाने वाली इस प्रक्रिया से संबंधित कुछ नई खूबियां पाठकों को पसंद आएगी। साथ ही, CAM प्रोग्रैमिंग में आई नई तकनीक और कटिंग टूल के ‘स्मार्ट’ प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले लेख भी इस अंक में हैं। सी.एन.सी. प्रोग्रैमिंग, इंडस्ट्री 4.0 एवं IoT, वित्तीय नियोजन आदि लेखमालाओं द्वारा विविध विषयोंसंबंधि ब्योरेवार जानकारी हम इस पत्रिका में हर महीना दे रहे हैं। इस जानकारी तथा लेखों के संदर्भ में हम पाठकों से अनुक्रिया की अपेक्षा करते हैं। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस पत्रिका से आपने रखी अपेक्षाएं हम तक जरूर पहुंचाएं ताकि इसे पाठकों के प्रति अधिकाधिक अनुरूप बनाना संभव होगा।
दीपक देवधर
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