हम जब एक दूसरे से मेल रखने वाले शाफ्ट और छिद्र का यंत्रण बेहद कम टॉलरन्स पर करते हैं, तब हाथ से छिद्र में शाफ्ट सरकाने हेतु थोड़ा हाशिया रखना पड़ता है। उनका टॉलरन्स कितना भी सटीक रखने पर भी शाफ्ट का व्यास, छिद्र के व्यास से कम रखना पड़ता है। इसमें हाशिया रखने के कारण ऐसा जोड़ कभी भी रिसावरहित (लीक प्रूफ) नहीं होगा। उसी प्रकार जब दो पुर्जे जोड़ने होते हैं, तब हम समानांतर चूड़ी (थ्रेड) बनाते हैं और उन्हें एक दूसरे में गूंथ कर जोड़ते हैं। ऐसा करने से दोनो पुर्जे एक दूसरे से जोड़े तो जाते हैं लेकिन अगर इस जोड़ के भीतर से कोई द्रव बहता हो, तो दूसरी ओर से उसका रिसाव होगा। फलस्वरूप, समानांतर चूड़ी की जोड़ी भी हमें रिसावरहित जोड़ नहीं देगी। अगर हमें शून्य द्रव रिसाव हेतु एक 'प्रेशर टाइट' जोड़ चाहिए तो टेपर चूड़ी का इस्तेमाल करना होगा। यहाँ बाह्य चूड़ी, अंतर्गत चूड़ी में प्रवेश करेगी और अनुप्रस्थ काट (क्रॉस सेक्शन) के एक विशिष्ट स्थान पर जब बाह्य और अंतर्गत चूड़ी का पिच व्यास समान होगा, तब उनमें कोई भी सापेक्ष गति संभव नहीं होगी। अगर थ्रेड फॉर्म का यंत्रण परिपूर्ण होगा तो हमें इससे एक 'प्रेशर टाइट' जोड़ मिलेगा।
1.1 टेपर थ्रेडिंग के प्रचलित प्रकार
टेपर चूड़ी के दो प्रकार प्रचलित हैं। पहला, अमेरिकन स्टैंडर्ड के अनुसार नैशनल पाइप टेपर (NPT) और दूसरा है ब्रिटिश स्टैंडर्ड पाइप टेपर (BSPT), या ISO मानक के अनुसार समकक्ष (इक्विवैलेंट)। इस लेख में हम NPT चूड़ी और उसके यंत्रण के लिए आवश्यक प्रोग्रैमिंग का अध्ययन करेंगे।
NPT और NPTF (नैशनल पाइप टेपर फ्यूल) प्रकार में अंतर्गत तथा बाह्य ऐसे दो प्रकार की टेपर चूड़ी होती हैं। साथ ही, उनका टेपर कोण समान होता है, यानि 16 मिमी. टेपर लंबाई में व्यास में 1 मिमी. बढ़त या कटौती होती है। इसलिए टेपर के लिए अर्ध शंकु का कोण 1.7899º (4 दशमलव स्थान तक अचूक) होता है।
NPT और NPTF इन दोनो प्रकारों में चूड़ी का V कोण 60º होता है, तो BSPT थ्रेड हेतु वह 55º होता है। टेपर चूड़ी के कारण बाह्य तथा अंतर्गत चूड़ी की शुरुआत में रखे गए पिच व्यास पर, संपर्क की लंबाई निर्भर होती है। इस प्रकार, सारे टेपर चूड़ी के विनिर्देशों (स्पेसिफिकेशन) की शुरुआत बाह्य तथा अंतर्गत चूड़ी के शुरुआती पिच व्यास और गेज प्रतल की चूड़ी के शुरुआती फेस के संदर्भ की स्थिति, इन्हें निश्चित करने से होती है।
1.2 चूड़ी के आकार के विनिर्देश
हम अब NPT चूड़ी के आयाम पर विचार करते हैं।
1.2.1 NPT और NPTF थ्रेडिंग आयाम
