ट्रायल बैलन्स का विभाजन

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Dhatukarya - Udyam Prakashan    30-सितंबर-2021   
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पाठकों के लिए इस लेख में नमूना बैलन्स शीट प्रस्तुत किया है जिससे, उस कंपनी की संपत्ति और देयक की 31 मार्च पर खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष की स्थिति राशियों में दर्शाई गई है। उसे और अच्छी तरह जानने हेतु, कंपनी कानूनों के अनुसार निश्चित किए गए फॉर्मैट की रचना समझ लेना आवश्यक होता है।
 

division of trial balance 
 

पिछले अंक में हमने, फाइनल अकाउंट अर्थात बैलन्स शीट और लाभ हानि पत्रक (प्रॉफिट अैंड लॉस अकाउंट) इन दोनों की प्राथमिक जानकारी ली। इसके साथ हमने यह भी समझा कि इन दो पत्रकों में, ट्रायल बैलन्स द्वारा लेजर अकाउंट से बैलन्स लेते समय कौनसे मानदंड़ लागू किए जाते हैं। इन दो पत्रकों में ट्रायल बैलन्स किस प्रकार विभाजित होता है और विभिन्न लेजर अकाउंट उस पत्रक में किन जगहों पर स्थापित होते हैं, ये जानकारी हम इस लेख से लेते हैं।

इसका पहला पड़ाव है, इन दो पत्रकों के लिए कंपनी कानून के अनुसार जो स्वरूप (फॉर्मेट) निश्चित किया गया है, उसका विन्यास समझ लेना। इसके लिए हम मानते हैं कि अबक कंपनी प्रा. लि., एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। हम इस कंपनी के (31 मार्च 2021 के दिन समाप्त हुए आर्थिक वर्ष से संबंधित) बैलन्स शीट (तालिका क्र. 1) का अध्ययन, नमूने के तौर पर करते हैं। इस तालिका में, विभिन्न शीर्षकों के तले जो जानकारी दी जाती है, उनके वैकल्पिक प्रचलित अंग्रेजी शब्द भी अगले स्तंभ (कॉलम) में दिए गए हैं। टैली से अंग्रेजी में प्राप्त होने वाला बैलन्स शीट और कंपनियों के मुद्रित वार्षिक प्रतिवेदन समझने हेतु इस जानकारी से मदद मिलेगी। टैली में बैलन्स शीट तथा लाभ एवं हानि पत्रक तैयार करने के लिए लेजर अकाउंट में जो प्राथमिक समूह (प्राइमरी ग्रुप) बनाए गए हैं, उनका संदर्भ भी तालिका में दिया गया है। जैसा कि हमने पहले देखा है, इन समूहों को चुनते समय कोई गलती हो जाने पर बैलन्स शीट कैसे गलत हो सकती है, यह भी हम इससे जान पाएंगे।



फाइनल अकाउंट के बेहद महत्वपूर्ण पत्रकों में होने वाले विभिन्न तत्वों पर अधिक विवेचन, लेखमाला के अगले भागों में हम प्रस्तुत करेंगे। इसलिए हर तत्व हेतु एक संदर्भ क्रमांक, एक स्तंभ में दिया गया है। इसका संदर्भ आने वाले संबंधित लेखों से होगा, जिससे यहाँ प्रस्तुत किए मुद्दे मिसाल के साथ समझने में सहायता मिलेगी। नमूने के तौर पर इस पत्रक को पाठक जतन करें तो लाभदायक होगा।
 

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तालिका क्र. 1

तालिका क्र. 1 में दिए नमूने के आधार पर फाइनल अकाउंट के बारे में जानते समय, शुरुआत में बैलन्स शीट की विविध संकल्पनाओं तथा तत्वों की अधिक जानकारी लेते हैं। हमने पहले देखा है कि बैलन्स शीट में व्यवसाय की, किसी भी तारीख की संपत्ति और देयक की स्थिति दर्शाते हैं। आसान शब्दों में समझने के लिए, केंद्र सरकार के बजट की मिसाल देखते हैं। अखबारों में केंद्रीय बजट के बारे में जो समाचार आते हैं, उनमें कई बार सरकार के पास जमा होने वाला हर रुपया कहाँ कहाँ से इकठ्ठा होना अपेक्षित है और यह जमा राशि, साल भर में किस पर खर्च करने का सरकारी नियोजन है यह एक 'पाइ चार्ट' के रूप में एक तालिका में दर्शाया जाता है। पाठक इसी तालिका से बजट का सामान्य रूप समझ सकते हैं। इसी प्रकार, बैलन्स शीट में भी किसी विशिष्ट दिन के अंत पर व्यवसाय में देयक के तौर पर कितना पैसा इकठ्ठा हुआ और वह व्यवसाय में किस प्रकार खर्च हुआ, अर्थात इन पैसों से व्यवसाय को कौनसी संपत्ति प्राप्त हुई, इसकी जानकारी संक्षिप्त स्वरूप में मिलती है।

