किसी भी लेथ मशीन पर यंत्रण किया जाने वाला पुर्जा, आम तौर पर बेलनाकार होता है। इस प्रकार का पुर्जा पकड़ने के लिए 3 जॉ वाला सममितीय (सिमेट्रिकल) चक बिल्कुल सही होता है। लेकिन किसी पुर्जे का आकार गोल या बेलनाकार न हो तो उसे सहजता एवं अचूकता से पकड़ने हेतु जिस फिक्श्चर का इस्तेमाल किया जाता है, वह डिजाइन करना इंजीनीयर के लिए एक चुनौती होती है। जैसे ही भारतीय बाजार में सी.एन.सी. लेथ का इस्तेमाल बढ़ने लगा, ऐसे अनियमित पुर्जे पकड़ने के लिए तकनीकी रूप से परिपूर्ण फिक्श्चर का उत्पादन तथा आपूर्ति करने वाले व्यापारियों की कमी महसूस होने लगी। उसी समय बाजार की यह चुनौती अचूकता से पहचान कर हमने यानि 'ओंकार इंजीनीयरिंग' ने पुणे में इस क्षेत्र में कदम जमाए और आगे जा कर अपना स्थान मजबूत किया।
शुरु में हमने हाथ से कसने वाले चक के साथ ही हैड्रोलिक पॉवर चक भी बना कर बेचने शुरु किए लेकिन ग्राहक कुछ और भी चाहते थे। उन्हें अनियमित या उबड़खाबड़ आकार के पुर्जों का यंत्रण, लेथ पर करने के लिए विशिष्ट चक की आवश्यकता थी। हमने उन चुनौतियों को स्वीकार कर के, ना केवल ऐसे चक डिजाइन किए बल्कि उन्हें बना कर, ग्राहकों को बेच कर अभियान सफल भी कर दिखाया। इससे ग्राहकों का काम आसान और किफायती बना और हमारी ख्याति भी फैली कि हम कम समय में गारंटीकृत समाधान देते हैं।
कारोबार बढ़ाने के साथ ही हमने सी.एन.सी. लेथ के चक एवं उनके पुर्जों के साथ ही हैड्रोलिक सिलिंडर, हैड्रोलिक पॉवरपैक, एच.एम.सी. के जरूरी फिक्श्चर आदि की सफल आपूर्ति कर के उस क्षेत्र में भी नाम कमाया है।
वैज्ञानिक दृष्टि से बनाए गए किसी भी फिक्श्चर की संरचना 3-2-1 इस तत्व पर निर्भर करती है। जिसमें इस तत्व का पालन ठीक तरह से हुआ हो, उस प्रणालि से बनाए जाने वाले पुर्जों की गुणवत्ता में बेहतरीन निरंतरता प्राप्त होती है|
विविध प्रकार के टर्निंग फिक्श्चर
45° एल्बो के यंत्रण के लिए सी.एन.सी. चक
चित्र क्र. 1 में दर्शाया गया पुर्जा, लेथ पर स्थित 3 या 4 जॉ वाले चक में पकड़ कर अक्ष पर संकेंद्रीय (कॉन्सेंट्रिक) घुमाना संभव नहीं होता था। इस कारण आगे की पूरी प्रक्रिया अत्यंत जटिल एवं खर्चीली हो रही थी। इस पुर्जे के दोनों अक्षों पर यंत्रण करने हेतु फिक्श्चर बनाते समय आगे दी गई चुनौतियों का सामना करना पड़ा
• पुर्जा मशीन पर चढ़ाना तथा उतारना श्रमिक के लिए बहुत ही आसान होना चाहिए।
• पुर्जा न्यूनतम समय तथा मेहनत से निरंतर एक ही जगह पर स्थिर रखना संभव होना चाहिए।
• पुर्जे के दो अक्षों के बीच के परस्परसंबंधि माप, पूरी निरंतरता से अपेक्षित टॉलरन्स में प्राप्त करना आवश्यक है।
• यंत्रण दौरान पैदा होने वाले बल से आने वाली प्रतिक्रिया का सामना करने में सक्षम होना चाहिए।
हमारे डिजाइन विभाग ने एक आसान और नई संकल्पना प्रस्तुत की। 4 जॉ वाले आम चक के हर जॉ का डिजाइन अलग बना कर हर एक का उद्देश्य भी अलग ही तय किया। मिसाल के लिए, आमनेसामनेहोनेवालेजॉ की जोड़ी में से, एक के पुर्जासटने वालेपृष्ठपर 45° का कोण दे कर, दू सरे को 'V' आकार दिया गया। दूसरी जोड़ी में (चित्र क्र. 2) कोई बदलाव नहीं किया गया। इसी के अनुसार, ग्राहक की टूल रूम में सभी हिस्से अत्यधिक सतर्कता से बनाए। उत्पादन के बाद उनका सफल परीक्षण कर के वें ग्राहक को सौंपे गए।
