स्केलिंग फंक्शन

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    18-अगस्त-2021   
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प्रोग्रैम द्वारा निश्चित किए गए टूल के संचलन को, प्रोग्रैम में दिए मूल्य से बढ़ाने या घटाने की आवश्यकता होती है। साथ ही, यह संचलन मूल संचलन के अनुपात में होना चाहिए। इस हेतु नियंत्रक में स्केलिंग फंक्शन यह विशेष सुविधा दी जाती है।



आम तौर पर सी.एन.सी. मशीनिंग सेंटर पर प्रोग्रैम द्वारा होने वाला टूल का संचलन, ड्रॉइंग के माप के अनुसार होता है। कई बार कटर की त्रिज्या का ऑफसेट उसमें मिलाया जाता है। कई बार मशीनिंग सेंटर पर काम करते समय, प्रोग्रैम द्वारा दिया गया टूल का संचलन बार बार उसी मार्ग से करना जरूरी होता है। टूल के इस संचलन को प्रोग्रैम में दिए मूल्य से बढ़ाने या घटाने की आवश्यकता होती है। साथ ही, यह संचलन मूल संचलन के अनुपात में होना चाहिए। इसे साध्य करने के लिए नियंत्रक (कंट्रोलर) में एक विशेष सुविधा दी जाती है, जिसे स्केलिंग फंक्शन कहा जाता है।
 
 
स्केलिंग फंक्शन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे
1. चूंकि कई नियंत्रकों में स्केलिंग फंक्शन विकल्प के तौर पर दिया जाता है, यह जरूरी नहीं कि वह हर मशीन पर उपलब्ध हो।
2. कुछ नियंत्रकों में सिस्टम पैरामीटर के इस्तेमाल से उसे कार्यान्वित किया जा सकता है।
3. प्रोग्रैमिंग लचीला बनाने हेतु, स्केलिंग फंक्शन का इस्तेमाल अन्य फंक्शन के साथ किया जा सकता है। जैसे डेटम शिफ्ट, मिरर इमेज, कोऑर्डिनेट सिस्टम रोटेशन।
 
 
वर्णन
प्रोग्रैम की गई सभी संचलनों को, नियंत्रक द्वारा एक निश्चित स्केलिंग फैक्टर लगाया जाता है। इससे, सभी अक्षों के प्रोग्रैम किए मूल्य बदले जाते हैं।

स्केलिंग प्रोसेस के लिए अपेक्षित मूल्य = प्रोग्रैम किया अक्ष का मूल्य * स्केलिंग फैक्टर

स्केलिंग फैक्टर, स्केलिंग सेंटर पॉइंट पर आधारित होता है। इसके लिए प्रोग्रैम को स्केलिंग सेंटर पॉइंट और स्केलिंग फैक्टर दोनों बताने होते हैं। नियंत्रक से, पैरामीटर द्वारा, स्कैलिंग शुरू/बंद किया जा सकता है। मुख्य तीन अक्षों का (X, Y, Z) स्केलिंग, स्वतंत्र रूप से शुरू/बंद किया जा सकता है। व्यावहारिक तौर पर अधिकतर स्केलिंग सिर्फ X और Y अक्ष के लिए इस्तेमाल किया जाता है। स्केलिंग फंक्शन के इस्तेमाल से, आगे दिए हुए ऑफसेट फंक्शन में कोई भी बदलाव नहीं होता।
कटर त्रिज्या ऑफसेट G41 - G42/D
टूल लेंग्थ ऑफसेट G43 - G41/H
टूल पोजिशन ऑफसेट G45 - G48/H

साथ ही नियमित (फिक्स्ड्) आवर्तन में आगे दिए स्थानों पर स्केलिंग फंक्शन के इस्तेमाल का असर नहीं होता।
G76 और G87 आवर्तन में X, Y शिफ्ट मूल्य
G83 और G73 आवर्तन में पेक ड्रिल की गहराई Q
G83 और G73 आवर्तन में स्टोर किए रिलीफ मूल्य
  
स्केलिंग फंक्शन का इस्तेमाल
स्केलिंग फंक्शन के इस्तेमाल से, अतिरिक्त काम में बर्बाद होने वाला समय बचता है। इस प्रकार, नीचे दिए गए स्थानों पर स्केलिंग फंक्शन का इस्तेमाल लाभदायक होता है।
• ज्यामितीय समरूपता होने वाले भाग
• सम्मिलित श्रिंकेज फैक्टर वाले भाग का यंत्रण
• मोल्डिंग काम
• चूड़ी (थ्रेड) के यंत्रण में, इंग्लिश से मेट्रिक और मेट्रिक से इंग्लिश प्रकार में रूपांतर
• उत्कीर्ण (एन्ग्रेव किए) अक्षरों का आकार बदलने (चित्र क्र. 1) तथा मूल आकार से आकार बढ़ाने एवं घटाने हेतु स्केलिंग का इस्तेमाल किया जाता है। मूल आकार यानि फिलहाल मौजूद टूल मार्ग।