बाह्य चूड़ी का शुरुआती पिच व्यास, यह E0 की परिभाषा (चित्र क्र. 1) मानी जाती है। अंतर्गत चूड़ी का शुरुआती पिच व्यास, यह E1 की परिभाषा मानी जाती है। L1 यानि हाथ से कसने पर मिलने वाली संपर्क लंबाई (हैंड टाइट एंगेजमेंट लेंग्थ) होती है। बाह्य चूड़ी की शुरुआत में E0 पिच व्यास है और अंतर्गत चूड़ी की शुरुआत में E1 पिच व्यास है। बाह्य चूड़ी के लिए पिच व्यास बढ़ता जाएगा और अंतर्गत चूड़ी के लिए पिच व्यास कम होता जाएगा।
NPT और NPTF चूड़ी के लिए E0 तथा E1 के सूत्र आगे दिए हैं।
E0 = D - (0.05D + 1.1) * P
E1 = E0 + (0.0625 * L1)
L2 = [(0.8 * D) + 6.8] * P
जहाँ,
D : पाइप का बाह्य व्यास। ID और प्रवाह का क्षेत्र (फ्लो एरिया) के आधार पर पाइप निर्देशित किए जाते हैं।
P : अमरीकी और ब्रिटिश मानकों के लिए चूड़ी के पिच, चूड़ी प्रति इंच (TPI) निश्चित किए हैं। इस प्रकार
P = 1/TPI इंच में
L1 : हाथ से कसने से मिलने वाली संपर्क लंबाई
L2 : बाह्य चूड़ी की प्रभावकारी मूलभूत लंबाई
चित्र क्र. 1 : टेपर थ्रेडिंग का रेखाचित्र
चित्र क्र. 1 में कुछ अन्य आयाम निर्देशित किए हैं। उनका मतलब आगे दिया है।
1. जिस लंबाई के आगे थ्रेड फॉर्म, शीर्ष पर अपरिपूर्ण हो सकता है वह दूरी L5 से निर्देशित की जाती है। टेपर चूड़ी में बड़ा (मेजर) व्यास हमेशा बढ़ते रहने से यह होता है। फिर भी पाइप का बाह्य व्यास स्थिर होता है। आगे दी दो चूड़ी के लिए (चित्र क्र. 1 में 2P नाम दी हुई) चूड़ी का मूलभूत (रूट) व्यास परिपूर्ण यानि सूत्र से प्राप्त आकार का होता है।
2. लंबाई L3, अंतर्गत चूड़ी के लिए 'रेंच मेक अप' की लंबाई निर्देशित करती हैं। L1 के आगे, कम से कम इतनी अतिरिक्त लंबाई तक अंतर्गत चूड़ी का यंत्रण किया जाता है।
3. लंबाई L4, बाह्य चूड़ी की संपूर्ण लंबाई निर्देशित करती है। चूड़ी की ऊंचाई 0.8P मानी जाती है। जिस चूड़ी का V कोण 60º होता है, ऐसी नुकीली चूड़ी के लिए यह ऊंचाई 0.866P तक होती है। लेकिन चूंकि नुकीला बिंदु रखना संभव नहीं होता, नोंक पर और चूड़ी के तल में आकार काट कर थोड़ा समतल करने (ट्रंकेशन) की अनुमति होती है। उपर बताए विभिन्न आयामों के लिए कृपया चित्र क्र. 1 का संदर्भ लें। सुलभ संदर्भ हेतु कृपया थ्रेड डेटा तालिका (तालिका क्र. 1) का संदर्भ लें।
तालिका क्र. 1
2.1 थ्रेडिंग के लिए जरूरी जानकारी
चित्र क्र. 2 : 1" NPT बाह्य चूड़ी के लिए माप
चित्र क्र. 3 : 1/2" NPT अंतर्गत चूड़ी के लिए माप
NPT/BSPT या किसी भी चूड़ी के प्रोग्रैमिंग में आगे दी गई जानकारी (चित्र क्र. 2 और 3) आवश्यक होती है।
1. छोटा (माइनर) व्यास। चूड़ी की छोटी नोंक पर # (Dss)
2. बड़ा (मेजर) व्यास। चूड़ी की छोटी नोंक पर (Dsb)
3. छोटा व्यास। चूड़ी की बड़ी नोंक पर # (Dbs)
4. बड़ा व्यास। चूड़ी की बड़ी नोंक पर (Dbb)
5. चूड़ी का पिच (P) (सिंगल स्टार्ट मान कर)
6. चूड़ी की ऊंचाई (h)
# टेपर चूड़ी का व्यास हमेशा बदलता है, इसलिए कम व्यास के सिरे को छोटी नोंक (स्मॉल एंड) और बड़े व्यास के सिरे को बड़ी नोंक (बिग एंड) कहते हैं।
2.1.1 NPT चूड़ी के प्रोग्रैम हेतु जरूरी जानकारी
