स्क्वेयर मिलिंग

24 Feb 2020 11:06:00
  
 
टोमोटिव, हैड्रोलिक, ऑयल अैंड गैस और मशीन टूल उद्योगों के उपकरणों के निर्माता (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर यानि ओ.इ.एम.), उनके पुर्जों के यंत्रण का अधिकांश काम पहले से ही बाहरी आपूर्तिकर्ताओं या विक्रेताओं से ही करवाना शुरू कर चुके हैं। इन आपूर्तिकर्ताओं को, मूल उपकरण निर्माता की आवश्यकता के अनुसार, उस पुर्जे के कच्चे माल से ले कर तैयार उत्पाद तक सभी प्रक्रिया कर के उत्पादन करना पड़ता है। इसलिए, पुर्जों के सभी मानदंडों को पूरा करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। साथ ही, ऐसा निर्माण बहुत बड़े पैमाने पर होता है। इसलिए अब इन आपूर्तिकर्ताओं को मशीन, टूलिंग, कर्मचारी तथा अन्य संसाधन एवं सुविधाओं में निवेश करना होता है। इसके बाद और चुनौतियां भी सिलसिलेवार आती हैं, जैसे कि निवेश का प्रतिफल, लागत घटाना, उत्पादकता बढ़ाना, प्रक्रिया का समय कम करना, उत्पाद की गुणवत्ता प्राप्त करना आदि। 
 
हमारे एक ग्राहक ट्रैक्टर, ऑयल अैंड गैस, ऑटोमोटिव और अर्थमूविंग जैसे भारी उपकरणों के पुर्जे बनाते हैं। कच्चे माल के फोर्जिंग से ले कर अंतिम उत्पाद बनाने तक के सभी कामों की जिम्मेदारी उनकी ही होती है। इसके लिए वें 42CrMo4, 16MnCr5, मिश्रधातु (अलॉइ) स्टील, स्टेनलेस स्टील (हैड्रोलिक फिटिंग के लिए) जैसे मटीरीयल का उपयोग करते है। उनके उत्पादन में एक शाफ्ट है जिसका उपयोग ट्रैक्टर की सबअसेंब्ली में ट्रांस्मिशन हेतु किया जाता है। 
 
उनके ग्राहक द्वारा इस शाफ्ट की पहले से ही काफी मांग थी और अब यह बढ़ कर हर महीने तीन गुना बन गई थी। वें अपने फैक्टरी की वर्तमान क्षमता का पूरा उपयोग कर के भी, इतना निर्माण नहीं कर सकते थे। टूल की लागत बढ़ाए बिना तथा यंत्रण का समय कम कर के, उत्पादकता बढ़ाने की चुनौती उन्होंने हमारे सामने रखी। हमने उनकी उत्पादन प्रक्रिया की पूरी जानकारी ले कर उसका बारीकी से अध्ययन किया।
 
पुरानी प्रक्रिया में किया जाने वाला काम इस प्रकार था। शाफ्ट पर टर्निंग, मिलिंग, हीट ट्रीटमेंट, ग्राइंडिंग, डीबरिंग, सफाई, मार्किंग और पैकिंग ऐसे कार्य किए जा रहे थे। हमने पाया कि टूलिंग और यंत्रण के सही पैरामीटर यदि चुनें जाते हैं, तो मिलिंग प्रक्रिया की लागत घटाने की तथा उत्पादकता बढ़ाने की बड़ी गुंजाइश है। वर्तमान मिलिंग प्रक्रिया में 4 कोनों के मिलिंग इन्सर्ट का उपयोग किया जा रहा था और पास की संख्या अधिक थी। तालिका क्र. 1 में पुरानी प्रक्रिया का विवरण दिया है। मौजूदा उत्पादन 1500 था, जिसे 4000 तक बढ़ाना एक बड़ी चुनौती थी। 
 

1_1  H x W: 0 x 
 
हमने सुझाव दिया कि 8 कोनों वाले बड़े तथा अधिक गहरे काट लेने में सक्षम इन्सर्ट का उपयोग किया जाए। हमने यंत्रण पास की संख्या 5 से घटा कर 2 रखने की भी योजना बनाई थी। उनकी मशीन की क्षमता अच्छी थी और वह गहरी कटाई करते वक्त बढ़ता हुआ भार सहने में सक्षम थी। हमारे इन्सर्ट के कर्तन छोर (कटिंग एज) पर होने वाली, बड़े सर्पिल (हेलिक्स) आकार की असाधारण ज्यामिति (जॉमेट्री) के कारण यंत्रण बल (कटिंग फोर्स) घटता है। हमने पास की संख्या घटाने के कारण, यंत्रण हेतु आवश्यक समयावधि भी पहले से कम हो गई। 
 

2_1  H x W: 0 x 
 
वर्तमान समस्याएं
• यंत्रण का समय (6 मिनट 45 सेकंड)
• कम उत्पादकता (1500/माह)
• टूल की कम आयु (इन्सर्ट का चिपिंग)
• प्रति पुर्जा अधिक लागत
• पृष्ठीय फिनिश प्राप्त न होना (3.2 Ra)
 

4_1  H x W: 0 x 
 
नई प्रक्रिया में हमने 8 कोनों के चौकोर इन्सर्ट का उपयोग करने का निर्णय लिया। यह इन्सर्ट अधिक गहरे काट ले सकता है। इस इन्सर्ट की कर्तन छोर पर बड़ा सर्पिल आकार होने की वजह से, अधिक गहरे काट लेते वक्त यंत्रण बल कम होता है। इस इन्सर्ट के उपयोग से आवश्यक पृष्ठीय फिनिश भी प्राप्त होता है। अधिक गहरे काट (डेप्थ ऑफ कट) ले कर हमने पास की संख्या 5 से घटा कर 2 पर लाई और पहले जैसा फिनिश भी बनाया रखा।
 

3_1  H x W: 0 x 
 
SNGU 120508 इन्सर्ट की विशेषताएं और लाभ
1. 8 कर्तन छोर
2. मजबूत कोणीय (अैंग्युलर) क्लैंपिंग 
3. कर्तन छोर पर बड़ा सर्पिल कोण और न्यूट्रल इन्सर्ट
4. कर्तन बलों को सहने के लिए मजबूत कर्तन छोर
 
नई प्रक्रिया अपनाने के बाद मिले लाभ आगे दिए गए हैं।
1. उत्पादकता 160% हो गई।
2. प्रति पुर्जा लागत 52% तक कम हो गई।
3. टूल की आयु 120% से बढ़ी।
4. आवर्तन समय 4 मिनट कम हुआ।
5. 4 कोने के इन्सर्ट की जगह 8 कोने के इन्सर्ट के लाभ प्राप्त हुए।
6. एक मशीन पर, एक महीने में 4000 शाफ्ट का उत्पादन आसानी से प्राप्त होने लगा।
 
 

vijendra_1  H x 
विजेंद्र पुरोहित
प्रबंधक (तकनीकी सहायता विभाग),
ड्युराकार्ब इंडिया
9579352519
purohit@duracarb-india.com
 
विजेंद्र पुरोहित 'ड्युराकार्ब इंडिया' कंपनी में तकनीकी सहायता विभाग के प्रमुख हैं। आपको मशीन टूल एवं कटिंग टूल डिजाइन में लगभग 20 सालों का अनुभव हैं।
 
Powered By Sangraha 9.0