कटिंग टूल के संग्रह का स्मार्ट प्रबंधन

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    14-जुलाई-2021   
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टूलिंग का खर्चा, किसी भी उद्योग के कुल खर्चे का रोजमर्रा का घटक होता है। प्रभावशाली वस्तुसंग्रह (इन्वेंटरी) प्रबंधन द्वारा यह खर्चा घटाने से उत्पादक को प्रति भाग खर्चा (CPP) कम करना, मुनाफा बढ़ाना और अंतिम उत्पाद की कीमत अधिक प्रतिस्पर्धात्मक रखना संभव होता है। टूल का प्रबंधन उचित तरीके में करने का उद्देश्य रख कर विकसित की गई स्मार्ट स्टोरेज और कटिंग टूल इन्वेंटरी प्रबंधन प्रणाली स्पष्ट करने वाला लेख।
 
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आज धातु यंत्रण के उद्योग में किफायती पद्धति से व्यवसाय करने के लिए, उत्पादकों ने टूलिंग के खर्चे पर ध्यान देना जरूरी माना जाता है। उत्पादकों का ध्यान हमेशा अधिक निवेश किए गए बड़े उपकरणों के खर्चे पर केंद्रित रहता है, इससे टूलिंग का खर्चा नजरअंदाज होता है। उन्हें यह समझ लेना होगा कि टूलिंग का खर्चा, कंपनी के कुल खर्चे में बार बार आने वाला रोजमर्रा का हिस्सा है। वस्तुसंग्रह (इन्वेंटरी) के प्रभावशाली प्रबंधन द्वारा यह खर्चा कम करने से उत्पादक को प्रति भाग खर्चा (CPP) कम करना, लाभ बढ़ाना और अंतिम उत्पाद की कीमत अधिक प्रतिस्पर्धात्मक रखना मुमकिन होगा।
इसमें नए आने वाले और इस्तेमाल होने वाले टूल का प्रभावशाली प्रबंधन, उन पर नजर रखने की क्षमता (ट्रेसेबिलिटी), टूल खोजने में जाने वाला समय कम करना, हाथों से प्रविष्टियां दर्ज करने की प्रक्रिया के बदले यथाक्रम साफ्टवेयर आधारित टूल प्रबंधन योजना पर अमल करना आदि शामिल हैं।
 
 
प्रचलित पद्धति में समस्याएं
1. हाथों से प्रविष्टियां दर्ज करने में ज्यादा श्रम होते है, साथ ही गलतियों की गुंजाईश बढ़ती है।
2. टूल खोजने में अधिक समय जाने के कारण ऑपरेटर का चिड़चिड़ापन बढ़ कर उत्पादकता कम हो सकती है।
3. कारखाने में कौनसा कटिंग टूल कहाँ रखा होगा, इस जानकारी का अभाव होता है।
4. इस्तेमाल किए गए टूल का पूरी क्षमता के साथ उपयोग नहीं होता।
5. रद्दी/बेकार (स्क्रैप) टूल का दोषपूर्ण प्रबंधन।
6. सर्वसमावेशी संग्रह का विश्लेषण रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होता।
7. पारंपरिक रैक के कारण टूलरूम में उपलब्ध जगह का उचित उपयोग नहीं किया जाता।
8. फलस्वरुप टूलिंग खर्चा और अनुत्पादक समय ये दोनों बढ़ते हैं।
 
 
विकल्प
उपरोक्त समस्याओं के समाधान हेतु, धातु यंत्रण करने वाले कारखाने में इस्तेमाल होने वाले टूल का कुल खर्चा घटाने के लिए, ग्राहक के अनुरूप बनाए हार्डवेयर और साफ्टवेयर के कई विकल्प 'झोलर' प्रस्तुत करती है, जिससे अनुशासित एवं सुव्यवस्थित तरीके में टूल प्रबंधन किया जा सकेगा।
 