सारा NPT डेटा पिच व्यास पर आधारित होता है। चूड़ी, तनाव (स्ट्रेस) का गणन, गेजिंग आदि डिजाइन करने के लिए पिच व्यास बेहद महत्वपूर्ण होता है, फिर भी थ्रेडिंग के लिए प्रोग्रैमिंग करते समय उसका कोई स्थान नहीं होता।
जब हम NPT आधारित पुर्जों के थ्रेडिंग हेतु प्रोग्रैम बनाने के संबंध में जानकारी इकठ्ठा करना शुरू करते हैं, तब गौर करने पर पता चलता है कि उपलब्ध तालिका में (तालिका क्र. 1) छोटे और बड़े व्यास की तैयार जानकारी उपलब्ध नहीं है।
चूड़ी की ऊंचाई के आधार पर, हम दोनों नोंकों पर आगे बताएनुसार छोटे और बड़े व्यास की गणना कर सकते हैं। अंतर्गत चूड़ी के लिए, फेस से छोटी नोंक (L1 + L3) जितनी गहरी (कम से कम) होती है और बड़ी नोंक सामने के फेस पर होती है। बाह्य चूड़ी के लिए छोटी नोंक सामने के फेस पर होती है और बड़ी नोंक, सामने के फेस से L4 जितनी दूरी पर होती है।
2.1.2 तालिका क्र. 1 में दी गई जानकारी कैसे इस्तेमाल करें?
इसे एक मिसाल द्वारा समझा जा सकता है।
1" NPT बाह्य चूड़ी के और ½" NPT अंतर्गत चूड़ी के यंत्रण हेतु उचित जानकारी पाने के लिए हम तालिका का उपयोग करते हैं। इसकी शुरुआत हम, विभिन्न चूड़ी के आयाम के मूल्य दर्शाने वाली विनिर्देश तालिका से करते हैं।
2.1.2.1 बाह्य 1" NPT चूड़ी
1" पाइप के लिए पाइप का बाह्य व्यास D, 1.315" है। और उसके लिए पिच 0.08696 है। इससे E0 की गणना आगे बताएनुसार की जाती है।
1.315 - [(0.05 * 1.315) + 1.1] * 0.08696
E0 = 1.21363"
निर्देशित चूड़ी की ऊंचाई 0.8 P है।
इसलिए,
H = 0.8 * 0.08696
= 0.069568"
इस प्रकार, यंत्रण कार्य की शुरुआत में बड़ा व्यास और छोटा व्यास ऐसे होंगे
Dsb = E0 + H
= 1.21363 + 0.069568
= 1.2832"
Dss = E0 - H
= 1.21363 - 0.069568
= 1.1441" अनुक्रम से
बाह्य चूड़ी का यंत्रण L4 तक करना जरूरी है।
L4 = L2 + V
डाइ पर होने वाले एंट्री चैंफर के कारण बनने वाली अधुरी चूड़ी की लंबाई V है। हमारी मिसाल में हम चूड़ी के यंत्रण हेतु सी.एन.सी. का इस्तेमाल करने वाले हैं। इसलिए पिछले लेख में स्पष्ट किएनुसार हमें कम से कम एक पिच जितनी दूरी का V जरूरी है। हमने V = 2P माना, तो
L4 = L2 + 2 * P
L2 = [(0.80 * D) + 6.8] * P
= [(0.80 * 1.315) + 6.8] *
0.08696
= 0.6828"
इसका मतलब है,
L4 = 0.6828 + 2 * 0.08696
= 0.8567"
अब हम L4 के आधार पर, बड़ी नोंक पर के बड़े तथा छोटे व्यास की गणना आगे बताएनुसार कर सकते हैं।
Dbb = Dsb + L4/16
= 1.2832 + (0.8567/16)
= 1.3367"
Dbs = Dss + L4/16
= 1.1441 + (0.8567/16)
= 1.1976"