2. स्टीयरिंग हाउसिंग के यंत्रण का फिक्श्चर
एक ख्यातकीर्त कंपनी के सप्लाइअर को स्टीयरिंग हाउसिंग बनाने का ऑर्डर मिला। इस हाउसिंग की रचना के कारण उसे आसानी से पकड़ना करीबन असंभव था। उसी समय उस आपूर्तिकर्ता ने विदेश (यूके ) में किसी खास मशीन के स्पिंडल पर लगाया हुआ फिक्श्चर देखा। वह मशीन आयात करने के बारे में सोचा होता, तोउसकी कीमत लगभग पौने दो करोड़ रुपये थी। ऐसी स्थिति में वह ऑर्डर लाभदायी साबित नहीं होता। ग्राहक से हमारी पुरानी पहचान होने के कारण उसने हमें उस हाउसिंग के लिए काम आने वाला फिक्श्चर डिजाइन कर के तथा बना कर देने के लिए पूछा।
3-2-1 तत्व का अत्यंत सतर्कता से इस्तेमाल करते हुए हमने यह फिक्श्चर (चित्र क्र. 3) बहुत ही कम समय में, केवल 85 हजार रुपयों में बना कर उस सप्लाइअर के कारखाने में उसी की मशीन पर सफलतापूर्वक बिठा कर दिया।
उस सप्लाइअर को, विभिन्न जगहों पर इस्तेमाल होने वाले, अनेक तरह के हाउसिंग, बार बार आवश्यक होते थे। जाहिर है कि इस के लिए विभिन्न फिक्श्चर भी कई बार आवश्यक होने वाले थे। यह मौका पहचान कर हमने शुरुआती हाउसिंग के फिक्श्चर के डिजाइन में आवश्यक बदलाव कर के उसकी कीमत भी नियंत्रण में रखने की नीति अपनाई। फलस्वरूप आज, लगभग 8-9 सालों के बाद भी हम इस प्रकार के फिक्श्चर, करीबन पहली वाली कीमत में ही उपलब्ध कराते हैं।
3. स्टेटर हाउसिंग के यंत्रण हेतु फिक्श्चर
हमारे एक महत्वपूर्ण ग्राहक, उनके स्टेटर हाउसिंग के लिए भरोसेमंद फिक्श्चर बना कर देने के लिए काफी समय से आग्रही थे। चूंकि यह हाउसिंग बहुत ही नाजुक था, उसका हर तरफ से यंत्रण नहीं करना था। लेकिन बिना यंत्रण के हिस्सों का यंत्रण किए जाने वाले हिस्सों से परस्परसंबंध बहुत ही परिशुद्ध था। साथ ही उसके अक्षीय आयामों पर भी बहुत अधिक नियंत्रण रखना जरूरी था। इन सभी आवश्यकताओं पर गहराई से सोचने के बाद, हमने एक ऐसा फिक्श्चर (चित्र क्र. 4) बनाया जिसकी रचना होनिंग ऑपरेशन करने वाले क्विल पर होने वाली एक्स्पांडिंग मैंड्रिल की संरचना की तरह थी।
इसके परीक्षण के दौरान, पहले ही प्रयास में, गुणवत्ता के सभी मापदंड निर्देशित स्तरों पर होते देखे गए। इसके अलावा, यह इस्तेमाल में इतना आसान था कि श्रमिकों को कोई भी तकलीफ नहीं हुई। आगे जा कर यही माना जाने लगा कि जटिल एवं चुनौतिपूर्ण फिक्श्चर के भरोसेमंद सप्लाइअर हैं 'ओंकार इंजीनीयरिंग।
फिक्श्चर सफल होने पर उसका इतना बोलबाला हुआ कि जनसेट बनानेवाली उस कंपनी के विदेशी साझेदार या ग्राहक जब भी हमसे मिलने आते हैं, इसकी संकल्पना की तारीफ तो करते ही हैं, साथ ही उसके फोटो भी खींचते हैं।
अजय पुरोहित
संचालक, ओंकार इंजीनीयरिंग
8446073884
ajaypurohit6997@gmail.com
पेशे से मेकैनिकल इंजीनीयर होने वाले अजय पुरोहित ने, 20 साल विभिन्न पदों पर काम करने के बाद 2004 में 'ओंकार इंजीनीयरिंग' की शुरुआत की। यह कंपनी मांग के अनुसार फिक्श्चर बनाने में माहिर मानी जाती है।