 
हार्डवेयर - स्मार्ट अलमारी
1. झोलर कीपर
 

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चित्र क्र. 1 : कीपर अलमारी
 
 
कीपर अलमारी, एक खड़ी संग्रह प्रणाली है। पारंपरिक पद्धति में जगह घेरने वाले खुले रैक के बजाय, इस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे 1x1 वर्गमीटर की छोटी जगह में 240 से 480 टूल होल्डर (टूल होल्डर के आकार और प्रकार के अनुसार) और/ या असेंब्ली रखी जा सकती है। इसमें ऊंचाई के अनुसार दो विकल्प (1000 मिमी. एवं 2000 मिमी.) और खाने (ड्रावर) के दो विकल्प (3 खाने एवं 5 खाने) हैं। खड़े खानों के अंदर पॉकेट की रचना टूल होल्डर/असेंब्ली की ऊंचाई के अनुसार समायोजित (अैडजस्ट) की जा सकती है। हर खाने में 1000 किलो वजन रखने की क्षमता होती है। 5 खानों के प्रकार में रखी वस्तुओं के लिए व्यास की मर्यादा 150 मिमी. है। 3 खानों के प्रकार में 300 मिमी. तक व्यास की वस्तुएं रखी जा सकती हैं। टूल होल्डर के प्रकार के अनुसार (BT40, HSK63, Capto C4 आदि) उन्हें रखने के लिए विभिन्न प्लास्टिक इन्सर्ट की आपूर्ति की जा सकती है। कीपर अलमारी मैन्युअल और इलेक्ट्रॉनिक दोनो प्रकार के लॉकिंग में उपलब्ध है। इलेक्ट्रॉनिक प्रकार में खाने का लॉकिंग, टूल मैनेजमेंट सोल्युशन (TMS) अलमारी कंट्रोल साफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। सुरक्षित संग्रह, बेहतर वजन क्षमता और जगह का इष्टतम उपयोग ये इस अलमारी से कुछ मुख्य लाभ हैं।
 
 
2. झोलर टूल प्रबंधक (ऑर्गनाइजर)
 

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चित्र क्र. 2 : टूल प्रबंधक
इस अलमारी में उत्पादक की आवश्यकता के अनुसार जितने चाहे उतने विकल्प उपलब्ध कराने वाले आड़े खाने होते हैं। कटिंग टूल (इन्सर्ट और गोल टूल) तथा उनसे संबंधित उपसाधनों के लिए टूल प्रबंधक सबसे उपयुक्त है। इसमें ऊंचाई के अनुसार 600 मिमी., 900 मिमी. और 1225 मिमी. ऐसे तीन मुख्य विकल्प हैं। उत्पादक की जरूरत के अनुसार व्यक्तिगत खानों की ऊंचाई 50 मिमी. से 300 मिमी. तक बदली जा सकती है। हर खाने में पॉकेट की संख्या 4 से 48 तक समायोजित की जा सकती है। इस अलमारी में तीन प्रकार के लॉकिंग उपलब्ध हैं। मेकैनिकल, खानों का लॉकिंग (खाने इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से लॉक किए होते हैं और साफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित होते हैं, लेकिन पॉकेट खुले होते हैं।) और पॉकेट लॉकिंग (स्वतंत्र खाने या पॉकेट, इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से लॉक किए होते हैं और साफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित होते हैं)। सुरक्षित भंड़ारण, अधिक नियंत्रण और संग्रह का अचूक वर्गीकरण ये इस टूल प्रबंधक अलमारी की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।

 
3. झोलर ट्विस्टर
 

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चित्र क्र. 3 : ट्विस्टर अलमारी
ट्विस्टर अलमारी यानि कटिंग टूल की वेन्डिंग मशीन है। हवाई अड्डे पर या कार्यालयीन भवनों में कोल्ड्रिंक की बोतलें अथवा खाद्य पदार्थ खरीदते समय आपने ऐसी मशीन देखी होगी। उसी प्रकार ट्विस्टर नए कटिंग टूल की आपूर्ति करता है। इसमें 3 आकार हैं। ट्विस्टर L (बड़ा) में 70, ट्विस्टर S (छोटा) में 42 और माइक्रोट्विस्टर में 24 प्रकार के टूल संग्रहित किए जा सकते हैं। हर हेलिक्स में चुने गए कॉन्फिगरेशन के अनुसार 10 से 24 जगहें, संग्रह हेतु दी होती है।
साफ्टवेयर नियंत्रित इस अलमारी के इस्तेमाल से, उपयोगकर्ता इस्तेमाल के लिए एक समय पर एक ही वस्तु ले सकते हैं। इससे नए टूल की इन्वेंटरी पर पूरा नियंत्रण रखा जा सकता है। यह अलमारी गोल टूल, इन्सर्ट बॉक्स तथा स्वतंत्र बॉक्स में रखे जाने वाले इन्सर्ट के लिए उपयुक्त है। एक समय पर एक ही टूल देना, बेहतर इन्वेंटरी नियंत्रण और सुरक्षित भंड़ारण ये ट्विस्टर अलमारी की विशेषताएं हैं।