पाइप का बाह्य व्यास 'D' 1.315" है, जो Dbb से कम है। बड़ा व्यास 1.315" के आकार तक पहुंचने के लिए अगर मानते हैं कि चूड़ी के सामने के फेस से शुरू होने वाली लंबाई L है, तो उसका गणन इस प्रकार कर सकते हैं
D = Dsb + L/16
इसलिए,
L = 16 * (D - Dsb)
= 16 * (1.315 - 1.2832)
= 0.5088"
यह सारे मूल्य आसानी से समझ में आने हेतु चित्र क्र. 2 में दर्शाए गए हैं।
2.1.2.2 अंतर्गत ½" NPT चूड़ी
NPT थ्रेडेड जोड़ के संदर्भ में हमें L1 जितनी, हाथ से कसने पर मिलने वाली, संपर्क लंबाई चाहिए। 1/2" NPT की अंतर्गत चूड़ी के लिए यह मूल्य 0.320" है। अंतर्गत चूड़ी के संदर्भ में सबसे बड़ा व्यास चूड़ी के फेस पर होता है और चूड़ी की न्यूनतम आवश्यक लंबाई L1+ L3 होती है। L3 का मूल्य 0.2143 है। चूड़ी के इस आकार हेतु पिच का मूल्य P, 0.07143 है। चूड़ी की ऊंचाई H, 0.0571" है। मेल खाने वाले (मेटिंग) पाइप की चूड़ी का OD यानि D का मूल्य 0.840" है। इस तरह से E1, यानि चूड़ी के फेस का पिच व्यास आगे दिए सूत्र द्वारा दिया जाता है।
E1 = E0 + L1/16
E0 = D - (0.05 * D + 1.1) * P
= 0.840 - [(0.05 * 0.840) +
1.1] * 0.07143
= 0.7584"
इसलिए,
E1 = 0.7584 + (0.320/16)
= 0.7784"
छोटी नोंक के व्यास पर के छोटे तथा बड़े व्यास को हम, अनुक्रम में Dss और Dsb कहते हैं। बड़ी नोंक पर उन्हें अनुक्रम में Dbs और Dbb कहते हैं।
तो इस प्रकार,
Dbb = E1 + H
= 0.7784 + 0.0571
= 0.8355"
Dbs = E1 - H
= 0.7784 - 0.0571
= 0.7213"
यहाँ पर भी हमने 2P को चूड़ी की अतिरिक्त लंबाई माना, तो प्रोग्रैमिंग करने हेतु कुल थ्रेडिंग लंबाई, Lth, आगे बताएनुसार होगी।
Lth = L1 + L3 + (2 * P)
= 0.320 + 0.2143 +
(2 * 0.07143)
= 0.6772"
इसलिए,
Dss = Dbs - Lth/16
= 0.7213 - (0.6772/16)
= 0.6790"
Dsb = Dbb - Lth/16
= 0.8355 - (0.6772/16)
= 0.7932"
कृपया ये सारे आयाम जानने के लिए चित्र क्र. 3 का संदर्भ लें।
2.2 प्रोग्रैमिंग डेटा का सारांश
2.2.1 बाह्य चूड़ी 1" NPT
यहाँ हम पहले टेपर OD टर्निंग और बाद में बाह्य टेपर थ्रेडिंग कर रहे हैं। इसके लिए हमें तालिका क्र. 2.1 में दर्शाएनुसार यंत्रण करना होगा।
तालिका क्र. 2.1
2.2.2 अंतर्गत चूड़ी ½" NPT
यहाँ हम टेपर बोरिंग और बाद में इंटर्नल टेपर थ्रेडिंग कर रहे हैं। इसके लिए हमें तालिका क्र. 2.2 में दर्शाएनुसार यंत्रण करना होगा।
तालिका क्र. 2.2
कृपया ध्यान दें की यहाँ दिया गया G कोड, फानुक कंट्रोल के विशेष संस्करण के लिए वैध है। उपयोगकर्ताओं ने अपने कंट्रोलर हेतु समकक्ष G कोड पहचान कर इस्तेमाल करना जरूरी है।
2.3 थ्रेडिंग प्रोग्रैम
2.3.1 : 1" बाह्य NPT थ्रेडिंग हेतु प्रोग्रैम
हमने पहले लेख में देखा है कि यहाँ G92 आवर्तन (साइकिल) इस्तेमाल करनी है। उसका फॉरमैट इस प्रकार होता है।
G92 X<a1> Z<b> R<c> F<f>
X<a2>
X<a3>
..........