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चित्र क्र. 1
 
प्रोग्रैमिंग फॉरमैट
सी.एन.सी. प्रोग्रैमर को, आगे दी गई जानकारी नियंत्रक को देनी होती है।
• स्केलिंग सेंटर : संदर्भ बिंदु (पिवट पॉइंट)
• स्केलिंग फैक्टर : कम करना या बढ़ाना
स्केलिंग के लिए अगले दो G कमांड का इस्तेमाल किया जाता है।


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प्रोग्रैमिंग फॉरमैट
G51 I..J..K..P


bvgf_1  H x W:

स्केलिंग फंक्शन के इस्तेमालसंबंधि महत्वपूर्ण निर्देश
• G51 हमेशा स्वतंत्र ब्लॉक में प्रोग्रैम करें।
• मशीन जीरो संबंधित कमांड (G27, G28, G29, G30) का प्रोग्रैमिंग, जब स्केलिंग बंद हो तब करें।
• G92 पोजिशन रजिस्टर कमांड भी जब स्केलिंग फंक्शन बंद हो तब करें।
• कटर की त्रिज्या ऑफसेट G41/G42 पहले G40 से रद्द करें और बाद में ही स्केलिंग फंक्शन का इस्तेमाल करें।
 
स्केलिंग सेंटर (मूल टूल पाथ विभिन्न प्रकार से)
स्केल किए टूल मार्ग का स्थान (चित्र क्र. 2), स्केलिंग सेंटर से तय किया जाता है।



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चित्र क्र. 2

स्केल किए भाग पर स्केलिंग सेंटर का परिणाम (चित्र क्र. 3)


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चित्र क्र. 3

B : टूल मार्ग
A : विस्तारित टूल मार्ग
C : स्केलिंग सेंटर
A1-A8 : मार्ग 2
B1-B8 : मार्ग 1

अगर A1-A8 मूल मार्ग माना जाए, तो B1-B8 स्केल किया गया टूल मार्ग होगा।
सेंटर C और स्केलिंग फैक्टर एक से कम।

अगर B1-B8 मूल मार्ग माना जाए, तो A1-A8 स्केल किया गया टूल मार्ग होगा।
स्केलिंग फैक्टर एक से अधिक : बढ़त
स्केलिंग फैक्टर एक से कम : कम
स्केलिंग फैक्टर एक : बदलाव नहीं
 
प्रोग्रैम की मिसाल
चित्र क्र. 4 देखें।

nfgggnbg_1  H x 
चित्र क्र. 4

1201 (प्रोग्रैम G54 के इस्तेमाल से - स्केलिंग नहीं)
N1 G20
N2 G17 G40 G80
N3 G90 G00 G54 X-1.25 Y-1.25
S800 M03
N4 G43 Z1.0 H01 M08
N5 G01 Z-0.7 F50.0
N6 G41 X-0.75 D01 F25.0
N7 Y1.75 F15.0
N8 X1.5
N9 G02 X2.5 Y0.75 I0 J-1.0
N10 G01 Y-0.75
N11 X-1.25
N12 G40 Y-1.25 M09
N13 G00 Z1.0
N14 G28 Z1.0
N15 G28 X-1.25 Y-1.25
N16 M30
%
 
प्रोग्रैम 01202 स्केलिंग फैक्टर 1.05 (5% बढ़त)
स्केलिंग सेंटर X0 Y0 Z0
N1 G20
N2 G17 G40 G80
N3 G50 (स्केलिंग बंद)
N4 G90 G00 G54 X-1.25 Y-1.25
S800 M03
N5 G43 Z1.0 H01 M08
N6 G51 I0 J0 K0 P1.050 (X0 Y0 Z0 से स्केलिंग शुरू)
N7 G01 Z-0.7 F50.0
N8 G41 X-0.75 D01 F25.0
N9 Y1.75 F15.0
N10 X1.5
N11 G02 X2.5 Y0.75 I0 J-1.0
N12 G01 Y-0.75
N13 X-1.25
N14 G40 Y-1.25 M09
N15 G50 (स्केलिंग बंद)
N16 G00 Z1.0
N17 G28 Z1.0
N18 G28 X-1.25 Y-1.25
N19 M30
%

 

सतीश जोशी सी.एन.सी. मशीनिंग के तज्ञ एवं सलाहकार हैं।
विभिन्न महाविद्यालयों में अध्यापन का काम करते समय आपकी सी.एन.सी. लेथ विषय पर पुस्तक प्रकाशित हुई है।
आपने संगणक संबधित किताबें मराठी तथा अंग्रेजी भाषा में लिखी हैं।
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