 
साफ्टवेयर - TMS (अलमारी नियंत्रण)
झोलर TMS (टूल मैनेजमेंट सोल्युशन) साफ्टवेयर, उत्पाद प्रक्रिया की नींव है। इसके द्वारा, प्रक्रिया में सहभागी विभिन्न विभागों से संबंधित सारे कर्मचारी एक ही साझा डेटाबेस में जानकारी का हस्तांतरण कर सके इसलिए, एक साझे डेटाबेस पर आधारित मंच उपलब्ध किया जाता है। जब हम 'इंडस्ट्री 4.0' के बारे में बात करते हैं तब हमारे मन में उठने वाला पहला शब्द होता है 'जानकारी'। लेकिन अपनी उत्पादन प्रक्रिया अधिक स्मार्ट बनाने के लिए उचित मार्ग से जानकारी का प्रबंधन करना, एक चुनौती होती है। झोलर TMS साफ्टवेयर कई प्रणालियों के साथ इंटरफेस करने में सक्षम है, जिसमें CAD/CAM और ERP का समावेश है। यह क्षमता इतने तक ही मर्यादित नहीं है बल्कि इस साफ्टवेयर में स्टॉक का प्रबंधन करना, विभागों के बीच जानकारी का संचलन करना आदि क्षमताएं भी हैं। इस प्रकार, कोई भी कंपनी अपनी उत्पादन प्रक्रिया आसानी से अधिक स्मार्ट बना कर, धीरे धीरे 'स्मार्ट फैक्टरी' में तबदील हो सकती है। इस लेख में सिर्फ कैबिनेट कंट्रोल साफ्टवेयर पैकेज के बारे में चर्चा की गई है, जो TMS का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
 
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चित्र क्र. 4 : मोड्यूल में संगणक पर बनाई जाने वाली संग्रह व्यवस्था
 
 
1. गोदाम (वेयरहाउस) प्रबंधन
कैबिनेट कंट्रोल साफ्टवेयर के 'स्टोर' मोड्यूल में उत्पादक, वास्तविक अलमारी का प्रतिनिधित्व करने वाला ढ़ांचा तैयार कर सकता है और उसी प्रकार के संग्रह स्थान साफ्टवेयर में नियुक्त कर सकता है जो असल में होते हैं। हम साफ्टवेयर में हमारे सभी स्मार्ट और पारंपरिक अलमारी/रैक के लिए संग्रह जगह तैयार और नियुक्त कर सकते हैं। इससे सारे टूल संग्रह पर पूरी तरह से नियंत्रण रखा जा सकता है और टूल खोजने में बेकार जाने वाला समय टाला जा सकता है। आम तौर पर देखा जाता है कि पारंपरिक सेटअप में हर वस्तु रखने का स्थान वहीं नहीं रहता जिससे हड़बड़ी में वस्तु खोजने में काफी समय लगता है, उत्पादकता कम होती है और ऑपरेटर भी निराश होता है। इस समस्या का इलाज साफ्टवेयर द्वारा मिलता है क्योंकि इसमें वस्तुएं हमेशा तय की हुई जगह पर रखी जाती हैं। हर वस्तु की न्यूनतम और अधिकतम संग्रह की संख्या तय की जा सकती है। जब किसी भी वस्तु का संग्रह रीऑर्डर के स्तर पर आता है, तब उसकी खरीद हेतु जरूरी सूचना निर्माण की जाती है।
 
 
2. क्विकपिक मोड्यूल
ऑपरेटर को साफ्टवेयर के इस्तेमाल में कोई दिक्कत न हो और उचित टूल खोजने में कोई तनाव न हो इसलिए उसे एक बेहद आसान प्रबंध देना जरूरी होता है। स्क्रीन पर सिर्फ चुनिंदा बटन और टूल या उपसाधन लेने (चेक आउट) अथवा वापस करने (चेक इन) के लिए एक तर्कशुद्ध कार्यपद्धति, यह क्विकपिक मोड्यूल की विशेषता है। TMS साफ्टवेयर का प्राथमिक उद्देश्य है किसी भी वस्तु का मार्गन (ट्रैकिंग) करने की क्षमता। इसे पूरा करने के लिए एक पूछताछ पृष्ठ (क्वेरी पेज) निर्माण करना जरूरी है। इस पृष्ठ पर टूल की आवश्यकता होने वाले उस व्यक्ति का नाम, संबंधित मशीनिंग सेंटर, कॉस्ट सेंटर, विभाग आदि जानकारी होती है। यह जानकारी प्रविष्ट किए बिना, साफ्टवेयर कोई भी वस्तु स्टोर से बाहर जाने नहीं देता। इसे झोलर स्मार्ट अलमारी के साथ जोड़ने पर सिर्फ साफ्टवेयर से पॉकेट या खाने को लॉक या अनलॉक कर के अधिक प्रभावशाली रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। प्रक्रिया में अधिकतम सुरक्षा रखने हेतु, TMS साफ्टवेयर के इस्तेमाल से टूल लेने के लिए नियुक्त किए हर व्यक्ति को उसका लॉगइन ID और पासवर्ड दिया जाता है। ऐसा करने से साफ्टवेयर में व्यक्ति के काम को ट्रैक किया जाता है और हर व्यक्ति को उसके काम के अनुसार सिर्फ चुनिंदा अैक्सेस दिया जाता है।
 