X<an>
मूल्य R = (Dbb - Dsb)/2
इसलिए,
R = (1.3367 - 1.2832)/2
= 0.02675"
मिमी. में
R = 0.02675 * 25.4
= 0.6795 मिमी.
अब हम, तालिका क्र. 2.3 के अनुसार सारा इंपीरियल डेटा मैट्रिक में रूपांतरित करेंगे।
तालिका क्र. 2.3
अब कार्यवस्तु का मटीरीयल, प्लेन कार्बन स्टील ग्रेड का है ऐसा मान कर 80 मी./मिनट इस सुरक्षित यंत्रण गति (Vc) से, शुरुआत करते हैं।
हम थ्रेडिंग में CSS का इस्तेमाल नहीं कर सकते, इसलिए हमें एक स्थिर आर.पी.एम. चुनना होगा। 31.5 मिमी. औसत व्यास मान कर आगे दिया हुआ आर.पी.एम. मिलता है।
आर.पी.एम. = Vc/(3.14 * D)
= 80000 / (3.4 * 31.5)
= 808
अर्थात सामान्य रूप से 800। अब आगे का प्रोग्रैम इस प्रकार है।
G97 S800 M3 T0101
G0 X40.0 Z10.0 M8
G1 X35.0 Z3.0 F0.5
G92 X33.7 Z-21.7601 R-0.6795 F2.2087
X33.45
X33.2
X33.0
X32.8
X32.6
X32.425
X32.25
X32.075
X31.9
X31.75
X31.6
X31.45
X31.325
X31.2
X31.1
X31.0
X30.9
X30.82
X30.74
X30.67
X30.61
X30.55
X30.5
X30.45
X30.419
X30.419
X30.419
G0 X40.0 Z5.0
2.3.2 : ½" अंतर्गत NPT थ्रेडिंग हेतु प्रोग्रैम
R = (Dbb - Dsb)/2
इसलिए
R = (0.8355 - 0.7932)/2
= 0.02115"
मिमी. में
R = 0.02115 * 25.4 = 0.5372 मिमी.
अब हम, तालिका क्र. 2.4 के अनुसार सारा इंपीरियल डेटा मैट्रिक में रूपांतरित करेंगे।
तालिका क्र. 2.4
हम कार्यवस्तु का मटीरीयल, प्लेन कार्बन स्टील ग्रेड का मान कर 60 मी./मिनट की सुरक्षित यंत्रण गति (Vc) से शुरुआत करेंगे। हम थ्रेडिंग में CSS का इस्तेमाल नहीं कर सकते, इसलिए हमें एक स्थिर आर.पी.एम. चुनना होगा।
औसत 19.75 मिमी. व्यास मान कर आगे दिया आर.पी.एम. मिलता है।
आर.पी.एम. = Vc/(3.14 * D)
60000/(3.14 * 19.75)
= 967
अर्थात 965
अब प्रोग्रैम इस प्रकार होगा
G97 S965 M3 T0202
G0 X16.0 Z10.0 M8
G1 X16.5 Z2.0 F0.5
G92 X17.5 Z-17.2 R0.5372 F1.8143
X17.7
X17.9
X18.05
X18.20
X18.35
X18.475
X18.6
X18.725
X18.85
X18.95
X19.05
X19.15
X19.25
X19.35
X19.43
X19.51
X19.58
X19.65
X19.72
X19.77
X19.82
X19.86
X19.90
X19.94
X19.98
X20.02
X20.06
X20.09
X20.12
X20.147
X20.147
X20.147
G0 X17.0 Z5.0
विवेक मराठे यांत्रिकी अभियंता हैं।
आप वैभव मैन्यूफैक्चरिंग सोल्यूशन्स प्रा. लि. के प्रबंधक संचालक हैं।
विभिन्न प्रकार के यंत्रभागों के उत्पादन के साथ ही आप प्रशिक्षु उम्मीदवारों के यांत्रिकी प्रशिक्षण पर जोर देते हैं।