बैलन्स शीट बनाते समय, ट्रायल बैलन्स में कौनसे अकाउंट, व्यवसाय की संपत्ति हैं और कौनसे अकाउंट, व्यवसाय के देयक हैं, इस पर पहले विचार किया जाता है। हमने इस संदर्भ में धातुकार्य के अगस्त 2021 के अंक में प्रकाशित लेख में जानकारी ली है। ट्रायल बैलन्स में मौजूद हर लेजर अकाउंट का वर्ग और बैलन्स की बाजू पर, वह अकाउंट बैलन्स शीट में आएगा या लाभ हानि पत्रक में आएगा यह तय होता है। यह तय करने के बाद संबंधित पत्रक में विशेष अकाउंट किस खड़े भाग में आएगा, यह तय किया जाता है। हर व्यवसाय में जिस वस्तु या सेवा की बिक्री होती है, उसका विचार भी संबंधित अकाउंट व्यवसाय की संपत्ति, देयक या उत्पन्न अथवा खर्च इनमें से किस प्रकार में है, यह भी तय किया जाता है। इसके साथ, संबंधित लेजर अकाउंट का वर्ग और टैली में उस अकाउंट का प्राथमिक समूह तय करते समय भी इस पर विचार किया जाता है। मिसाल के तौर पर, अधिकतर व्यवसायों में वाहन की खरीद रियल अकाउंट के वर्ग में होती है और उस अकाउंट का डेबिट बैलन्स, व्यवसाय की संपत्ति के रूप में बैलन्स शीट में खड़े भाग में दृश्य स्वरूप की अचल संपत्ति के तले वाहन के रूप में दर्शाया जाता है। टैली में उस अकाउंट का प्राथमिक समूह होता है 'फिक्स्ड् असेट'। लेकिन किसी व्यवसाय का बिजनेस मॉडल वाहन खरीद बिक्री करने वाले डीलर का हो, तो बिक्री हेतु खरीदे वाहन उस व्यवसाय के नॉमिनल वर्ग का अकाउंट होगा और उसका डेबिट बैलन्स, लाभ एवं हानि पत्रक में बिक्री हेतु खर्चा इस तत्व के नीचे दर्शाया जाएगा। टैली में उस अकाउंट का प्राथमिक समूह 'खरीद' होगा। हम इसे एक अन्य मिसाल से समझते हैं। ट्रक बनाने वाली किसी कंपनी में वर्ष के अंत में जो ट्रक शेष हो, उनके निर्माण में हुए उत्पादन के खर्चे की रकम उस कंपनी के फाइनल अकाउंट में चालू संपत्ति तत्व के तले, तैयार माल के स्टॉक के नाम से बैलन्स शीट में दर्शाई जाएगी। टैली में उस अकाउंट का प्राथमिक समूह, 'करंट असेट' ही होगा। लेकिन अगर उत्पादित ट्रक में से एक ट्रक, उसी कंपनी ने अपने ही कारखाने में माल ले जाने हेतु इस्तेमाल करने का निर्णय लिया, तो उस ट्रक का उत्पादन खर्चा स्टॉक के रूप में चल संपत्ति के तत्व के नीचे नहीं, बल्कि अचल संपत्ति नाम से बैलन्स शीट में दर्शाया जाएगा और टैली में इस अकाउंट का प्राथमिक समूह फिक्स्ड् असेट होगा।

इन दो मिसालों से पता चलता है कि लेजर अकाउंट का वर्ग और उसके आधार पर वह अकाउंट बैलन्स शीट में लिया जाएगा या लाभ हानि पत्रक में, यह निकष और टैली में उस अकाउंट का प्राथमिक समूह कौनसा रहेगा, यह दोनों बातें व्यवसाय के स्वरूप पर निर्भर करती हैं।
 

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तालिका क्र. 1 (आगे)

तालिका क्र. 1 में दर्शाए बैलन्स शीट पर नजर ड़ालें तो कई मुख्य बातों पर ध्यान जाता है। शीर्षक से ही तुरंत स्पष्ट होता है कि यह बैलन्स शीट, अबक कंपनी की संपत्ति और देयक की 31 मार्च 2021 की स्थिति नक्त रूपयों में बताता है। दूसरी बात यह है कि बैलन्स शीट के खड़े भाग में सारे देयक दर्शाए हैं और निचले दूसरे खड़े भाग में सारी संपत्ति दर्शाई है। पर्सनल वर्ग में आने वाले व्यक्ति एवं संस्थाओं के अकाउंट में क्रेडिट बैलन्स अर्थात उन्हें देय रकम, सामान्यतः व्यवसाय की देनदारियां होती है और वे बैलन्स शीट के पहले खड़े भाग में आती हैं। रियल वर्ग में शामिल वस्तुएं और निजि वर्ग में शामिल व्यक्ति एवं संस्थाओं के अकाउंट में डेबिट बैलन्स यानि उनसे आवक राशियां, आम तौर पर व्यवसाय की संपत्तियां होती हैं। इन सभी को बैलन्स शीट के दूसरे खड़े भाग में लिखा जाता है। तीसरा मुद्दा है कि अबक कंपनी का 31 मार्च 2021 का कुल देय 25 लाख रुपये हैं और कंपनी में उसी दिन उसी रकम जितनी संपत्ति है। इसका मतलब, देयक और संपत्ति दोनों समान रकम की हैं। चौथी बात है, देयक और संपत्ति इन दोनों भागों में दर्शाए विभिन्न लेजर अकाउंट का समूह बना कर विशेष फॉर्मेट में प्रस्तुत किया गया है।

जिन तत्वों तथा संकल्पनाओं के आधार पर यह विभाजन किया गया है, उनके बारे में हम अगले लेख में जानकारी लेते हैं।

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मुकुंद अभ्यंकर चार्टर्ड अकाउंटंट हैं। पिछले 30 वर्षों से आप कई कंपनियों के लिए लेखापरीक्षण तथा वित्तीय घटनाओं के विश्लेषण का काम कर रहे हैं।


 
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