कारखाने में निरोधक (प्रिवेंटिव्ह) तथा अंदाजात्मक (प्रेडिक्टिव) देखभाल करने के लिए थर्मल इमेजिंग का प्रयोग किस तरह लाभकारी होता है, यह इस पाठ में बताया गया है।
औद्योगिक कारखाने में हर दिन बिना रुकावट और बिना समय बरबाद किए उत्पादन करना जरूरी है। इसके हेतु फैक्टरी में प्रतिबंधात्मक (प्रिवेंटिव) एवं पूर्वानुमानी (प्रेडिक्टिव) रखरखाव करना आवश्यक है। ऊष्मीय प्रतिमाएं (थर्मल इमेज) बनाने वाला कैमरा एक ऐसा उपकरण है जो छिपी खराबियों को दृश्यमान बनाता है और इन दोनों तरह के रखरखाव हेतु बहुत उपयोगी है। इस लेख में हम जानेंगे कि प्रतिबंधात्मक एवं पूर्वानुमानी रखरखाव के लिए मशीन में ऊष्मीय प्रतिमाओं का प्रयोग किस तरह फायदेमंद साबित होता है।
ऊष्मीय प्रतिमा (थर्मल इमेजिंग)
ऊष्मीय प्रतिमा लेने वाले कैमरा ऊष्मीय ऊर्जा का रूपांतरण दृश्य प्रकाश में कर के किसी चीज का विश्लेषण करने में सहायता करते हैं। इस प्रकार की प्रतिमा को ऊष्मीय प्रतिलेख (थर्मोग्राफ) कहा जाता है। ऐसी प्रतिमा के विश्लेषण के लिए ऊष्मीय मुद्रण (थर्मोग्राफी) पद्धति का प्रयोग होता है। ऊष्मीय प्रतिमा निर्माण करने वाले कैमरे में से तापमान की गिनती, अंकों में मिलने के बजाय, विभिन्न तापमान दर्शाने वाली तस्वीरों के रूप में मिलती है। फैक्टरी के किसी मशीन की फोटो लेते समय, चूंकि कैमरे में ‘चित्र के अंदर चित्र’ की सुविधा होती है, सामान्य डिजिटल चित्र के एक चौथाई हिस्से में उसी वस्तु की रंगीन ऊष्मीय प्रतिमा बनाई जाती है। ऊष्मीय प्रतिमा लेने वाले कैमरे को मशीन का भीतरी हिस्सा नजर नहीं आता, परंतु मशीन की सतह की रंगीन ऊष्मीय आरेखन (थर्मल प्रोफाईल) मिलता है। इससे पता चलता है कि मशीन में कहाँ बिगाड़ होने से अधिक गर्मी निर्माण हो रही है। फ्युजन अथवा सम्मिश्रण की सुविधा के जरिये, सामान्य डिजिटल प्रतिमा के साथ ही उस वस्तु का अधिकतम, न्यूनतम या औसत तापमान देना मुमकिन है। उजला (ब्राईट) पीला रंग उच्च तापमान दर्शाता है तो नीला रंग कम तापमान सूचित करता है (चित्र क्र.1)। स्क्रीन पर दिया हुआ कर्सर हिला कर चहीती जगह का सही तापमान नापा जा सकता है। उसके अनुसार प्रतिबंधात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। समय पर ये इलाज करने से आने वाले दिनों में मशीन बंद होने के कारण उत्पादन की होने वाली हानि को टाला जा सकता है। उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दुर्घटना की जोखिम टाली जा सकती है।
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ऊष्मीय प्रतिमाओं का प्रयोग एवं उपयोगिता