 
वस्तु वापस करते समय, उचित वर्गीकरण और टूल का अधिकतम उपयोग करने की दृष्टि से उपयोगकर्ता को सटीक विकल्प (सामान्य/नए/इस्तेमाल किए/नूतनीकृत/रीवर्क/स्क्रैप) दिए जाते हैं। इस विशेषता के कारण, TMS साफ्टवेयर की, लागत में बचत करने की क्षमता कार्यरत होती है। वर्गीकरण अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए, विभिन्न संग्रह पॉकेट/क्षेत्रों को विशेष प्रकार के लिए नियुक्त किया जा सकता है। कारखाने में फिलहाल इस्तेमाल होने वाले सारे टूल की निगरानी (मॉनिटरिंग) कर के, यह साफ्टवेयर नियंत्रण को और उन्नत करता है। इससे यह भी आश्वस्त होता है कि पुराना टूल, जो किसी भी स्थिति में हो, वापस किए बिना कोई भी बेवजह नया टूल नहीं ले सकता।
 

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चित्र क्र. 5 : साफ्टवेयर में आसानी से भरी जाने वाली जानकारी
 
 
3. स्टॉक विश्लेषण
कोई भी टूल प्रबंधन साफ्टवेयर, व्यापक स्टॉक विश्लेषण कार्य के बिना अधूरा है। TMS साफ्टवेयर के इस्तेमाल से आप व्यक्ति, कॉस्ट सेंटर, मशीन, विभाग, स्टोर आदि विभिन्न मुद्दों से संबंधित टूल संग्रह का इस्तेमाल और विश्लेषण कर सकते हैं। यह विकल्प सिर्फ मिसाल के तौर पर बताए गए हैं, वास्तव में यह साफ्टवेयर आपको स्टॉक के असंख्य विकल्प देता है। इसके इस्तेमाल से टूल रूम प्रबंधक को, कारखाने में चल रही गतिविधियों का स्पष्ट चित्र प्राप्त होता है और किसी समस्या का (जैसे, मशीनिंग सेंटर या कर्मचारियों की समस्याओं के कारण टूल का अधिक उपयोग) मूल कारण खोजने में सक्षम करता है। इससे कंपनी समस्या का समाधान कर सकती है, साथ ही टूल का इस्तेमाल और टूलिंग की लागत कम करने में मदद मिलती है। आज के प्रतिस्पर्धा के दिनों में प्रभावशाली टूल प्रबंधन और टूलिंग का खर्चा घटाना, कुल मुनाफा बढ़ाने के लिए जरूरी है। यह हासिल करने हेतु आवश्यक तकनीक उपलब्ध है। खुली सोच, निर्माण क्षेत्र की नई प्रगती आत्मसात करने की तीव्र इच्छा और दूरदृष्टि से ही कामयाबी पाई जा सकती है!
 
 
मिसाल
नाशिक के नजदीक अंबड में पांचाळ इंजीनीयर्स इंडिया प्रा. लि. इस कंपनी में टूल प्रबंधन के लिए झोलर कंपनी की स्मार्ट स्टोरेज और इन्वेंटरी प्रबंधन सिस्टम पिछले दो सालों से कार्यान्वित की हुई है। कंपनी के कुल काम के बारे में बताते हुए रूपेश जाधव ने कहा, "हमारी कंपनी में सिलिंडर, एयर कंप्रेसर, गियर असेंब्ली आदि पुर्जों का यंत्रण किया जाता है। कंपनी में दो शॉप हैं। एक शॉप में तीन एच.एम.सी. और तीन वी.टी.एल. हैं। दूसरे शॉप में एक सी.एन.सी. और दो वी.एम.सी. हैं। पहले टूल प्रबंधन के लिए मैन्युअल पद्धति का उपयोग किया जाता था। हमारे शॉप में आम तौर पर 10 से 12 विभिन्न प्रकार के टूल हैं, जिनकी कुल संख्या लगभग 400 है। इसके अलावा स्पेशल टूल के लिए अलग कैटेगरी बनाई है, उनकी संख्या लगभग 100 है। जब असेंब्ली बदली जाती है तब टूल भी बदला जाता है। रीग्राइंडिंग किए टूल का उपयोग जरूरत के अनुसार किया जाता है। हर महीने, नई जरूरतों के अनुसार हम सामान्यतः 8 से 10 नए टूल मंगवाते हैं।"
 
