कई बार विभिन्न कामों के लिए एक ही प्रकार के टूल अलग अलग मशीन पर इस्तेमाल करने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर मजबूत मशीन पर और अच्छे सेटअप में ही ऐसे टूल इस्तेमाल किए गए हो तो उनका कार्य अच्छा होता है। लेकिन वही टूल किसी पुराने मशीन पर या कम क्षमता के सेटअप में उपयोग में लाया गया हो तो उसकी कार्यप्रदर्शनी में कमी आती है या अपेक्षा के अनुसार काम नहीं होता है।
जब एक ही प्रकार की कार्यवस्तु पर, समान कार्य करते समय, कम कार्यक्षमता की मशीन या सेटअप का इस्तेमाल होता है तब टूल का चयन महत्वपूर्ण होता है। अगर उच्च कार्यक्षमता की मशीन पर मजबूत, दोहरी किनार के निगेटिव इन्सर्ट/टूल का इस्तेमाल किया गया तो अच्छा कार्यप्रदर्शन मिलेगा। लेकिन वही टूल पुरानी मशीन पर या कम कार्यक्षमता के सेटअप में इस्तेमाल हुई, तो कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ेगा। इसके विभिन्न कारण होते हैं
1. मशीन पर का कर्तन भार (कटिंग लोड)
2. पैरामीटर
3. फिक्श्चर सेटअप
4. मशीन पावर
जब फिक्श्चर या सेटअप में बदलाव नहीं ला सकते हैं या अत्यधिक पूँजी निवेश के कारण मशीन की स्थिरता बढ़ाना भी मुश्किल होता है, तब निम्नलिखित मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
1. किसी अन्य मशीन पर इस्तेमाल किए जाने वाले टूल का प्रयोग हम, कम मूल्य (वैल्यू) के पैरामीटर का उपयोग कर के, कर सकते हैं। कम मूल्य के पैरामीटर का उपयोग करने से आवर्तन काल बढ़ कर उत्पादकता पर परिणाम हो सकता है।
2. कठोर श्रेणी (ग्रेड) और पॉजिटिव ज्यामिति के इन्सर्ट चुनें, जिससे कर्तन भार कम होने में मदद मिलेगी और यंत्रण करने में आसानी होगी। नए टूल के लिए पूँजी लगानी पड़ती है। माल की सूची (इन्वेंटरी) कम रखने के लिए वही टूल बाद में अन्य मशीन पर भी इस्तेमाल हो सकेंगे।
केस स्टडी
फ्लाइवील हाउसिंग, अडैप्टर प्लेट, गिअरबाक्स हाउसिंग इस प्रकार के, ट्रैक्टर में उपयोग किए जाने वाले, पुर्जों का निर्माण करने वाला एक उत्पादक है। उनके पास वर्टिकल तथा हॉरिजाँटल मशीनिंग सेंटर और कुछ पारंपरिक मिलिंग मशीन हैं। उनको फ्लाइवील हाउसिंग इस पुर्जे की बड़ी आर्डर मिली। लेकिन इन पुर्जों की आपूर्ति ग्राहक को जल्दी चाहिए थी। अत: इस माँग को जल्दी से पूरी करने के लिए इस पुर्जे का काम पुरानी एवं नई दोनों मशीन पर करना आवश्यक था (तालिका क्र. 1)।
अच्छे सेटअप और स्थिर मशीन पर ग्राहक पहले से ही दोहरी किनार तथा 4 कोने वाले इन्सर्ट का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्हे वही टूल पुरानी मशीन पर कम कार्यक्षमता के सेटअप में इस्तेमाल करने थे। अभी जिस टूल का इस्तेमाल हो रहा था उससे पुरानी मशीन पर अपेक्षित कार्य नहीं हो रहा था और टूल की आयु भी कम हो रही थी। पृष्ठीय फिनिश भी अपेक्षानुसार नहीं था।
इसलिए सोच लगाई गई कि कटाई हेतु कम ताकत लगने वाला नया टूल संच इस्तेमाल कर के और पैरामीटर में बदलाव ला कर कम आवर्तन काल में अधिक उत्पादन किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है।
विशिष्टताएँ (तालिका क्र. 2)
डीमिल : एक छोर का पॉजिटिव इन्सर्ट
1. बड़ी वायपिंग किनार वाली 4 कटाई छोर (कटिंग एज)।
2. स्टील और कास्ट आयर्न पर कम कार्यक्षमता के सेटअप में उच्च गुणवत्ता के फेस मिलिंग के लिए आदर्श।
3. कम मोटाई के पुर्जों के लिए विेशसनीय 90ॅ का ऐप्रोच कोण।
4. स्क्रू का इस्तेमाल कर के आसान किंतु दृढ़ क्लैंपिंग के कारण महंगे स्पेयर पार्ट आवश्यक नहीं होते।
5. सर्पिल (हेलिकल) किनार की पॉजिटिव ज्यामिति की वजह से सफाईदार कर्तन।
लाभ
• इन्सर्ट के कोनों की त्रिज्या कम करने के कारण कर्तन भार कम होता है और बढ़िया पृष्ठीय फिनिश मिलती है।
• इन्सर्ट संच की आयु में 14% वृद्धि।
• टूलिंग खर्चा/पुर्जा 36.8 रुपये से घट कर 25.5 रुपये हुआ (31% बचत)।
• प्रति पुर्जा लागत (कॉस्ट पर कंपोनंट - सी.पी.सी.) में 10% घटाव आया।
• यही टूल अन्य मशीन पर भी इस्तेमाल कर सके। इससे विभिन्न प्रकार के टूल की इन्वेंटरी में कमी आई।
कम कार्यक्षमता के सेटअप में कर्तन भार कम कर सकने वाले पॉजिटिव इन्सर्ट का चयन कर के सही टूल संच इस्तेमाल करने की कार्यपद्धति की जानकारी ग्राहक को मिली और उनका लाभ हुआ। इसकी वजह से कम शक्ति एवं कमजोर सेटअप के मशीन का इस्तेमाल करने में सहायता मिली।
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विजेंद्र पुरोहितजी ने यांत्रिकी अभियंता की पदवी पाने के बाद ऑपरेशन मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की। आप को मशीन टूल एवं कटिंग टूल डिजाइन में 20 सालों का अनुभव है। आप ‘ड्युराकार्ब इंडिया’ कंपनी में तकनीकी सहायता विभाग के प्रमुख हैं।