ऊष्मीय प्रतिमाएं बनाने वाले कैमरे आरंभ में सेना में इस्तेमाल हेतु बनाए गए। किंतु अब कई और क्षेत्रों में उनका प्रयोग किया जाता है। बिजली की तारों का रखरखाव करते हुए तांत्रिक कर्मचारी ज्यादा गर्म जोड़ समय पर पहचान कर संभाव्य बिगाड़ टाल सकते हैं। इमारत का ऊष्मावरोधन (थर्मल इन्सुलैशन) यदि खराब हो जाए, तो निर्माण का काम करने वाले व्यक्ति वह जगह ढूँढ़ सकते हैं जहाँ से गर्मी बाहर निकल रही हो और इमारत के तापमान का नियंत्रण करने वाली प्रणाली की, इमारत ठंड़ी या गर्म करने की क्षमता को सुधार सकते हैं।
ऊष्मीय प्रतिमाओं की जरूरत
मानिए कि कारखाने से किफायती उत्पादन पाने के लिए पूर्वानुमानी रखरखाव की जिम्मेदारी आप संभाल रहे हैं। तब यदि आप देख सके कि कौनसे मशीन में दोष पैदा होगा, तो उस पर उचित कारवाई करने हेतु आप सही समय चुन सकते हैं। किंतु दुर्भाग्यवश, सबसे गंभीर दोष तब तक नजर ही नहीं आते जब तक बहुत देर हो जाती है। इस तरह के दोष ऊष्मीय प्रतिमा के जरिए आपके सामने रखे जाते हैं।
कई उद्योग, व्यवसायों में उत्पादन बिना किसी बिगाड़ निरंतर जारी रहने के लिए उनके पूर्वानुमानी रखरखाव कार्यक्रम में ऐसे कई कीमती उपकरण शामिल होते हैं जिनसे दोष का निदान कर सकते हैं।
यांत्रिक उपकरण उत्पादन प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यांत्रिक उपकरणों की देखभाल करते वक्त, उनके कंपन के साथ कैमरे से मिली जानकारी भी सहायक साबित होती है। मशीन में किसी भी जगह अलाईनमेंट गलत हो, जोड़ सीधी रेखा में ना हो, तो वह भाग गर्म हो जाता है। इस बात का अच्छा उदाहरण है कन्वेयर बेल्ट। किसी रोलर का ज्यादा घिसाव हुआ हो तो इस प्रणाली की ऊष्मीय प्रतिमा में वह तुरंत दिखाई देगा और वह रोलर तत्काल बदला जाएगा।
सामान्यतः यांत्रिक पुर्जों की कार्यक्षमता उनके घिसाव के कारण घटती है। फलस्वरूप उनमें उत्पन्न होने वाली गर्मी बढ़ती है। इससे बिगड़ी हुई मशीन का तापमान काफी जल्द बढ़ता जाता है और वह बंद हो जाती है। ऊष्मीय प्रतिमा लेने वाले कैमरे से समय समय पर रेकार्ड किए गए तापमान की तुलना, उसी मशीन के उस तापमान रेकार्ड से की जाए जब सबकुछ सही चल रहा हो, तो विभिन्न तरह के कई बिगाड़ पहले से ही मालूम हो जाते हैं।
ऊष्मीय प्रतिमा बनाने पर होने वाली सीमाएं
• चूंकि ऊष्मीय ऊर्जा चमकीले पृष्ठों से परावर्तित होती है, ऊष्मीय प्रतिमा के कैमरे कांच के पार देख नहीं सकते।
• किसी दीवार के भीतरी हिस्से की जानकारी पाने हेतु ऐसे कैमरों का प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन वे दीवार के पार देख नहीं सकते।
• किसी स्थान पर दोष हुआ है या नहीं यह तय करते समय, केवल ऊष्मीय प्रतिमा के कैमरे के प्रयोग से अंतिम अनुमान ना निकालें बल्कि अन्य साधन इस्तेमाल कर के उस दोष का अस्तित्व निश्चित करना जरूरी होता है।
ऊष्मीय प्रतिमाओं से नजर आने वाली खराबियों के कुछ उदाहरण
• अपर्याप्त स्नेहन से उत्पन्न होने वाले दोष