 
"पहले जो कर्मचारी यह काम देखता था, सिर्फ उसे ही टूल संग्रह के बारे में जानकारी होती थी। लेकिन जब से हमने झोलर सिस्टम कार्यान्वित की है तब से टूल की सारी जानकारी (डेटा) सिस्टम में उपलब्ध है। इससे कर्मचारी पर होने वाली निर्भरता पूरी तरह से समाप्त हो गई है। टूल की सारी जानकारी साफ्टवेयर में होने के कारण, नए कर्मचारी के लिए भी किस मशीन पर कौनसे टूल का उपयोग किया जा रहा है यह समझना आसान हो गया है। अगर टूल टूटा हो या उसे रीग्राइंडिंग की जरूरत हो, तो उसे सिस्टम में दर्ज किया जाता है। पहले इसे हाथ से एक रजिस्टर में लिखना पड़ता था। नई सिस्टम में जब तक सारी बातों की पूर्ती नहीं की जाती (किस मशीन पर टूल चाहिए, उसकी मांग कितनी है, किस काम के लिए जरूरी है आदि) तब तक संबंधित टूल स्वीकृत नहीं किया जाता या नया टूल दिया नहीं जाता। इस सिस्टम के कारण गलत टूल का देना या स्टोर में टूल का वापस न आना आदि बातें पूरी तरह से समाप्त हो गई हैं। नई सिस्टम में कुछ दोष या समस्या आने पर झोलर कंपनी द्वारा जरूरी ऑनलाइन सहायता दी जाती है। झोलर सिस्टम के इस्तेमाल के लिए हमने कर्मचारियों को नियुक्त किया है, जो आने वाले और दिए जाने वाले हर टूल की जांच कर के ही संबंधित साफ्टवेयर में उसे दर्ज करते हैं। टूल बेकार हो जाने पर, नए टूल की मांग की इमेल खरीद विभाग को भेजी जाती है। उसके बाद नए टूल को मंगवाने के बारे में संबंधित विभाग द्वारा निर्णय किया जाता है। सिस्टम नई थी तब शुरूआत में एक ही बार शॉप में टूल की संख्या, उनके प्रकार तथा संख्या आदि जानकारी उसमें ड़ालनी पड़ी। अब उसका आउटपुट मिलने लगा है।"
 

 
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चित्र क्र. 6 : साफ्टवेयर से मिलने वाले रिपोर्ट का नमूना
 
 
लाभ
• झोलर सिस्टम से टूल इन्वेंटरी करीबन 5 से 8% कम होने में मदद मिली है।
• सिस्टम के कारण विशेष टूल के इस्तेमाल में भी लाभ हुआ है। टूल किस मशीन पर है यह पहले खोजना पड़ता था, इस सिस्टम से उसमें कमी आई है।
• पहले टूल सेटिंग के लिए करीबन एक घंटा लगता था, इस सिस्टम से यह काम अब 20 मिनट में पूरा होने लगा है। इससे समय की बचत हुई है।
• किसी मशीन पर टूल का अधिक इस्तेमाल हो रहा हो उसके बारे में जानकारी मिलने में मदद मिलती है।
• सिस्टम के कारण, मशीन पर होने वाली टूल और इन्सर्ट की इन्वेंटरी कम होने में मदद मिली है। पहले हम लगभग 100 इन्सर्ट मंगवाते थे, जो मांग अब 60 पर आई है।

 
 
अभिषेक तोडकर माळी, इलेक्टॉनिक्स अैंड टेलिकम्युनिकेशन अभियंता हैं।
आपको इस क्षेत्र में काम करने का 7 वर्षों से अधिक अनुभव है। फिलहाल आप झोलर इंडिया प्रा. लि. में उत्पादन प्रबंधक हैं।
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