फैक्टरी में काम करते समय हम कई क्रियाएँ सालों साल उन्ही तरीकों से करते रहते हैं। लेकिन यदि वह मूल क्रिया का ही ठीक से परीक्षण किया जाए तो शायद हमें उसमें सुधार लाकर उससे समय एवं पैसों की बचत करना मुमकिन होता है। व्यवसाय में हो रही गलतियाँ खोजना, नई जानकारी पाना, पाई गई जानकारी एवं उपलब्ध सामग्री का प्रयोग करते हुए उस आधार पर तंत्र संबंधी कुछ तरीके अपनाना, उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाना, कम कीमत एवं कम समय में अधिक उत्पादन करना...इस तरह की चीजें आज का उन्नतिशील उद्योजक करने लगा है। हमारे पुणे स्थित ‘टेक्नो स्किल इंजीनीयरिंग वर्क्स’ कंपनी में कम समय में, कम मानवीय श्रम का उपयोग करते हुए बैंड सॉ कटिंग मशीन पर लोहे के बार के चहीते आकार के टुकड़े बनाए जाते हैं।
बार काटने का पुराना तरीका
बार उठा कर बैंड सॉ मशीन पर रखना और उसका इच्छित हिस्सा ब्लेड के आगे निकाल कर वाईस कसना।
मशीन चला कर बार का टुकड़ा बनाना, वाईस खोल कर उसे अलग करना।
फिर से पीछे जा कर, बार आगे धकेलते हुए, पूरी विधि दोहराना।
पुराने तरीके में आने वाली दिक्कतें
बार अधिक लंबा और भारी हो तो उस पर काम करने के लिए एक से अधिक कर्मचारियों की जरूरत होती थी।
बार का टुकड़ा बनने के बाद उसे वाईस से मुक्त कर के फिर से पीछे आ कर बार आगे धकेलना आवश्यक होता था। बार अंदर धकेलने के बाद फिर आगे की ओर आ कर, जहाँ बार काटा जाता था, वहाँ उसे लॉक करना पड़ता था।
इसमें समय की बरबादी होने से कंपनी का नुकसान होता था। दो प्रधान समस्याएँ सुलझाने के बारे में सोचना शुरु हुआ।
1. बार जितना चाहे उतना ही आगे सरकाना मुमकिन करना ताकि कार्यवस्तु अचूक बने।
2. बार आगे धकेलने की विधि आसान एवं स्वचालित करने से समय की बचत होगी। इसके लिए रोलर और भार प्रणाली का प्रयोग करना तय हुआ।
नया तरीका : बार काटने हेतु बनाई हुई रोलर प्रणाली
बैंड सॉ मशीन पर रहे बार में पीछे से एक तार फँसाई गई। वह तार मशीन तक ला कर मशीन के केंद्र पर उस तार में एक वजन लटकाया गया। इस भार की मात्रा बार की मोटाई के अनुसार निश्चित की जाती है।
बार मशीन पर रखना। बार से जितनी लंबाई का टुकड़ा काटना हो उस लंबाईनुसार स्टॉपर निर्धारित करना।
मशीन चला कर बार का टुकड़ा बनाना। बार का टुकड़ा काटा जाने पर बार वाईस से निकालना।
बार वाईस से निकालने के तुरंत बाद वह भार की वजह से अपनेआप आगे सरकता है।
आगे की ओर लगाए हुए स्टॉपर के कारण बार जितना चाहिए उतना ही आगे सरकता है। फिर वाईस कस कर अगला टुकड़ा काटा जाता है।
बार आगे सरकने के बाद जब वजन जमीन के नजदीक आता है तब वजन पर तार की लपेटें बढ़ा कर उसे ऊपर उठाया जाता है।
रोलर प्रणाली से हुए लाभ
समय की बचत हुई।
प्रति घंटा उत्पादन बढ़ गया।
मानवी श्रम घट गए।
पिछले 3 से 4 महीनों से मशीन पर इस नए प्रयोग के अनुसार कार्यवस्तु बनाने का काम चल रहा है। लगभग 15 मिमी. से 40 मिमी. तक के व्यास का बार काटने में कोई दिक्कत नहीं आती है।
0 9822039904
tskill9@hotmail.com
प्रसाद परचुरेजी ‘टेक्नो स्किल इंजीनीयरिंग वर्क्स’ कंपनी के मालिक हैं। आपको जटिल पुर्जे अचूकता से बनाने का दीर्घ अनुभव है।