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2019-20 का आर्थिक वर्ष, कई तरह से अभूतपूर्व रहा। इस वर्ष में हमने मानवीय व्यवहारों का मूल रूप ही बदलते हुए देखा। दुनियाभर के अनेक उद्योगों ने इस कालखंड़ में सकल आर्थिक परिमाणों के न्यूनतम स्तर अनुभव किए। होटल, यात्रा जैसे उद्योग तो आज भी मंदी में ही हैं। भारत में, गए वर्ष की पहली तिमाही में सर्वत्र लॉकडाउन ही था। लेकिन जून महीने के अंत से धीमे धीमे शुरू हुए उद्योगों ने अगले कुछ ही दिनों में रफ्तार पकड़ी और फलस्वरूप, मार्च 2021 में GST का संकलन 1.24 लाख करोड़ रुपयों के सर्वोच्च स्तर पर देखा गया। आर्थिक वर्ष 2019-20 में प्राप्त हुआ कुल वार्षिक संकलन 12 लाख 22 हजार 119 करोड़ रुपये था। इसकी तुलना में आर्थिक वर्ष 2020-21 की कुल राशि 11 लाख 36 हजार 803 करोड़ रुपये रही। यानि कुल 7% की ही कमी देखी गई। भारत सरकार के अनुमान के अनुसार, वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था का 8% संकोच अपेक्षित था। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 11% बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। विश्व बैंक ने प्रस्तुत किए अनुमान द्वारा इसे समर्थन ही मिलता है, क्योंकि विश्व बैंक ने करीबन 10.1% विस्तार का अनुमान दिया है।
टेक्नाव्हिओ यह कंपनी विश्वस्तरीय विज्ञान, अनुसंधान एवं परामर्श सेवा के क्षेत्रों में काम करती है। इसके सर्वेक्षण के अनुसार, भारत का मशीन टूल बाजार आने वाले 4-5 वर्षों में, हर वर्ष 13% बढ़ने वाला है। 2025 तक यह उद्योगक्षेत्र 1.9 बिलियन डॉलर से बढ़ने की संभावना व्यक्त की है। कोरोना के दिनों में हुई घटनाओं के फलस्वरूप फिलहाल यह उद्योग थोड़ा रुका सा दिखता है लेकिन इंडस्ट्री 4.0 संकल्पना की बढ़ती लोकप्रियता और संगणकीकृत उत्पादन प्रणाली की ओर होने वाले झुकाव से, बाजार को आवश्यक गति प्राप्त होगी। सभी उद्योगों में स्वचालन की तरफ दिखती बढ़त, उत्पादन प्रक्रिया में अपेक्षित सटीकता की जरूरत, सी.एन.सी. आधारित मशीन टूल की मांग आदि बातें बाजार की प्रगति के लिए पूरक साबित होने वाली हैं। इसमें अर्थात इस बात का महत्वपूर्ण योगदान रहा है कि दक्षिण आशियाई क्षेत्र में भारत, वाहन उद्योग के एक प्रमुख उत्पादन केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। यह भी अनुमान किया जा रहा है कि उद्योगों के साथ ही रेल्वे, निर्माण, जहाज एवं विमान उद्योग, पवनउर्जा जैसे क्षेत्रों का अपेक्षित विस्तार भी मशीन टूल उद्योग को पूरक रहेगा।
इन सभी अनुमानों से एक बात तो हमें स्पष्ट होती है कि भविष्य में टिके रह कर उन्नति करनी हो तो अपनी उत्पादन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक का सहभाग बढ़ाना अनिवार्य है। ‘धातुकार्य’ के अब तक प्रकाशित अंकों द्वारा हम, लघु मध्यम उद्योगों में काम करने वाले तकनीशियन तथा उद्यमियों को नई तकनीक एवं प्रक्रियाओं से परिचित कराने का प्रयास हमेशा करते आए हैं। इस अंक में, सी.एन.सी. टर्निंग में प्रस्थापित हो रही मल्टी स्पिंडल स्विस तकनीक की जानकारी देने वाला लेख हमने शामिल किया है। छोटे आकार की वस्तुएं बड़ी मात्रा में बनाने वाले उद्यमियों को यह तकनीक जरूर आकर्षित करेगी। पिछले 40 वर्ष भारतीय मशीन उद्योग को दर्जेदार चक आपूर्त करने वाले उद्योग से प्राप्त लेख से, लेथ पर बिठाए चक के रखरखाव के बारे में आपको निश्चित मार्गदर्शन मिलेगा। प्रक्रिया सुधार विभाग में छपे लेखों में, उत्पादकता बढ़ाने हेतु किए गए विभिन्न प्रयासों के बारे में आप पढ़ेंगे। टूलिंग विभाग में डबल क्लैंपिंग और थ्रू कूलंट क्षमता रखने वाले टूल होल्डर की जानकारी के साथ, प्रक्रिया सुधारने वाले टूलिंग के बारे में बताने वाले लेख भी आपका ध्यान आकर्षित करेंगे। आर्थिक नियोजन, जिग्ज और फिक्श्चर, सी.एन.सी. प्रोग्रैमिंग, इंडस्ट्री 4.0 एवं IoT आदि नियमित लेखमालाएं भी आपके काम में उभरने वाली समस्याएं हल करने में यकीनन उपयुक्त होगी।
दीपक देवधर
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