पिछले लेख में हमने मशीन शुरु ही न होने और स्नेहन तेल (ल्युब्रिकैटिंग ऑइल) की मात्रा कम होने की समस्या के बारे में जानकारी पाई। इस लेख में हम स्नेहन तेल पर कम दबाव होने के असर और उस पर करनेयोग्य इलाज के बारे में जानकारी पाएँगे।
स्नेहन तेल निश्चित दबाव से मशीन को दिया जाता है। इस कार्य के लिए एक पंप की सुविधा होती है (चित्र क्र. 1)। साथ ही तेल का दबाव जाँचने के लिए एक दबावदर्शक कुंजी (प्रेशर स्विच) भी दी होती है। इस पंप से जरूरी दबाव पर तेल न निकलता हो तो यह कुंजी काम नहीं करती। इससे तेल का दबाव कम होने की चेतावनी मिलती है और पंप बंद हो जाता है।
हर 20 मिनट बाद केवल 4 सेकंड के लिए पंप काम करता है। इससे घिसे जाने वाले पुर्जों को तेल मिलता है। धातु एवं रबर होज पाईप की मदद से यह तेल विभिन्न जगहों तक पहुँचाया जाता है। तेल का दबाव कम हो तो स्नेहन का पंप बंद हो जाता है। कर्मचारी फिर से स्नेहन पंप शुरु करता है। पंप शुरु होते ही 2 सेकंड में इशारा (सिग्नल) मिलता है। यह इशारा ना मिले तो स्नेहन तेल का दबाव कम होने की चेतावनी (अलार्म) दी जाती है। इस तरह के इशारों को मूल स्थिति में वापस लाने के लिए एक कुंजी (रिसेट बटन R/B) होती है। यह कुंजी दबाते ही स्नेहन पंप शुरु होता है। 20 मिनट बाद दबाव कम होने का इशारा दे कर मशीन बंद हो जाती है। इस दौरान स्नेहन नहीं होता है। कर्मचारी फिर से R/B दबा कर मशीन शुरु कर सकता है। किसी भी प्रकार का निर्देश या चेतावनी पाने पर भी R/B दबा कर मशीन फिर से शुरु किया जा सकता है। यदि R/B दबा कर भी मशीन शुरु न हो तो ग्राहक हमें बुलाते हैं। यानी कि इस कुंजी का बार बार इस्तेमाल करते हुए कर्मचारी काम कर पाता है। परंतु मशीन में स्नेहन ना हो रहा हो तो यह बात मशीन के लिए काफी हानिकारक साबित होती है। अर्थात यह स्थिति पुरानी मशीन की थी। 4 या 5 साल पहले बनाई मशीन के साथ यह क्रिया मुमकिन थी। परंतु आज की नई मशीन से हमने यह संभवित खतरा हटा दिया है। हमने सुनिश्चित किया है कि नई मशीन में ठ/दबा कर स्वचालित आवर्तन (ऑटो साइकिल) शुरु ना हो। इसलिए मशीन किसी भी समय बिना स्नेहन के इस्तेमाल नहीं की जा सकती।
दबाव कम होने पर चेतावनी ना मिलने की वजहें
1. स्नेहन मोटर शुरु हो परंतु जरूरी दबाव उत्पन्न नहीं हुआ हो।
2. दबाव मोटर की घूमने की दिशा सही ना हो।
3. कुंजी खराब हो।
4. स्नेहन पंप मोटर बंद हो।
किसी पाईप/लाईन में कुछ रुकावट हो तो उसका पता नहीं चल सकता। इस स्थिति में मुमकिन है कि स्नेहन ना हो और इस कारण मशीन के पुर्जे खराब हो सकते हैं। ऐसे में चेतावनी देने वाली प्रणाली (कार्ट्रिज) बिठाई जा सकती है बल्कि वह बहुत ही खर्चीली एवं अव्यवहारिक साबित हो सकती है। वास्तव में इस तरह की रुकावट आने की संभावना बहुत ही कम होती है क्योंकि तेल हमेशा छानकर (फिल्टर कर के) ही इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए किसी भी किस्म के मैल से रुकावट निर्माण होने की संभावना कम है।
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एक और संभावना है कि पाईप दब जाने से रुकावट पैदा हुई हो। लेकिन धातु से बने पाईप आसानी से दब नहीं जाते। मरम्मत करते समय किसी भारी वस्तु उन पर गिरने से ही वे दब जाएँगे और यह बात ध्यान में आ जाएगी। उसी प्रकार, रबर होज या निपल बिगड़ी हो तो टंकी बहुत ही शीघ्रता से खाली हो जाएगी और यह बात भी तुरंत ध्यान में आ जाएगी। ऐसे में तेल टपकने की निशानी, बूँदों के रूप में, नजर आएगी या बड़ी रिसन दिखाई देगी। ये सभी चीजें आसानी से ध्यान में आ सकने वाली (डिटेक्टेबल) हैं। एक आवर्तन में यह टंकी करीबन 2 से 3 बार खाली हो जाएगी। रबर होज या धातु की पाईप ग्राहक बदलते हैं किंतु इसके लिए उसे इस बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है। अन्यथा वह हमसे मदद माँगते हैं।
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नारायण मूर्तीजी ‘माइक्रोमैटिक मशिन टूल्स प्रा. लि.’ में कस्टमर सपोर्ट विभाग के प्रमुख हैं। आप मशीन मेंटेनन्स में दीर्घ अनुभव रखते हैं।