• जोड़ एक रेखा में ना होने से आने वाले दोष
• मोटर का बढ़ा हुआ तापमान
• बिगड़े हुए रोलर
• ज्यादा लोड पर चलने वाले पंप
• मोटर के ज्यादा गर्म हुए ऐक्सल
• गर्म हुआ बेरिंग
ऊष्मीय प्रतिमा के कैमरे से ये और इस तरह के अन्य दोषों के संकेत मिलते हैं। इससे, आने वाली संभाव्य बड़ी वित्तीय हानि से बच सकते हैं और किसी दुविधा के बिना उत्पादन निरंतर चलता है। लाल एवं पीले रंगों से दर्शाए तापमान पर नियंत्रण रखना जरूरी होता है। किसी निश्चित बिंदु पर कर्सर ले जाएं तो उस स्थान के तापमान का पता चलता है। ऊष्मीय प्रतिमाओं की मदद से रखरखाव करते हुए, उसी किस्म के कार्य के लिए इस्तेमाल होने वाली मोटर की ऊष्मीय प्रतिमा बनाई जाती है और उस प्रतिमा का प्रयोग आदर्श रूप से किया जाता है। बिगड़ी हुई मोटर की प्रतिमा के साथ इस प्रतिमा की तुलना समय समय पर की जाए, तो मोटर की खराबी सही वक्त पर पता चलती है और उसे समय पर, उचित तरीके से ठीक किया जा सकता है। ऊष्मीय प्रतिमा के कैमरे ने खींची प्रतिमाओं से संबंधी अलार्म सेट करने की सुविधा होती है।
दोषपूर्ण रोलर का गर्म हुआ बेरिंग
ऊष्मीय प्रतिमा लेने वाले कैमरे की मदद से मोटर की भी जांच हो सकती है। कई बार मोटर के, ब्रश को स्पर्श करने वाले पृष्ठ का घिसाव होने या आर्मेचर में शॉर्ट सर्किट होने से, मोटर खराब हो कर बंद होने से पहले उसका तापमान बढ़ जाता है। परंतु यह बात कंपनों के विश्लेषण से ध्यान में नहीं आती क्योंकि इस प्रकार के दोष से कंपन बढ़ते नहीं हैं।
ऊष्मीय प्रतिमा के कैमरे की मदद से कपलिंग, गियरबाक्स, बेरिंग, पंप, कंप्रेसर, बेल्ट, ब्लोअर एवं कन्वेयर सिस्टम जैसे कई यांत्रिक उपकरणों का नियंत्रण किया जा सकता है।
फॉलोअप के रूप में पश्चात जरूरी रहे कार्य एवं नियोजन
घूमते पुर्जे होने वाले सभी मशीनों में घर्षण होने वाली हर एक जगह पर ऊष्मा निर्माण होती है। इसका मतलब है सभी बेरिंग गर्म हो जाते हैं। स्नेहन के उचित प्रबंध से घर्षण कम होता है और कुछ मात्रा में ऊष्मा दूर की जाती है। ऊष्मीय प्रतिमाओं से बेरिंग की स्थिति का वास्तव चित्र बनाया जाता है। ऊष्मीय प्रतिमाओं से जब नजर आता है कि बेरिंग गर्म हो रहा है तब, तत्काल निर्देश दे कर बेरिंग को स्नेहन आपूर्त करना या बेरिंग बदलना पड़ता है।
विश्वभर के आधुनिक कारखानों में, उनके मशीनों के रखरखाव अंतर्गत पूर्वानुमानी रखरखाव की योजना में ऊष्मीय प्रतिमा देने वाले कैमरों का उपयोग किया जाता है।
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अरविंद शिंदेजी विद्युत अभियंता है। आपको विद्युत/इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के बिक्री और परीक्षण का 32 सालों का तजुर्बा है। अभी आप ‘सनपॅसिफिक एंटरप्राइजेस प्रा. लि.’ कंपनी में विपणन संचालक है।